Operator Advanced Machine Tools

आईटीआई ऑपरेटर उन्नत मशीन टूल्स ट्रेड पाठ्यक्रम

आईटीआई ऑपरेटर उन्नत मशीन टूल्स ट्रेड एक द्विवर्षीय व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जो नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग (एनसीवीटी) द्वारा क्राफ्ट्समैन ट्रेनिंग स्कीम (सीटीएस) के तहत संचालित होता है। यह इंजीनियरिंग ट्रेड व्यक्तियों को उन्नत मशीन टूल्स, जैसे कि सीएनसी (कंप्यूटर न्यूमेरिकल कंट्रोल) लेथ, मिलिंग मशीन, ग्राइंडर, और अन्य सटीक उपकरणों को संचालित करने, सेट करने, और रखरखाव करने के लिए प्रशिक्षित करता है, ताकि ऑटोमोटिव, एयरोस्पेस, और विनिर्माण उद्योगों के लिए धातु के घटक बनाए जा सकें। पाठ्यक्रम सैद्धांतिक ज्ञान, प्रायोगिक मशीनिंग कौशल, और रोजगार योग्यता कौशल को जोड़ता है ताकि छात्रों को औद्योगिक सेटिंग्स में सीएनसी ऑपरेटर, मशीनिस्ट, या टूल रूम तकनीशियन के रूप में, या स्व-नियोजित पेशेवरों के रूप में वर्कशॉप चलाने के लिए तैयार किया जा सके।

कोर्स का संक्षिप्त विवरण

  • अवधि: 2 वर्ष (4 सेमेस्टर, प्रत्येक 6 महीने)
  • एनएसक्यूएफ स्तर: स्तर 5
  • योग्यता: न्यूनतम 10वीं कक्षा उत्तीर्ण विज्ञान और गणित के साथ (या समकक्ष)
  • उद्देश्य: प्रशिक्षुओं को उन्नत मशीन टूल्स संचालित करने, सीएनसी मशीनों को प्रोग्राम करने, और औद्योगिक मानकों को पूरा करने वाले सटीक घटक बनाने के कौशल से लैस करना।

विस्तृत पाठ्यक्रम विभाजन 

1. ट्रेड थ्योरी (सैद्धांतिक ज्ञान)

मशीन टूल संचालन, सीएनसी प्रोग्रामिंग, और गुणवत्ता नियंत्रण सिद्धांतों को कवर करता है।

  • सेमेस्टर 1
    • मशीन टूल्स का परिचय
      • अवलोकन: ऑपरेटरों की भूमिका, विनिर्माण में दायरा, सुरक्षा प्रथाएँ।
      • मशीनें: लेथ, ड्रिलिंग मशीन, ग्राइंडर, उनके घटक, और कार्य।
      • सुरक्षा: उपकरण हैंडलिंग, मशीन गार्ड, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE)।
    • इंजीनियरिंग सामग्री
      • प्रकार: धातुएँ (स्टील, एल्यूमिनियम), मिश्र धातुएँ, उनके गुण, ताप उपचार।
      • चयन: ताकत, टिकाऊपन के आधार पर मशीनिंग के लिए सामग्री चुनना।
      • परीक्षण: कठोरता, तन्य शक्ति, सामग्री दोष।
    • माप उपकरण
      • उपकरण: वर्नियर कैलिपर, माइक्रोमीटर, डायल गेज, उनकी कैलिब्रेशन।
      • तकनीक: सटीक माप, सहनशीलता, सतह खत्म जाँच।
      • मानक: मशीनिंग में गुणवत्ता नियंत्रण के लिए BIS, ISO।
    • काटने के उपकरण और संचालन
      • उपकरण: एकल-बिंदु, बहु-बिंदु, उपकरण ज्यामिति, उपकरण जीवन।
      • संचालन: टर्निंग, फेसिंग, ड्रिलिंग, बोरिंग, नूरलिंग, पार्टिंग-ऑफ।
      • पैरामीटर: काटने की गति, फीड दर, कट की गहराई, उनकी गणना।
    • लेथ संचालन
      • प्रकार: सेंटर लेथ, टर्रेट लेथ, उनके सेटअप, और अनुप्रयोग।
      • प्रक्रियाएँ: थ्रेड कटिंग, टेपर टर्निंग, एक्सेंट्रिक टर्निंग।
      • सहायक उपकरण: चक (3-जॉ, 4-जॉ), फेसप्लेट, स्टेडी, मैंड्रेल।
    • बुनियादी वर्कशॉप प्रथाएँ
      • कौशल: मार्किंग, फाइलिंग, हैकसॉइंग, चिपिंग, स्क्रैपिंग।
      • उपकरण: बेंच वाइस, हाथ उपकरण, सतह प्लेट, उनका रखरखाव।
      • चित्र: ब्लूप्रिंट पढ़ना, GD&T (ज्यामितीय आयाम और सहनशीलता) की व्याख्या।
  • सेमेस्टर 2
    • मिलिंग मशीनें
      • प्रकार: वर्टिकल, हॉरिजॉन्टल, यूनिवर्सल मिलिंग मशीनें, उनके हिस्से।
      • संचालन: फेस मिलिंग, स्लॉट मिलिंग, प्रोफाइल मिलिंग, गियर कटिंग।
      • सहायक उपकरण: डिवाइडिंग हेड, रोटरी टेबल, इंडेक्सिंग तंत्र।
    • ग्राइंडिंग मशीनें
      • प्रकार: सतह, बेलनाकार, सेंटरलेस ग्राइंडर, उनके सेटअप।
      • प्रक्रियाएँ: ग्राइंडिंग व्हील, ड्रेसिंग, ट्रूइंग, बैलेंसिंग, सतह खत्म।
      • पैरामीटर: व्हील गति, वर्क गति, ग्राइंड की गहराई, कूलेंट उपयोग।
    • ड्रिलिंग और बोरिंग
      • मशीनें: रेडियल, पिलर, गैंग ड्रिलिंग मशीनें, बोरिंग मिल्स।
      • संचालन: ड्रिलिंग, रीमिंग, काउंटरबोरिंग, काउंटरसिंकिंग, स्पॉट फेसिंग।
      • उपकरण: ट्विस्ट ड्रिल, रीमर, बोरिंग बार, उनकी चयन और शार्पनिंग।
    • जिग्स और फिक्सचर
      • अवधारणाएँ: डिज़ाइन, उद्देश्य, प्रकार (लोकेटिंग, क्लैंपिंग)।
      • अनुप्रयोग: बड़े पैमाने पर उत्पादन में सटीकता, दोहराव में सुधार।
      • रखरखाव: जिग्स/फिक्सचर की सफाई, टूट-फूट के लिए निरीक्षण।
    • स्नेहन और कूलेंट्स
      • प्रकार: तेल, इमल्शन, सिंथेटिक कूलेंट्स, उनके गुण।
      • सिस्टम: स्प्लैश, फ्लड, मिस्ट स्नेहन, कूलेंट परिसंचरण।
      • महत्त्व: मशीनिंग में घर्षण, गर्मी, उपकरण टूट-फूट को कम करना।
    • गुणवत्ता नियंत्रण मूल बातें
      • मानक: सहनशीलता, फिट्स, सतह खुरदरापन, निरीक्षण विधियाँ।
      • उपकरण: कॉम्परेटर, प्रोफिलोमीटर, CMM (कोऑर्डिनेट मेजरिंग मशीन)।
      • प्रक्रियाएँ: सांख्यिकीय प्रक्रिया नियंत्रण (SPC), दोष विश्लेषण।
  • सेमेस्टर 3
    • सीएनसी मशीनों का परिचय
      • अवधारणाएँ: सीएनसी लेथ, मिलिंग, उनके घटक, नियंत्रण पैनल।
      • प्रोग्रामिंग: G-कोड, M-कोड, समन्वय प्रणाली, टूल पाथ।
      • संचालन: वर्कपीस, उपकरण सेट करना, शून्य बिंदु, ड्राई रन।
    • सीएनसी प्रोग्रामिंग मूल बातें
      • भाषाएँ: ISO, FANUC, Siemens नियंत्रण प्रणाली।
      • प्रोग्राम: रैखिक, वृत्तीय इंटरपोलेशन, कैनेड साइकिल (ड्रिलिंग, टैपिंग)।
      • उपकरण: CAD/CAM सॉफ्टवेयर मूल बातें, प्रोग्राम सिमुलेशन, संपादन।
    • सीएनसी मशीन संचालन
      • सेटअप: वर्क होल्डिंग, टूल चयन, ऑफसेट सेटिंग्स।
      • निष्पादन: प्रोग्राम चलाना, मशीनिंग निगरानी, पैरामीटर समायोजन।
      • रखरखाव: सीएनसी मशीनों की सफाई, स्नेहन, संरेखण जाँच।
    • हाइड्रोलिक्स और न्यूमैटिक्स
      • सिस्टम: पंप, वाल्व, एक्ट्यूएटर, मशीन टूल्स में उनकी भूमिका।
      • सर्किट: सीएनसी, क्लैंपिंग सिस्टम में हाइड्रोलिक/न्यूमैटिक नियंत्रण।
      • समस्या निवारण: रिसाव, दबाव समस्याएँ, सिस्टम विफलताएँ।
    • उन्नत काटने के उपकरण
      • सामग्री: कार्बाइड, सिरेमिक, CBN (क्यूबिक बोरॉन नाइट्राइड), कोटिंग्स।
      • प्रकार: इंसर्ट, एंड मिल्स, ड्रिल्स, उनकी ज्यामिति, अनुप्रयोग।
      • चयन: सामग्री, गति, और फीड के लिए उपकरण अनुकूलन।
    • उत्पादन नियोजन
      • अवधारणाएँ: बैच उत्पादन, कार्य शेड्यूलिंग, समय अनुमान।
      • उपकरण: प्रक्रिया पत्रक, कार्य आदेश, उत्पादन चार्ट।
      • दक्षता: डाउनटाइम कम करना, मशीन उपयोग अनुकूलन।
  • सेमेस्टर 4
    • उन्नत सीएनसी प्रोग्रामिंग
      • तकनीक: मल्टी-एक्सिस मशीनिंग, सबप्रोग्राम, मैक्रोज।
      • साइकिल: डीप होल ड्रिलिंग, थ्रेडिंग, जटिल प्रोफाइल मिलिंग।
      • अनुकूलन: साइकिल समय, उपकरण जीवन, सटीकता में सुधार।
    • सीएनसी मशीन रखरखाव
      • कार्य: निवारक रखरखाव, स्पिंडल संरेखण, बैकलैश समायोजन।
      • निदान: त्रुटि कोड, सेंसर कैलिब्रेशन, सर्वो मोटर जाँच।
      • रिकॉर्ड: रखरखाव लॉग, स्पेयर पार्ट्स इन्वेंट्री प्रबंधन।
    • ऑटोमेशन और रोबोटिक्स
      • अवधारणाएँ: स्वचालित लोडिंग, रोबोटिक आर्म, इंडस्ट्री 4.0 मूल बातें।
      • एकीकरण: पीएलसी (प्रोग्रामेबल लॉजिक कंट्रोलर), IoT के साथ सीएनसी।
      • अनुप्रयोग: लाइट्स-आउट विनिर्माण, स्मार्ट फैक्ट्रियाँ।
    • टूल रूम प्रथाएँ
      • संचालन: डाई मेकिंग, मोल्ड मेकिंग, सटीक ग्राइंडिंग।
      • उपकरण: EDM (इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज मशीनिंग), वायर-कट मशीनें।
      • कौशल: रिवर्स इंजीनियरिंग, टूल संशोधन, मरम्मत।
    • मेट्रोलॉजी और निरीक्षण
      • उन्नत उपकरण: लेजर स्कैनर, ऑप्टिकल कॉम्परेटर, 3D स्कैनर।
      • तकनीक: प्रक्रिया में निरीक्षण, अंतिम गुणवत्ता जाँच, रिपोर्टिंग।
      • मानक: ISO 9001, AS9100 एयरोस्पेस, ऑटोमोटिव उद्योगों के लिए।
    • उद्यमिता और उद्योग रुझान
      • व्यवसाय: मशीनिंग वर्कशॉप शुरू करना, लागत अनुमान, क्लाइंट संबंध।
      • रुझान: एडिटिव विनिर्माण, ग्रीन मशीनिंग, सीएनसी में AI।
      • प्रमाणन: NIMS (नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर मेटलवर्किंग स्किल्स), ASME।

2. ट्रेड प्रैक्टिकल (हाथों से कौशल)

वर्कशॉप सेटिंग्स में मशीन संचालन, प्रोग्रामिंग, और गुणवत्ता जाँच पर केंद्रित।

  • सेमेस्टर 1
    • सुरक्षा और वर्कशॉप प्रथाएँ
      • अभ्यास: PPE पहनना, उपकरण हैंडलिंग, आपातकालीन स्टॉप।
      • प्रदर्शन: लैब में वर्कपीस पर मार्किंग, फाइलिंग, ड्रिलिंग।
      • जाँच: वर्कशॉप में उपकरण स्थिति, कार्यस्थल स्वच्छता।
    • लेथ संचालन
      • सेटअप: 3-जॉ/4-जॉ चक पर वर्कपीस, सेंटर संरेखण।
      • प्रदर्शन: लैब में टर्निंग, फेसिंग, थ्रेडिंग, टेपर टर्निंग।
      • माप: वर्नियर, माइक्रोमीटर से आयाम, सहनशीलता।
    • काटने के उपकरण की तैयारी
      • ग्राइंडिंग: टूल रूम में सिंगल-पॉइंट उपकरण, ड्रिल्स, कोण जाँच।
      • सेटिंग: लेथ टूल पोस्ट में उपकरण, उचित रेक कोण सुनिश्चित करना।
      • परीक्षण: मशीनीकृत हिस्सों पर उपकरण प्रदर्शन, सतह खत्म।
    • सटीक माप
      • उपयोग: लैब में वर्नियर कैलिपर, माइक्रोमीटर, हाइट गेज।
      • जाँच: वर्कपीस की गोलाई, समतलता, समानता।
      • रिकॉर्डिंग: निरीक्षण पत्रक में माप, विचलन।
    • प्रोजेक्ट कार्य
      • कार्य: लैब में साधारण घटक (जैसे, शाफ्ट, बुश) मशीनिंग।
      • आउटपुट: सहनशीलता (±0.1 मिमी) प्राप्त करना, प्रक्रिया दस्तावेजीकरण।
      • रिपोर्ट: सेटअप, उपकरण, सामना की गई चुनौतियों का विवरण।
  • सेमेस्टर 2
    • मिलिंग संचालन
      • सेटअप: वाइस, क्लैंप का उपयोग कर मिलिंग टेबल पर वर्कपीस।
      • प्रदर्शन: लैब में फेस मिलिंग, स्लॉटिंग, कीवे कटिंग।
      • उपयोग: गियर कटिंग, इंडेक्सिंग कार्यों के लिए डिवाइडिंग हेड।
    • ग्राइंडिंग संचालन
      • तैयारी: ग्राइंडिंग व्हील, ड्रेसिंग, ग्राइंडर पर माउंटिंग।
      • प्रदर्शन: लैब में सतह ग्राइंडिंग, बेलनाकार ग्राइंडिंग।
      • माप: प्रोफिलोमीटर से सतह खत्म, सहनशीलता।
    • ड्रिलिंग और बोरिंग
      • सेटअप: लैब में रेडियल ड्रिलिंग मशीनें, बोरिंग बार।
      • प्रदर्शन: निर्दिष्ट गहराई तक ड्रिलिंग, रीमिंग, बोरिंग।
      • जाँच: डायल गेज से छेद सटीकता, संरेखण।
    • जिग्स और फिक्सचर
      • असेंबलिंग: ड्रिलिंग, मिलिंग के लिए नकली सेटअप में जिग्स।
      • परीक्षण: लैब में मशीनीकृत हिस्सों की दोहराव, सटीकता।
      • रखरखाव: जिग्स/फिक्सचर की सफाई, उचित भंडारण।
    • प्रोजेक्ट कार्य
      • कार्य: एकाधिक संचालन (जैसे, कीवे, स्लॉट) के साथ घटक मशीनिंग।
      • आउटपुट: सहनशीलता (±0.05 मिमी) प्राप्त करना, फिट्स सत्यापन।
      • पोर्टफोलियो: सेटअप, निरीक्षण, और परिणामों का दस्तावेजीकरण।
  • सेमेस्टर 3
    • सीएनसी मशीन सेटअप
      • तैयारी: सीएनसी लेथ/मिलिंग, उपकरण, वर्कपीस स्थापना।
      • सेटिंग: लैब में टूल ऑफसेट, वर्क ऑफसेट, शून्य बिंदु।
      • परीक्षण: मशीनिंग से पहले ड्राई रन, टूल पाथ सत्यापन।
    • सीएनसी प्रोग्रामिंग
      • लेखन: G/M कोड का उपयोग कर टर्निंग, मिलिंग के लिए साधारण प्रोग्राम।
      • सिमुलेशन: सीएनसी सिमुलेटर पर प्रोग्राम, त्रुटि जाँच।
      • निष्पादन: लैब में सीएनसी मशीनों पर प्रोग्राम, हिस्से उत्पादन।
    • सीएनसी संचालन
      • संचालन: नकली सेटअप में टर्निंग, थ्रेडिंग के लिए सीएनसी लेथ।
      • मिलिंग: सीएनसी मिलिंग मशीनों पर स्लॉट, पॉकेट, कंटूर।
      • निगरानी: मशीनिंग प्रक्रिया, फीड/स्पीड समायोजन।
    • हाइड्रोलिक/न्यूमैटिक सिस्टम
      • असेंबलिंग: लैब में क्लैंपिंग, टूल मूवमेंट के लिए साधारण सर्किट।
      • परीक्षण: दबाव, प्रवाह, सिस्टम में रिसाव का पता लगाना।
      • समस्या निवारण: सेटअप में वाल्व विफलताएँ, एक्ट्यूएटर समस्याएँ।
    • प्रोजेक्ट कार्य
      • कार्य: सीएनसी घटक (जैसे, फ्लैंज) प्रोग्रामिंग और मशीनिंग।
      • आउटपुट: सहनशीलता (±0.02 मिमी) प्राप्त करना, गुणवत्ता सत्यापन।
      • रिपोर्ट: प्रोग्राम कोड, सेटअप फोटो, निरीक्षण डेटा सहित।
  • सेमेस्टर 4
    • उन्नत सीएनसी प्रोग्रामिंग
      • निर्माण: जटिल हिस्सों के लिए मल्टी-एक्सिस प्रोग्राम, सबप्रोग्राम।
      • अनुकूलन: लैब में CAM सॉफ्टवेयर का उपयोग कर टूल पाथ, साइकिल समय।
      • निष्पादन: सीएनसी सेटअप में 3D कंटूर, थ्रेडिंग के लिए प्रोग्राम।
    • सीएनसी रखरखाव
      • प्रदर्शन: स्नेहन, संरेखण जाँच, बैकलैश समायोजन।
      • निदान: सीएनसी मशीनों में त्रुटि कोड, यांत्रिक दोष।
      • दस्तावेजीकरण: लैब में रखरखाव शेड्यूल, स्पेयर पार्ट्स उपयोग।
    • ऑटोमेशन एकीकरण
      • सेटअप: नकली सेटअप में स्वचालित लोडिंग सिस्टम, रोबोटिक आर्म।
      • प्रोग्रामिंग: लैब में सीएनसी एकीकरण के लिए बुनियादी PLC नियंत्रण।
      • परीक्षण: स्वचालित साइकिल, दोहराव, सुरक्षा सुनिश्चित करना।
    • टूल रूम संचालन
      • मशीनिंग: लैब में EDM, वायर-कट मशीनों का उपयोग कर डाई, मोल्ड।
      • मरम्मत: उत्पादन के लिए घिसे उपकरण, फिक्सचर संशोधन।
      • निरीक्षण: CMM, लेजर स्कैनर से उपकरण सटीकता।
    • प्रोजेक्ट कार्य
      • कार्य: लैब में सटीक घटक (जैसे, गियर, मोल्ड इंसर्ट) उत्पादन।
      • आउटपुट: उद्योग सहनशीलता (±0.01 मिमी) पूरा करना, पूर्ण दस्तावेजीकरण।
      • पोर्टफोलियो: चित्र, प्रोग्राम, निरीक्षण रिपोर्ट संकलन।

3. वर्कशॉप कैलकुलेशन और विज्ञान

गणितीय और वैज्ञानिक अवधारणाओं के साथ मशीनिंग का समर्थन करता है।

  • सेमेस्टर 1: अंकगणित (सहनशीलता, अनुपात), भौतिकी (बल, घर्षण)।
  • सेमेस्टर 2: ज्यामिति (कोण, टेपर), यांत्रिकी (टॉर्क, तनाव)।
  • सेमेस्टर 3: त्रिकोणमिति (उपकरण कोण, सीएनसी समन्वय), ऊष्मागतिकी (मशीनिंग में गर्मी)।
  • सेमेस्टर 4: बीजगणित (प्रोग्रामिंग समीकरण), सामग्री विज्ञान (मिश्र धातु, कोटिंग्स)।

4. इंजीनियरिंग ड्राइंग

मशीनिंग के लिए तकनीकी ड्राफ्टिंग पर केंद्रित।

  • सेमेस्टर 1: ऑर्थोग्राफिक प्रोजेक्शन, अनुभागीय दृश्य, मशीनिंग प्रतीक।
  • सेमेस्टर 2: असेंबली चित्र, मिलिंग सेटअप, GD&T मूल बातें।
  • सेमेस्टर 3: सीएनसी टूल पाथ स्केच, जिग/फिक्सचर डिज़ाइन।
  • सेमेस्टर 4: 3D चित्र, मोल्ड/डाई ब्लूप्रिंट, CAM एकीकरण।

5. एम्प्लॉयबिलिटी स्किल्स

नौकरी की तैयारी और सॉफ्ट स्किल्स को बढ़ाता है।

  • सेमेस्टर 1: संचार (मुद्दों की रिपोर्टिंग), बुनियादी आईटी (सॉफ्टवेयर उपकरण)।
  • सेमेस्टर 2: टीमवर्क (वर्कशॉप सहयोग), समय प्रबंधन।
  • सेमेस्टर 3: समस्या समाधान (मशीनों की समस्या निवारण), नेतृत्व मूल बातें।
  • सेमेस्टर 4: उद्यमिता (वर्कशॉप सेटअप), उद्योग जागरूकता (रुझान)।

मूल्यांकन और प्रमाणन

  • परीक्षाएँ: सेमेस्टर-वार (सिद्धांत + प्रायोगिक)।
  • प्रमाणपत्र: एनसीवीटी से नेशनल ट्रेड सर्टिफिकेट (एनटीसी), राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त।
  • मूल्यांकन: मशीनिंग सटीकता, सीएनसी प्रोग्रामिंग, गुणवत्ता नियंत्रण, और प्रोजेक्ट कार्य के आधार पर।
  • करियर अवसर

    • रोजगार: वृद्धाश्रम, एनजीओ, या निजी हेल्थकेयर में जेरियाट्रिक केयर सहायक, होम हेल्थ ऐड, अस्पताल देखभालकर्ता।
    • स्व-रोजगार: देखभाल सेवा शुरू करना, फ्रीलांस वृद्ध देखभाल, या वृद्धाश्रमों के लिए परामर्श।
    • आगे की पढ़ाई: नर्सिंग में डिप्लोमा, जेरियाट्रिक केयर में प्रमाणन, या हेल्थकेयर में B.Sc.।

    नोट

    • यह पाठ्यक्रम एनसीवीटी दिशानिर्देशों के साथ संरेखित है, लेकिन संस्थागत या राज्य-विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर थोड़ा भिन्न हो सकता है।
    • नवीनतम संस्करण के लिए, डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेनिंग (डीजीटी) या स्थानीय आईटीआई से संपर्क करें।
    • स्रोत: एनसीवीटी सीटीएस ढांचे और हेल्थकेयर उद्योग मानकों से अनुकूलित।

Trade Type