आईटीआई ट्रेड: इलेक्ट्रीशियन (Electrician)

पाठ्यक्रम का अवलोकन
इलेक्ट्रीशियन ट्रेड का यह दो वर्षीय पाठ्यक्रम क्राफ्ट्समैन ट्रेनिंग स्कीम (CTS) के अंतर्गत, राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (NCVT) द्वारा प्रदान किया जाता है। यह छात्रों को विद्युत स्थापना, रखरखाव और मरम्मत का प्रशिक्षण देता है, जिससे वे इलेक्ट्रीशियन, वायरमैन या इलेक्ट्रिकल तकनीशियन जैसी भूमिकाओं के लिए तैयार हो सकें। पाठ्यक्रम में ट्रेड थ्योरी, ट्रेड प्रैक्टिकल, वर्कशॉप कैलकुलेशन एवं साइंस, इंजीनियरिंग ड्राइंग और एम्प्लॉयबिलिटी स्किल्स शामिल हैं। नीचे इसका विस्तृत विवरण दिया गया है:


1. ट्रेड थ्योरी (Trade Theory)

यह अनुभाग विद्युत प्रणालियों, उपकरणों और सुरक्षा उपायों का सैद्धांतिक ज्ञान प्रदान करता है।

प्रथम वर्ष

  • इलेक्ट्रीशियन ट्रेड का परिचय
    • ट्रेड का महत्व और क्षेत्र।
    • विभिन्न उद्योगों में इलेक्ट्रीशियन की भूमिका।
  • बेसिक इलेक्ट्रिसिटी
    • करंट, वोल्टेज, रेसिस्टेंस, और पावर की मूल बातें।
    • ओम का नियम और उसके अनुप्रयोग।
    • सिरिज और पैरेलल सर्किट्स।
  • इलेक्ट्रिकल टूल्स और उपकरण
    • हाथ के औजार: प्लायर, स्क्रूड्राइवर, टेस्टर आदि – उपयोग और रखरखाव।
    • पावर टूल्स: ड्रिल, ग्राइंडर – संचालन और सुरक्षा।
  • वायरिंग सिस्टम्स
    • प्रकार: घरेलू, व्यावसायिक और औद्योगिक वायरिंग।
    • कंडक्टर, इंसुलेटर और केबल्स – गुण और चयन।
    • वायरिंग एसेसरीज: स्विच, सॉकेट, जंक्शन बॉक्स।
  • सुरक्षा उपाय
    • विद्युत सुरक्षा: खतरे, अर्थिंग और शॉक से बचाव।
    • व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों का उपयोग: ग्लव्स, हेलमेट, जूते।
    • विद्युत दुर्घटनाओं के लिए फर्स्ट एड।
  • इलेक्ट्रिकल घटक (Components)
    • रेसिस्टर्स, कैपेसिटर, इंडक्टर – कार्य और रेटिंग्स।
    • फ्यूज, सर्किट ब्रेकर, और रिले – कार्य प्रणाली।
  • मापक उपकरण (Measuring Instruments)
    • मल्टीमीटर, एमीटर, वोल्टमीटर, ओह्ममीटर का उपयोग।
    • विद्युत मानकों का मापन।

द्वितीय वर्ष

  • उन्नत विद्युत प्रणाली (Advanced Electrical Systems)
    • एसी और डीसी की मूल बातें; सिंगल फेज और थ्री फेज सिस्टम।
    • ट्रांसफॉर्मर – प्रकार, संरचना, और उपयोग।
    • मोटर्स – डीसी, इंडक्शन, सिंक्रोनस – कार्य और उपयोग।
  • पावर डिस्ट्रीब्यूशन
    • घरेलू और औद्योगिक विद्युत आपूर्ति प्रणाली।
    • अर्थिंग सिस्टम – प्लेट और पाइप अर्थिंग।
    • लोड कैलकुलेशन और ऊर्जा संरक्षण।
  • इलेक्ट्रिकल मशीनें
    • जनरेटर – निर्माण और संचालन।
    • मोटर स्टार्टर और कंट्रोल सर्किट्स।
  • नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy)
    • सौर और पवन ऊर्जा प्रणालियों की मूल बातें।
    • सोलर पैनल और इन्वर्टर की स्थापना।
  • मेंटेनेंस और ट्रबलशूटिंग
    • विद्युत उपकरणों का रोकथाम और सुधारात्मक रखरखाव।
    • वायरिंग और मशीनों में दोष पहचान।
  • नियम और मानक
    • भारतीय विद्युत नियम और सुरक्षा कोड।
    • ऊर्जा दक्षता मानक और लेबलिंग।

2. ट्रेड प्रैक्टिकल (Trade Practical)

यह अनुभाग व्यावहारिक कार्यों के माध्यम से कौशल विकास पर केंद्रित है।

प्रथम वर्ष

  • मूल कौशल
    • औजारों का उपयोग और रखरखाव – तार काटना, इंसुलेशन हटाना, जॉइंट बनाना।
    • मल्टीमीटर और टेस्टर से विद्युत माप करना।
  • वायरिंग अभ्यास
    • सिंपल वायरिंग इंस्टालेशन – सिंगल स्विच, टू-वे स्विच, सॉकेट आउटलेट्स।
    • कंड्युट, केसिंग-कैपिंग और छुपी वायरिंग करना।
    • ट्यूबलाइट, सीलिंग फैन, बेल्स को जोड़ना।
  • सुरक्षा अभ्यास
    • अर्थिंग इंस्टालेशन – प्लेट और पाइप विधियों द्वारा।
    • विद्युत झटके के लिए प्राथमिक उपचार का प्रदर्शन।
  • घटक परीक्षण
    • रेसिस्टर्स, कैपेसिटर, फ्यूज – कंटिन्युटी टेस्ट।
    • ब्रेडबोर्ड पर सिंपल सर्किट बनाना।

द्वितीय वर्ष

  • उन्नत वायरिंग
    • थ्री-फेज वायरिंग इंस्टालेशन।
    • स्टार्टर (DOL, स्टार-डेल्टा) के साथ मोटर कंट्रोल सर्किट जोड़ना।
  • मशीन संचालन
    • मोटर्स और ट्रांसफॉर्मर्स को असेंबल और डिसअसेंबल करना।
    • जनरेटर और इन्वर्टर का संचालन और परीक्षण।
  • नवीकरणीय ऊर्जा अभ्यास
    • सोलर पैनल और बैटरी इंस्टाल करना और जोड़ना।
    • सोलर सिस्टम का आउटपुट मापना।
  • मेंटेनेंस और मरम्मत
    • घरेलू उपकरण जैसे फैन, आयरन, हीटर की मरम्मत।
    • वायरिंग और मशीनों में दोष पहचान कर सुधार करना।
  • प्रोजेक्ट कार्य
    • एक पूर्ण घरेलू वायरिंग सिस्टम डिजाइन और इंस्टाल करना।
    • औद्योगिक नियंत्रण सर्किट को सुरक्षा विशेषताओं के साथ कार्यान्वित करना।

3. वर्कशॉप कैलकुलेशन और साइंस

यह भाग विद्युत कार्य से संबंधित गणितीय और वैज्ञानिक सिद्धांतों को कवर करता है।

  • गणना
    • पावर, एनर्जी और लोड कैलकुलेशन (जैसे kW, kWh)।
    • रेसिस्टेंस, कैपेसिटेंस, इंडक्टेंस की गणना।
  • विज्ञान
    • चुम्बकत्व और विद्युत चुंबकीय प्रेरण।
    • कंडक्टर और इंसुलेटर के गुण।

4. इंजीनियरिंग ड्राइंग

यह अनुभाग विद्युत प्रणालियों के लिए तकनीकी ड्राइंग कौशल पर केंद्रित है।

  • ड्राइंग की मूल बातें
    • विद्युत प्रतीकों और सर्किट डायग्राम का स्केच बनाना।
    • सिंगल लाइन और वायरिंग डायग्राम बनाना।
  • उन्नत ड्राइंग
    • घरेलू और औद्योगिक इंस्टालेशन के लिए लेआउट तैयार करना।
    • मोटर और ट्रांसफॉर्मर वाइंडिंग डायग्राम बनाना।

5. एम्प्लॉयबिलिटी स्किल्स

यह अनुभाग नौकरी के लिए आवश्यक पेशेवर कौशल विकसित करता है।

  • संचार कौशल
    • पर्यवेक्षकों, ग्राहकों और सहकर्मियों के साथ संवाद करना।
  • कार्यस्थल कौशल
    • समय प्रबंधन, टीम वर्क, समस्या समाधान।

कोर्स विवरण

  • अवधि: 2 वर्ष (4 सेमेस्टर, प्रत्येक 6 माह)
  • योग्यता: 10वीं कक्षा उत्तीर्ण (विज्ञान और गणित के साथ)
  • उद्देश्य: विद्युत स्थापना, मरम्मत और रखरखाव में व्यक्तियों को प्रशिक्षित करना, ताकि वे निर्माण, विनिर्माण, पावर सेक्टर या स्वरोजगार में कैरियर बना सकें।

यह पाठ्यक्रम NCVT के "इलेक्ट्रीशियन" ट्रेड के ढांचे के अनुसार तैयार किया गया है। राज्य या आईटीआई के अनुसार इसमें थोड़े बदलाव संभव हैं। नवीनतम आधिकारिक संस्करण के लिए निदेशालय सामान्य प्रशिक्षण (DGT) की वेबसाइट या स्थानीय ITI से संपर्क करें।

Trade Type