Mechanic Agricultural Machinery

आईटीआई मैकेनिक कृषि मशीनरी ट्रेड पाठ्यक्रम 

आईटीआई मैकेनिक कृषि मशीनरी ट्रेड एक दो वर्षीय व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जो नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग (एनसीवीटी) द्वारा क्राफ्ट्समैन ट्रेनिंग स्कीम (सीटीएस) के तहत संचालित होता है। यह कोर्स प्रशिक्षुओं को ट्रैक्टर, पावर टिलर, कंबाइन हार्वेस्टर, सिंचाई पंप, और अन्य कृषि उपकरणों की सर्विसिंग, मरम्मत, और रखरखाव में कौशल प्रदान करता है ताकि कृषि उत्पादकता बढ़े। पाठ्यक्रम में सैद्धांतिक ज्ञान, प्रायोगिक यांत्रिक कौशल, और रोजगार योग्यता कौशल शामिल हैं, जो छात्रों को कृषि-आधारित उद्योगों, उपकरण डीलरशिप, या विनिर्माण इकाइयों में कृषि मशीनरी मैकेनिक, सर्विस तकनीशियन, या वर्कशॉप सुपरवाइज़र, या स्व-रोजगार मरम्मत सेवा प्रदाताओं के रूप में भूमिकाओं के लिए तैयार करता है।

कोर्स का संक्षिप्त विवरण

  • अवधि: 2 वर्ष (4 सेमेस्टर, प्रत्येक 6 महीने)
  • एनएसक्यूएफ स्तर: स्तर 5
  • योग्यता: न्यूनतम 10वीं कक्षा उत्तीर्ण विज्ञान और गणित के साथ (या समकक्ष)
  • उद्देश्य: कृषि मशीनरी के रखरखाव, मरम्मत, और सर्विसिंग में प्रशिक्षण देना ताकि खेती की गतिविधियों में कुशल और विश्वसनीय संचालन सुनिश्चित हो।

विस्तृत पाठ्यक्रम विभाजन

1. ट्रेड थ्योरी (सैद्धांतिक ज्ञान)

कृषि मशीनरी, इंजन, और खेत उपकरण सिस्टम के सिद्धांतों को कवर करता है।

  • सेमेस्टर 1
    • कृषि मशीनरी का परिचय
      • अवलोकन: कृषि में यांत्रिकीकरण की भूमिका, मशीनरी प्रकार (ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, पंप)।
      • उद्योग दायरा: करियर अवसर, सुरक्षा मानक, वर्कशॉप संगठन।
      • सुरक्षा: पीपीई (दस्ताने, चश्मा, जूते), ईंधन संभालना, भारी उपकरण सुरक्षा।
    • इंजन की मूल बातें
      • इंजन प्रकार: डीजल, पेट्रोल, दो-स्ट्रोक, चार-स्ट्रोक इंजन।
      • सिद्धांत: दहन, शक्ति उत्पादन, दक्षता कारक।
      • घटक: सिलेंडर, पिस्टन, क्रैंकशाफ्ट, वाल्व, ईंधन इंजेक्टर।
    • ईंधन और स्नेहन सिस्टम
      • ईंधन सिस्टम: डीजल पंप, इंजेक्टर, फिल्टर, कार्बुरेटर (छोटे इंजनों के लिए)।
      • स्नेहन: तेल, ग्रेड, पंप, स्प्लैश और प्रेशर सिस्टम।
      • रखरखाव: ईंधन भंडारण, तेल परिवर्तन अनुसूची, फिल्टर सफाई।
    • उपकरण और माप उपकरण
      • हाथ उपकरण: स्पैनर, प्लायर, टॉर्क रिंच, स्क्रूड्राइवर।
      • सटीक उपकरण: वर्नियर कैलिपर, माइक्रोमीटर, डायल गेज।
      • डायग्नोस्टिक उपकरण: कम्प्रेशन टेस्टर, मल्टीमीटर, टैकोमीटर।
    • विद्युत सिस्टम
      • मूल बातें: बैटरी, अल्टरनेटर, स्टार्टर, इग्निशन सिस्टम।
      • सर्किट: लाइटिंग, सेंसर, सहायक उपकरण के लिए वायरिंग।
      • सुरक्षा: बैटरी संभालना, विद्युत खतरों को रोकना।
    • कूलिंग सिस्टम
      • प्रकार: वायु-कूल्ड, जल-कूल्ड सिस्टम, रेडिएटर, पंखे।
      • घटक: थर्मोस्टैट, वॉटर पंप, कूलेंट गुण।
      • रखरखाव: कूलेंट स्तर जाँचना, रेडिएटर सफाई।
  • सेमेस्टर 2
    • ट्रांसमिशन सिस्टम
      • प्रकार: मैनुअल, हाइड्रोस्टैटिक, स्वचालित ट्रांसमिशन।
      • घटक: क्लच, गियरबॉक्स, डिफरेंशियल, PTO (पावर टेक-ऑफ)।
      • संचालन: गियर चयन, टॉर्क हस्तांतरण, गति नियंत्रण।
    • हाइड्रोलिक सिस्टम
      • सिद्धांत: हाइड्रोलिक दबाव, द्रव गतिशीलता, पास्कल का नियम।
      • घटक: पंप, वाल्व, सिलेंडर, होज, थ्री-पॉइंट लिंकेज।
      • अनुप्रयोग: उपकरण उठाना, स्टीयरिंग, हाइड्रोलिक ब्रेक।
    • ट्रैक्टर और पावर टिलर
      • प्रकार: 2WD, 4WD ट्रैक्टर, सिंगल-सिलेंडर पावर टिलर।
      • सिस्टम: इंजन, ट्रांसमिशन, हाइड्रोलिक्स, विद्युत एकीकरण।
      • रखरखाव: दैनिक जाँच, आवधिक सर्विसिंग, भंडारण।
    • कृषि उपकरण
      • उपकरण: हल, हैरो, सीडर, कल्टीवेटर, स्प्रेयर।
      • संचालन: जोड़ने की व्यवस्था, खेत समायोजन, कैलिब्रेशन।
      • रखरखाव: ब्लेड तेज करना, जोड़ों में स्नेहन, घिसाव जाँचना।
    • स्टीयरिंग और सस्पेंशन
      • स्टीयरिंग: मैनुअल, पावर-सहायता, एकरमैन ज्यामिति।
      • सस्पेंशन: लीफ स्प्रिंग, कठोर एक्सल, शॉक एब्जॉर्बर।
      • रखरखाव: संरेखण समायोजन, जोड़ों में ग्रीसिंग।
    • ब्रेकिंग सिस्टम
      • प्रकार: मैकेनिकल, हाइड्रोलिक ब्रेक ट्रैक्टरों, टिलरों में।
      • घटक: ब्रेक पेडल, ड्रम, शू, द्रव लाइन।
      • रखरखाव: ब्रेक समायोजन, हाइड्रोलिक सिस्टम ब्लीडिंग।
  • सेमेस्टर 3
    • कंबाइन हार्वेस्टर
      • प्रकार: स्व-चालित, ट्रैक्टर-माउंटेड हार्वेस्टर।
      • सिस्टम: कटाई, थ्रेशिंग, सफाई, अनाज हैंडलिंग तंत्र।
      • रखरखाव: कटर समायोजन, सिव सफाई, बेल्ट जाँचना।
    • सिंचाई उपकरण
      • उपकरण: सेंट्रीफ्यूगल पंप, सबमर्सिबल पंप, ड्रिप सिस्टम।
      • संचालन: प्राइमिंग, प्रवाह नियंत्रण, दबाव विनियमन।
      • रखरखाव: इम्पेलर जाँचना, मोटर सर्विसिंग, पाइप मरम्मत।
    • समस्या निवारण
      • निदान: इंजन मिसफायरिंग, हाइड्रोलिक रिसाव, विद्युत दोष।
      • उपकरण: डायग्नोस्टिक किट, प्रेशर गेज, फॉल्ट कोड रीडर।
      • समाधान: भाग प्रतिस्थापन, रीकैलिब्रेशन, सिस्टम ट्यूनिंग।
    • मशीनरी में पावर ट्रांसमिशन
      • तंत्र: बेल्ट, चेन, पुली, यूनिवर्सल जॉइंट।
      • रखरखाव: बेल्ट टेंशनिंग, चेन स्नेहन, संरेखण।
      • दक्षता: पावर हानि कम करना, गियर अनुकूलन।
    • प्रेसिजन कृषि
      • अवधारणाएँ: GPS, सेंसर, आधुनिक मशीनरी में स्वचालित नियंत्रण।
      • अनुप्रयोग: वेरिएबल रेट प्रौद्योगिकी, उपज निगरानी।
      • मूल बातें: स्मार्ट खेती उपकरणों के साथ इंटरफेसिंग, डेटा लॉगिंग।
    • पर्यावरण मानक
      • उत्सर्जन मानदंड: भारत स्टेज, इंजनों के लिए टियर मानक।
      • ईंधन दक्षता: कम खपत के लिए मशीनरी अनुकूलन।
      • अपशिष्ट: तेल, बैटरी, स्क्रैप का सुरक्षित निपटान।
  • सेमेस्टर 4
    • उन्नत मशीनरी
      • उपकरण: बेलर, फोरेज हार्वेस्टर, गन्ना हार्वेस्टर।
      • सिस्टम: स्वचालन, हाइड्रोलिक नियंत्रण, इलेक्ट्रॉनिक सेंसर।
      • रखरखाव: सेंसर कैलिब्रेशन, सॉफ्टवेयर अपडेट।
    • वर्कशॉप प्रबंधन
      • संचालन: इन्वेंट्री नियंत्रण, स्पेयर पार्ट्स प्रबंधन।
      • नियोजन: मरम्मत शेड्यूलिंग, सर्विस अनुबंध प्रबंधन।
      • सुरक्षा: स्वच्छ, खतरा-मुक्त वर्कशॉप रखरखाव।
    • निवारक रखरखाव
      • अनुसूची: दैनिक, साप्ताहिक, मौसमी रखरखाव योजनाएँ।
      • जाँच: घिसाव, द्रव स्तर, बेल्ट टेंशन निरीक्षण।
      • रिकॉर्ड: सर्विस इतिहास, वारंटी दस्तावेजीकरण लॉगिंग।
    • ग्राहक सेवा
      • कौशल: मरम्मत समझाना, लागत अनुमान प्रदान करना।
      • हैंडलिंग: किसान शिकायतें संबोधित करना, फॉलो-अप।
      • प्रशिक्षण: ऑपरेटरों को मशीनरी उपयोग, देखभाल पर मार्गदर्शन।
    • उद्यमिता
      • व्यवसाय: मरम्मत वर्कशॉप, डीलरशिप, या किराया सेवा शुरू करना।
      • मार्केटिंग: सेवाओं का प्रचार, स्पेयर सोर्सिंग, नेटवर्किंग।
      • वित्त: बजट, मूल्य निर्धारण, किसानों के लिए ऋण योजनाएँ।
    • उद्योग रुझान
      • नवाचार: इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर, खेत उपकरणों में IoT।
      • स्थिरता: हरे ईंधन, पुनर्चक्रण योग्य सामग्री।
      • मानक: मशीनरी के लिए BIS, ISO अनुपालन।

2. ट्रेड प्रैक्टिकल (हाथों से कौशल)

वर्कशॉप और नकली कृषि मशीनरी मरम्मत सेटअप में प्रायोगिक कार्यों पर केंद्रित।

  • सेमेस्टर 1
    • सुरक्षा अभ्यास
      • पीपीई उपयोग: वर्कशॉप में दस्ताने, चश्मा, जूते पहनना।
      • सुरक्षित हैंडलिंग: इंजन उठाना, ईंधन रिसाव प्रबंधन, मशीनरी सुरक्षित करना।
      • आपातकालीन अभ्यास: अग्नि सुरक्षा, चोटों के लिए प्राथमिक चिकित्सा।
    • उपकरण संचालन
      • उपकरण उपयोग: लैब में बोल्ट कसना, हिस्से डिस्मेंटल करना।
      • माप: कैलिपर, माइक्रोमीटर से सहनशीलता जाँचना।
      • सफाई: घटकों को डीग्रीज करना, टूलकिट व्यवस्थित करना।
    • इंजन रखरखाव
      • डिस्मेंटलिंग: मॉक इंजन में सिलेंडर हेड, पिस्टन हटाना।
      • निरीक्षण: वाल्व, रिंग, बेयरिंग पर घिसाव जाँचना।
      • असेंबलिंग: घटकों को पुनः फिट करना, विशिष्टताओं के अनुसार टॉर्किंग।
    • ईंधन सिस्टम कार्य
      • सर्विसिंग: लैब में ईंधन फिल्टर, इंजेक्टर सफाई।
      • समायोजन: इंजेक्शन टाइमिंग सेट करना, पंप जाँचना।
      • परीक्षण: ईंधन प्रवाह, स्प्रे पैटर्न सत्यापन।
    • विद्युत कार्य
      • वायरिंग: मॉक सर्किट में बैटरी, लाइट जोड़ना।
      • परीक्षण: अल्टरनेटर आउटपुट, स्टार्टर कार्य जाँचना।
      • मरम्मत: लैब में फ्यूज बदलना, तार सोल्डरिंग।
    • कूलिंग सिस्टम अभ्यास
      • सर्विसिंग: रेडिएटर फ्लशिंग, कूलेंट बदलना।
      • निरीक्षण: वॉटर पंप, फैन बेल्ट जाँचना।
      • परीक्षण: इंजन तापमान, कूलेंट प्रवाह निगरानी।
    • प्रोजेक्ट कार्य
      • इंजन ओवरहालिंग: सर्विसिंग, प्रदर्शन परीक्षण।
      • रिपोर्ट: उपयोग किए गए हिस्से, मरम्मत परिणाम दस्तावेजीकरण।
  • सेमेस्टर 2
    • ट्रांसमिशन रखरखाव
      • डिस्मेंटलिंग: मॉक सेटअप में क्लच, गियरबॉक्स हटाना।
      • सर्विसिंग: क्लच प्लेट बदलना, गियर समायोजन।
      • परीक्षण: PTO संचालन, डिफरेंशियल कार्य जाँचना।
    • हाइड्रोलिक सिस्टम कार्य
      • असेंबलिंग: मॉक सर्किट में पंप, वाल्व फिटिंग।
      • सर्विसिंग: हाइड्रोलिक द्रव बदलना, सील जाँचना।
      • परीक्षण: मॉक ट्रैक्टरों में लिफ्ट, स्टीयरिंग संचालन।
    • ट्रैक्टर और पावर टिलर अभ्यास
      • सर्विसिंग: मॉक ट्रैक्टरों में इंजन, हाइड्रोलिक्स जाँचना।
      • समायोजन: नियंत्रण कैलिब्रेट करना, पहिए संरेखण।
      • परीक्षण: खेत संचालन अनुकरण, लोड परीक्षण।
    • उपकरण हैंडलिंग
      • माउंटिंग: मॉक मशीनरी में हल, सीडर जोड़ना।
      • सर्विसिंग: ब्लेड तेज करना, जोड़ों में ग्रीसिंग।
      • परीक्षण: उपकरण संरेखण, संचालन जाँचना।
    • स्टीयरिंग और सस्पेंशन
      • समायोजन: लैब में टो-इन सेट करना, एक्सल संरेखण।
      • सर्विसिंग: बुशिंग बदलना, स्टीयरिंग जोड़ों में ग्रीसिंग।
      • परीक्षण: स्टीयरिंग प्रतिक्रिया, स्थिरता सत्यापन।
    • ब्रेकिंग सिस्टम रखरखाव
      • सर्विसिंग: ब्रेक समायोजन, हाइड्रोलिक लाइन ब्लीडिंग।
      • निरीक्षण: ड्रम, शू की घिसाव जाँचना।
      • परीक्षण: ब्रेकिंग दक्षता, पेडल अनुभव सुनिश्चित करना।
    • प्रोजेक्ट कार्य
      • ट्रैक्टर सर्विसिंग: पूर्ण रखरखाव, उपकरण सेटअप।
      • रिपोर्ट: मरम्मत, प्रदर्शन डेटा दस्तावेजीकरण।
  • सेमेस्टर 3
    • कंबाइन हार्वेस्टर रखरखाव
      • सर्विसिंग: मॉक हार्वेस्टर में कटर समायोजन, सिव सफाई।
      • निरीक्षण: बेल्ट, पुली, अनाज टैंक जाँचना।
      • परीक्षण: कटाई अनुकरण, आउटपुट सत्यापन।
    • सिंचाई उपकरण अभ्यास
      • सर्विसिंग: पंप डिस्मेंटलिंग, इम्पेलर जाँचना।
      • मरम्मत: रिसाव ठीक करना, मोटर बेयरिंग बदलना।
      • परीक्षण: मॉक सेटअप में जल प्रवाह, दबाव जाँचना।
    • समस्या निवारण
      • निदान: मॉक मशीनरी में दोष (इंजन, हाइड्रोलिक्स) ट्रेसिंग।
      • मरम्मत: पंप, बेल्ट, सेंसर बदलना।
      • परीक्षण: मरम्मत सत्यापन, सिस्टम प्रदर्शन।
    • पावर ट्रांसमिशन कार्य
      • सर्विसिंग: बेल्ट टेंशनिंग, चेन स्नेहन।
      • संरेखण: पुली, यूनिवर्सल जॉइंट समायोजन।
      • परीक्षण: पावर डिलीवरी, दक्षता जाँचना।
    • प्रेसिजन उपकरण अभ्यास
      • संचालन: मॉक GPS-सक्षम मशीनरी नियंत्रण उपयोग।
      • कैलिब्रेशन: सेंसर सेट करना, डेटा लॉग परीक्षण।
      • सर्विसिंग: फर्मवेयर अपडेट, सेंसर सफाई।
    • प्रोजेक्ट कार्य
      • हार्वेस्टर ओवरहालिंग: सर्विसिंग, संचालन परीक्षण।
      • पोर्टफोलियो: मरम्मत लॉग, दक्षता रिपोर्ट प्रस्तुति।
  • सेमेस्टर 4
    • उन्नत मशीनरी अभ्यास
      • सर्विसिंग: लैब में बेलर, फोरेज हार्वेस्टर रखरखाव।
      • कैलिब्रेशन: स्वचालित नियंत्रण, सेंसर समायोजन।
      • परीक्षण: खेत कार्य अनुकरण, आउटपुट सत्यापन।
    • वर्कशॉप संचालन
      • प्रबंधन: उपकरण व्यवस्थित करना, स्पेयर पार्ट्स ट्रैकिंग।
      • शेड्यूलिंग: मरम्मत नियोजन, सर्विस कार्य लॉगिंग।
      • सुरक्षा: स्वच्छ, खतरा-मुक्त कार्य क्षेत्र रखरखाव।
    • निवारक रखरखाव
      • जाँचना: द्रव स्तर, बेल्ट, घिसाव वाले हिस्सों का निरीक्षण।
      • सर्विसिंग: मॉक सेटअप में स्नेहन, फिल्टर बदलना।
      • लॉगिंग: रखरखाव अनुसूची, रिपोर्ट तैयार करना।
    • ग्राहक संवाद
      • व्याख्या: मॉक ग्राहकों के साथ दोष, समाधान चर्चा।
      • अनुमान: मरम्मत कोट, चालान तैयार करना।
      • प्रशिक्षण: मॉक ऑपरेटरों को मशीनरी उपयोग पर मार्गदर्शन।
    • उद्यमिता अभ्यास
      • अनुकरण: मॉक मरम्मत वर्कशॉप चलाना, स्पेयर सोर्सिंग।
      • मार्केटिंग: मॉक सर्विस विज्ञापन, नेटवर्किंग योजनाएँ बनाना।
      • बजट: लागत अनुमान, सेवा मूल्य निर्धारण।
    • प्रोजेक्ट कार्य
      • मशीनरी सेट सर्विसिंग: ट्रैक्टर, पंप, उपकरण ओवरहाल।
      • पोर्टफोलियो: फोटो, मरम्मत लॉग, परीक्षण परिणाम प्रस्तुति।

3. वर्कशॉप कैलकुलेशन और विज्ञान

मशीनरी मरम्मत के लिए गणितीय और वैज्ञानिक अवधारणाओं का समर्थन करता है।

  • सेमेस्टर 1: अंकगणित (ईंधन खपत, टॉर्क), भौतिकी (बल, दबाव)।
  • सेमेस्टर 2: बीजगणित (गियर अनुपात, हाइड्रोलिक गणना), यांत्रिकी (शक्ति, घर्षण)।
  • सेमेस्टर 3: ज्यामिति (संरेखण, पुली कोण), द्रव गतिशीलता (पंप प्रवाह)।
  • सेमेस्टर 4: सांख्यिकी (दक्षता विश्लेषण), अनुप्रयुक्त भौतिकी (दहन, ऊष्मा हस्तांतरण)।

4. इंजीनियरिंग ड्राइंग

कृषि मशीनरी के लिए तकनीकी ड्राफ्टिंग पर केंद्रित।

  • सेमेस्टर 1: उपकरण, इंजन हिस्से, ऑर्थोग्राफिक दृश्य स्केचिंग।
  • सेमेस्टर 2: ट्रैक्टर सिस्टम, हाइड्रोलिक सर्किट ड्राइंग।
  • सेमेस्टर 3: हार्वेस्टर लेआउट, पंप असेंबली डिज़ाइन।
  • सेमेस्टर 4: उन्नत मशीनरी, वायरिंग डायग्राम के लिए ब्लूप्रिंट बनाना।

5. एम्प्लॉयबिलिटी स्किल्स

नौकरी की तैयारी और सॉफ्ट स्किल्स को बढ़ाता है।

  • सेमेस्टर 1: संचार (मरम्मत रिपोर्टिंग), समय प्रबंधन, बुनियादी आईटी (इन्वेंट्री ऐप्स)।
  • सेमेस्टर 2: टीमवर्क (तकनीशियनों के साथ सहयोग), समस्या समाधान (दोष निदान)।
  • सेमेस्टर 3: नेतृत्व (मरम्मत निगरानी), बातचीत (स्पेयर पार्ट डील), उन्नत आईटी (डायग्नोस्टिक सॉफ्टवेयर)।
  • सेमेस्टर 4: उद्यमिता (वर्कशॉप व्यवसाय), ग्राहक प्रबंधन, उद्योग जागरूकता (स्मार्ट खेती)।

मूल्यांकन और प्रमाणन

  • परीक्षाएँ: सेमेस्टर-वार (सिद्धांत + प्रायोगिक)।
  • प्रमाणपत्र: एनसीवीटी से नेशनल ट्रेड सर्टिफिकेट (एनटीसी), राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त।
  • मूल्यांकन: मरम्मत सटीकता, रखरखाव दक्षता, डायग्नोस्टिक कौशल, और प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर।

करियर अवसर

  • रोजगार: कृषि-उद्योगों, डीलरशिप, या विनिर्माताओं में कृषि मशीनरी मैकेनिक, सर्विस तकनीशियन, वर्कशॉप सुपरवाइज़र।
  • स्व-रोजगार: मरम्मत वर्कशॉप, उपकरण किराया, या स्पेयर पार्ट्स व्यवसाय शुरू करना।
  • आगे की पढ़ाई: कृषि इंजीनियरिंग डिप्लोमा, प्रेसिजन खेती में प्रमाणन, या उन्नत मशीनरी रखरखाव।

नोट

  • यह पाठ्यक्रम एनसीवीटी दिशानिर्देशों के साथ संरेखित है और संस्थागत या राज्य-विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर थोड़ा भिन्न हो सकता है।
  • नवीनतम संस्करण के लिए, डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेनिंग (डीजीटी) या स्थानीय आईटीआई से संपर्क करें।

Trade Type