Network Technician

आईटीआई नेटवर्क तकनीशियन ट्रेड पाठ्यक्रम

आईटीआई नेटवर्क तकनीशियन ट्रेड एक वर्षीय व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जो नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग (एनसीवीटी) द्वारा क्राफ्ट्समैन ट्रेनिंग स्कीम (सीटीएस) के तहत संचालित होता है। यह कोर्स व्यक्तियों को कंप्यूटर नेटवर्क की स्थापना, कॉन्फ़िगरेशन, रखरखाव, और समस्या निवारण में प्रशिक्षित करता है, जिसमें लोकल एरिया नेटवर्क (LAN), वाइड एरिया नेटवर्क (WAN), और वायरलेस नेटवर्क शामिल हैं। इसमें हार्डवेयर (राउटर, स्विच, केबल), सॉफ्टवेयर (नेटवर्क प्रोटोकॉल, सुरक्षा उपकरण), और बुनियादी साइबरसुरक्षा शामिल है। पाठ्यक्रम सैद्धांतिक ज्ञान, प्रायोगिक नेटवर्किंग कौशल, और रोजगार योग्यता कौशल को जोड़ता है ताकि छात्रों को आईटी कंपनियों, टेलीकॉम फर्मों, या कॉर्पोरेट कार्यालयों में नेटवर्क तकनीशियन, सिस्टम प्रशासक, या आईटी सहायता विशेषज्ञ के रूप में, या नेटवर्किंग सेवाएँ प्रदान करने वाले उद्यमी के रूप में तैयार किया जा सके।

कोर्स का संक्षिप्त विवरण

  • अवधि: 1 वर्ष (2 सेमेस्टर, प्रत्येक 6 महीने)
  • एनएसक्यूएफ स्तर: स्तर 4
  • योग्यता: न्यूनतम 10वीं कक्षा उत्तीर्ण विज्ञान और गणित के साथ (या समकक्ष)
  • उद्देश्य: प्रशिक्षुओं को सुरक्षित और कुशल नेटवर्क सिस्टम डिज़ाइन, कार्यान्वयन, और रखरखाव के कौशल से लैस करना, जो उद्योग मानकों को पूरा करें।

विस्तृत पाठ्यक्रम विभाजन

1. ट्रेड थ्योरी (सैद्धांतिक ज्ञान)

नेटवर्किंग अवधारणाओं, हार्डवेयर, प्रोटोकॉल, और सुरक्षा सिद्धांतों को कवर करता है।

  • सेमेस्टर 1
    • नेटवर्किंग का परिचय
      • अवलोकन: नेटवर्क के प्रकार (LAN, WAN, MAN, PAN), नेटवर्क टोपोलॉजी (स्टार, बस, रिंग)।
      • भूमिकाएँ: आईटी/टेलीकॉम में नेटवर्क तकनीशियन, प्रशासक, सहायता विशेषज्ञ।
      • सुरक्षा: विद्युत उपकरण हैंडलिंग, केबल प्रबंधन, इलेक्ट्रोस्टैटिक डिस्चार्ज (ESD) सावधानियाँ।
    • कंप्यूटर मूलभूत
      • हार्डवेयर: CPU, रैम, स्टोरेज, मदरबोर्ड, पावर सप्लाई।
      • सॉफ्टवेयर: ऑपरेटिंग सिस्टम (Windows, Linux), ड्राइवर, उपयोगिताएँ।
      • परिधीय: प्रिंटर, स्कैनर, बाहरी ड्राइव, उनकी कनेक्टिविटी।
    • नेटवर्किंग डिवाइस
      • उपकरण: राउटर, स्विच, हब, एक्सेस पॉइंट, मोडेम।
      • केबल: ट्विस्टेड पेयर (Cat5e, Cat6), कोएक्सियल, फाइबर ऑप्टिक, कनेक्टर (RJ45, LC)।
      • मानक: TIA/EIA-568, क्रिम्पिंग तकनीक, केबल परीक्षण।
    • नेटवर्क मॉडल और प्रोटोकॉल
      • मॉडल: OSI मॉडल (7 परतें), TCP/IP मॉडल, उनके कार्य।
      • प्रोटोकॉल: HTTP, FTP, DNS, DHCP, IP, ARP, ICMP, उनकी भूमिकाएँ।
      • एड्रेसिंग: IPv4, IPv6, सबनेटिंग, MAC एड्रेस।
    • नेटवर्किंग के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम
      • Windows: फाइल शेयरिंग, उपयोगकर्ता प्रबंधन, कमांड प्रॉम्प्ट (ipconfig, ping)।
      • Linux: बुनियादी कमांड (ifconfig, netstat), फाइल सिस्टम, अनुमतियाँ।
      • उपकरण: रिमोट डेस्कटॉप, SSH, नेटवर्क निगरानी सॉफ्टवेयर।
    • LAN सेटअप और कॉन्फ़िगरेशन
      • डिज़ाइन: LAN लेआउट नियोजन, IP रेंज गणना, हार्डवेयर चयन।
      • कॉन्फ़िगरेशन: स्टैटिक/डायनामिक IP असाइन करना, वर्कग्रुप सेटअप।
      • परीक्षण: कनेक्टिविटी जाँच, बैंडविड्थ निगरानी, पैकेट विश्लेषण।
    • बुनियादी साइबरसुरक्षा
      • खतरे: मैलवेयर, फिशिंग, DDoS, अनधिकृत पहुँच।
      • संरक्षण: फ़ायरवॉल, एंटीवायरस, पासवर्ड नीतियाँ, डेटा एन्क्रिप्शन।
      • प्रथाएँ: सुरक्षित कॉन्फ़िगरेशन, बैकअप रणनीतियाँ, उपयोगकर्ता प्रमाणीकरण।
  • सेमेस्टर 2
    • वायरलेस नेटवर्किंग
      • प्रौद्योगिकियाँ: वाई-फाई मानक (802.11a/b/g/n/ac/ax), ब्लूटूथ, RFID।
      • सेटअप: वायरलेस राउटर, एक्सेस पॉइंट, SSID, एन्क्रिप्शन (WPA2, WPA3) कॉन्फ़िगर करना।
      • समस्या निवारण: सिग्नल हस्तक्षेप, चैनल ओवरलैप, रेंज समस्याएँ।
    • WAN और इंटरनेट कनेक्टिविटी
      • अवधारणाएँ: ISP कनेक्टिविटी, लीज्ड लाइन, VPN, क्लाउड नेटवर्किंग।
      • प्रोटोकॉल: MPLS, BGP, NAT, PAT, उनके अनुप्रयोग।
      • उपकरण: गेटवे, DNS सर्वर, प्रॉक्सी सर्वर कॉन्फ़िगर करना।
    • नेटवर्क सुरक्षा
      • तकनीक: इंट्रूज़न डिटेक्शन सिस्टम (IDS), VPN सेटअप, VLAN।
      • उपकरण: Wireshark, Nmap, Kali Linux सुरक्षा ऑडिट के लिए।
      • नीतियाँ: एक्सेस कंट्रोल लिस्ट (ACLs), उपयोगकर्ता विशेषाधिकार प्रबंधन, ऑडिट लॉग।
    • नेटवर्क समस्या निवारण
      • विधियाँ: कनेक्टिविटी, लेटेंसी, पैकेट हानि समस्याओं का निदान।
      • उपकरण: ping, traceroute, netstat, प्रोटोकॉल विश्लेषक।
      • परिदृश्य: IP टकराव, DNS विफलताएँ, हार्डवेयर दोष हल करना।
    • सर्वर प्रशासन मूल बातें
      • सर्वर: फाइल सर्वर, वेब सर्वर, DHCP/DNS सर्वर, उनकी भूमिकाएँ।
      • कॉन्फ़िगरेशन: सर्वर OS (Windows Server, Ubuntu Server) स्थापना, सेवाएँ सेटअप।
      • प्रबंधन: उपयोगकर्ता खाते, बैकअप, सर्वर स्वास्थ्य निगरानी।
    • क्लाउड और उभरती प्रौद्योगिकियाँ
      • अवधारणाएँ: क्लाउड कम्प्यूटिंग (IaaS, PaaS, SaaS), वर्चुअलाइज़ेशन, SDN।
      • उपकरण: AWS, Azure मूल बातें, VMWare, Hyper-V वर्चुअल नेटवर्क के लिए।
      • रुझान: IoT नेटवर्किंग, 5G, IT इन्फ्रास्ट्रक्चर में एज कम्प्यूटिंग।
    • उद्यमिता और उद्योग प्रथाएँ
      • व्यवसाय: नेटवर्किंग सेवा शुरू करना, IT परामर्श, वेंडर समन्वय।
      • कौशल: प्रोजेक्ट प्रबंधन, क्लाइंट संचार, लागत अनुमान।
      • प्रमाणन: CompTIA Network+, CCNA मूल बातें, उनकी महत्ता।

2. ट्रेड प्रैक्टिकल (हाथों से कौशल)

लैब वातावरण में नेटवर्क सेटअप, कॉन्फ़िगरेशन, और समस्या निवारण पर केंद्रित।

  • सेमेस्टर 1
    • सुरक्षा और उपकरण हैंडलिंग
      • अभ्यास: राउटर, स्विच, केबल, ग्राउंडिंग तकनीकों का सुरक्षित हैंडलिंग।
      • सेटअप: व्यवस्थित वायरिंग, लेबलिंग, ESD-सुरक्षित वर्कस्टेशन।
      • जाँच: लैब में पावर सप्लाई स्थिरता, उपकरण कैलिब्रेशन।
    • कंप्यूटर असेंबली और रखरखाव
      • असेंबलिंग: CPU, रैम, स्टोरेज, नेटवर्क कार्ड के साथ डेस्कटॉप।
      • स्थापना: लैब सेटअप में Windows/Linux OS, ड्राइवर, नेटवर्क उपयोगिताएँ।
      • समस्या निवारण: हार्डवेयर विफलताएँ, OS त्रुटियाँ, परिधीय कनेक्टिविटी।
    • केबल तैयारी और परीक्षण
      • क्रिम्पिंग: Cat5e/Cat6 का उपयोग कर स्ट्रेट-थ्रू, क्रॉसओवर केबल बनाना।
      • परीक्षण: केबल टेस्टर, फ्लूक मीटर से निरंतरता, सिग्नल गुणवत्ता।
      • कनेक्टिंग: नकली सेटअप में पैच पैनल, वॉल जैक, स्विच पोर्ट।
    • LAN कॉन्फ़िगरेशन
      • सेटअप: 5-10 कंप्यूटर, स्विच, राउटर के साथ छोटा LAN।
      • कॉन्फ़िगरिंग: लैब में स्टैटिक/डायनामिक IP, DNS, गेटवे सेटिंग्स।
      • परीक्षण: फाइल शेयरिंग, प्रिंटर एक्सेस, कनेक्टिविटी के लिए पिंग टेस्ट।
    • ऑपरेटिंग सिस्टम नेटवर्किंग
      • Windows: वर्कग्रुप बनाना, फ़ोल्डर शेयरिंग, ड्राइव मैपिंग।
      • Linux: SSH सेटअप, नेटवर्क इंटरफेस जाँच, बुनियादी स्क्रिप्ट।
      • उपकरण: लैब में कमांड-लाइन टूल (ipconfig, ifconfig, netstat) उपयोग।
    • बुनियादी सुरक्षा कार्यान्वयन
      • कॉन्फ़िगरिंग: लैब सिस्टम में फ़ायरवॉल, एंटीवायरस, उपयोगकर्ता पासवर्ड।
      • परीक्षण: मैलवेयर स्कैन, एक्सेस कंट्रोल नीतियों का अनुकरण।
      • बैकअप: डेटा बैकअप बनाना/पुनर्स्थापना, कार्य शेड्यूलिंग।
    • प्रोजेक्ट कार्य
      • कार्य: 10 उपयोगकर्ताओं के लिए छोटा LAN डिज़ाइन और कार्यान्वयन।
      • आउटपुट: IP कॉन्फ़िगरिंग, कनेक्टिविटी परीक्षण, लैब में सेटअप दस्तावेजीकरण।
      • रिपोर्ट: हार्डवेयर, कॉन्फ़िगरेशन, चुनौतियों का विवरण।
  • सेमेस्टर 2
    • वायरलेस नेटवर्क सेटअप
      • कॉन्फ़िगरिंग: SSID, WPA2/3 एन्क्रिप्शन के साथ वाई-फाई राउटर, एक्सेस पॉइंट।
      • परीक्षण: लैब में सिग्नल शक्ति, गति, कवरेज विश्लेषक उपयोग।
      • समस्या निवारण: हस्तक्षेप, कमज़ोर सिग्नल, डिवाइस पेयरिंग समस्याएँ।
    • WAN सिमुलेशन
      • सेटअप: राउटर के साथ नकली WAN, ISP कनेक्टिविटी अनुकरण।
      • कॉन्फ़िगरिंग: लैब सेटअप में NAT, VPN टनल, DNS रिज़ॉल्यूशन।
      • परीक्षण: क्रॉस-साइट कनेक्टिविटी, बैंडविड्थ आवंटन, लेटेंसी जाँच।
    • नेटवर्क सुरक्षा अभ्यास
      • कार्यान्वयन: लैब में स्विच/राउटर पर VLAN, ACL।
      • ऑडिटिंग: Wireshark, Nmap से नेटवर्क स्कैनिंग कमजोरियों के लिए।
      • सुरक्षित करना: नकली सेटअप में एन्क्रिप्शन, दो-कारक प्रमाणीकरण सक्षम करना।
    • समस्या निवारण अभ्यास
      • निदान: लैब नेटवर्क में IP टकराव, DNS त्रुटियाँ, केबल दोष।
      • उपयोग: फॉल्ट अलगाव के लिए ping, traceroute, प्रोटोकॉल विश्लेषक।
      • समाधान: डिवाइस रीकॉन्फ़िगरिंग, सेटअप में दोषपूर्ण हार्डवेयर प्रतिस्थापन।
    • सर्वर कॉन्फ़िगरेशन
      • स्थापना: Windows Server/Linux Server, DHCP/DNS सेवाएँ सेटअप।
      • प्रबंधन: लैब सर्वर में उपयोगकर्ता खाते, ग्रुप नीतियाँ, बैकअप।
      • निगरानी: CPU, मेमोरी, नेटवर्क उपयोग टूल के साथ जाँच।
    • क्लाउड और वर्चुअलाइज़ेशन
      • बनाना: लैब में VMWare, Hyper-V का उपयोग कर वर्चुअल मशीनें।
      • कॉन्फ़िगरिंग: AWS/Azure ट्रायल खातों के साथ क्लाउड-आधारित नेटवर्क।
      • परीक्षण: नकली सेटअप में वर्चुअल LAN, रिमोट एक्सेस, स्केलेबिलिटी।
    • प्रोजेक्ट कार्य
      • कार्य: LAN, वायरलेस, और सर्वर सेवाओं के साथ सुरक्षित नेटवर्क सेटअप।
      • आउटपुट: डिवाइस कॉन्फ़िगरिंग, सुरक्षा परीक्षण, लैब में प्रस्तुति।
      • पोर्टफोलियो: टोपोलॉजी, कॉन्फ़िगरेशन, समस्या निवारण लॉग दस्तावेजीकरण।

3. वर्कशॉप कैलकुलेशन और विज्ञान

नेटवर्किंग के लिए प्रासंगिक अवधारणाओं का समर्थन करता है।

  • सेमेस्टर 1: अंकगणित (IP गणना, बैंडविड्थ), भौतिकी (बिजली, सिग्नल ट्रांसमिशन)।
  • सेमेस्टर 2: बीजगणित (सबनेटिंग, बाइनरी रूपांतरण), भौतिकी (वायरलेस सिग्नल, ऑप्टिक्स)।

4. इंजीनियरिंग ड्राइंग

नेटवर्क के लिए तकनीकी ड्राफ्टिंग पर केंद्रित।

  • सेमेस्टर 1: नेटवर्क टोपोलॉजी, केबल लेआउट, रैक डायग्राम स्केचिंग।
  • सेमेस्टर 2: LAN/WAN आर्किटेक्चर, डेटा सेंटर प्लान, वायरलेस कवरेज मैप ड्राइंग।

5. एम्प्लॉयबिलिटी स्किल्स

नौकरी की तैयारी और सॉफ्ट स्किल्स को बढ़ाता है।

  • सेमेस्टर 1: संचार (मुद्दों की रिपोर्टिंग), बुनियादी आईटी (सॉफ्टवेयर उपकरण)।
  • सेमेस्टर 2: टीमवर्क (सेटअप पर सहयोग), उद्यमिता (नेटवर्किंग सेवाएँ), समय प्रबंधन।

मूल्यांकन और प्रमाणन

  • परीक्षाएँ: सेमेस्टर-वार (सिद्धांत + प्रायोगिक)।
  • प्रमाणपत्र: एनसीवीटी से नेशनल ट्रेड सर्टिफिकेट (एनटीसी), राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त।
  • मूल्यांकन: नेटवर्क कार्यक्षमता, सुरक्षा कार्यान्वयन, समस्या निवारण सटीकता, और प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर।

करियर अवसर

  • रोजगार: आईटी फर्मों, टेलीकॉम, या कॉर्पोरेट कार्यालयों में नेटवर्क तकनीशियन, सिस्टम प्रशासक, आईटी सहायता विशेषज्ञ।
  • स्व-रोजगार: नेटवर्किंग परामर्श, आईटी रखरखाव सेवा, या साइबरसुरक्षा फर्म शुरू करना।
  • आगे की पढ़ाई: नेटवर्किंग में डिप्लोमा, CompTIA Network+, CCNA जैसे प्रमाणन, या IT में B.Sc.।

नोट

  • यह पाठ्यक्रम एनसीवीटी दिशानिर्देशों के साथ संरेखित है, लेकिन संस्थागत या राज्य-विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर थोड़ा भिन्न हो सकता है।
  • नवीनतम संस्करण के लिए, डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेनिंग (डीजीटी) या स्थानीय आईटीआई से संपर्क करें।
  • स्रोत: एनसीवीटी सीटीएस ढांचे और नेटवर्किंग उद्योग मानकों से अनुकूलित।

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