Mechanic Medical Electronics

आईटीआई मैकेनिक मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स ट्रेड पाठ्यक्रम 

आईटीआई मैकेनिक मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स ट्रेड एक दो वर्षीय व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जो नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग (एनसीवीटी) द्वारा क्राफ्ट्समैन ट्रेनिंग स्कीम (सीटीएस) के तहत संचालित होता है। यह कोर्स प्रशिक्षुओं को स्वास्थ्य सेवा में उपयोग होने वाले मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे ECG, EEG, X-ray, अल्ट्रासाउंड, CT स्कैनर, और रोगी निगरानी सिस्टम की स्थापना, रखरखाव, समस्या निवारण, मरम्मत, और कैलिब्रेशन में कौशल प्रदान करता है। पाठ्यक्रम में सैद्धांतिक ज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स और मेडिकल उपकरण रखरखाव में प्रायोगिक कौशल, और रोजगार योग्यता कौशल शामिल हैं, जो छात्रों को अस्पतालों, डायग्नोस्टिक सेंटरों, या मेडिकल उपकरण विनिर्माण उद्योगों में मेडिकल उपकरण तकनीशियन, बायोमेडिकल तकनीशियन, या सर्विस इंजीनियर, या स्व-रोजगार सेवा प्रदाताओं के रूप में भूमिकाओं के लिए तैयार करता है।

कोर्स का संक्षिप्त विवरण

  • अवधि: 2 वर्ष (4 सेमेस्टर, प्रत्येक 6 महीने)
  • एनएसक्यूएफ स्तर: स्तर 5
  • योग्यता: न्यूनतम 10वीं कक्षा उत्तीर्ण विज्ञान और गणित के साथ (या समकक्ष)
  • उद्देश्य: स्वास्थ्य सेवा अनुप्रयोगों के लिए मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की विश्वसनीयता, सटीकता, और सुरक्षा सुनिश्चित करना।

विस्तृत पाठ्यक्रम विभाजन

1. ट्रेड थ्योरी (सैद्धांतिक ज्ञान)

इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल उपकरण सिद्धांतों, और स्वास्थ्य सेवा नियमों को कवर करता है।

  • सेमेस्टर 1
    • मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स का परिचय
      • अवलोकन: स्वास्थ्य सेवा में इलेक्ट्रॉनिक्स की भूमिका (डायग्नोस्टिक, चिकित्सीय उपकरण)।
      • उद्योग दायरा: अस्पताल, OEM, सर्विस भूमिकाएँ, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग मूल बातें।
      • सुरक्षा: पीपीई (दस्ताने, ESD स्ट्रैप, मास्क), विद्युत सुरक्षा, बायोहाज़र्ड प्रोटोकॉल।
    • बुनियादी इलेक्ट्रॉनिक्स
      • सिद्धांत: वोल्टेज, करंट, प्रतिरोध, AC/DC सर्किट, ओम का नियम।
      • घटक: रेसिस्टर, कैपेसिटर, डायोड, ट्रांजिस्टर, IC, ट्रांसफॉर्मर।
      • सर्किट: मेडिकल उपकरणों में एम्पलीफायर, फिल्टर, रेक्टिफायर, ऑसिलेटर।
    • मानव शरीर रचना और शरीर विज्ञान (बुनियादी)
      • सिस्टम: हृदय, तंत्रिका, श्वसन, मेडिकल उपकरणों से संबंधित।
      • पैरामीटर: हृदय गति, रक्तचाप, मस्तिष्क सिग्नल, उनकी माप।
      • अनुप्रयोग: ECG, EEG, पल्स ऑक्सीमीटर से शरीर रचना को जोड़ना।
    • उपकरण और माप उपकरण
      • इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण: मल्टीमीटर, ऑसिलोस्कोप, सिग्नल जनरेटर, सोल्डरिंग किट।
      • मेडिकल उपकरण: रोगी सिम्युलेटर, सुरक्षा विश्लेषक, कैलिब्रेशन डिवाइस।
      • प्रेसिजन: महत्वपूर्ण उपकरणों (जैसे ECG) के लिए सटीकता (±0.1%) सुनिश्चित करना।
    • विद्युत सिस्टम
      • मूल बातें: मेडिकल उपकरणों में वायरिंग, ग्राउंडिंग, पावर सप्लाई।
      • सुरक्षा: आइसोलेशन ट्रांसफॉर्मर, लीकेज करंट मानक (IEC 60601)।
      • दोष: शॉर्ट सर्किट, पावर सर्ज, ग्राउंडिंग समस्याएँ।
    • वर्कशॉप प्रथाएँ
      • संचालन: PCB असेंबली, सोल्डरिंग, क्रिम्पिंग, केबल हार्नेस।
      • तकनीक: घटक परीक्षण, सर्किट बोर्ड डायग्नोस्टिक्स।
      • दस्तावेजीकरण: सर्विस मैनुअल, उपकरण लॉग, कैलिब्रेशन रिकॉर्ड।
  • सेमेस्टर 2
    • डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स
      • अवधारणाएँ: मेडिकल उपकरणों में लॉजिक गेट, फ्लिप-फ्लॉप, काउंटर, माइक्रोकंट्रोलर।
      • अनुप्रयोग: रोगी मॉनिटरों में डिजिटल डिस्प्ले, डेटा अधिग्रहण।
      • प्रोग्रामिंग: एम्बेडेड सिस्टम की मूल बातें (जैसे, Arduino प्रोटोटाइपिंग)।
    • मेडिकल सेंसर और ट्रांसड्यूसर
      • प्रकार: ECG इलेक्ट्रोड, तापमान प्रोब, दबाव सेंसर, SpO2 सेंसर।
      • संचालन: सिग्नल कंडीशनिंग, एम्प्लिफिकेशन, शोर कमी।
      • कैलिब्रेशन: सेंसर सटीकता सुनिश्चित करना, आवधिक जाँच।
    • डायग्नोस्टिक उपकरण मूल बातें
      • उपकरण: ECG, EEG, EMG, पल्स ऑक्सीमीटर, उनके कार्य सिद्धांत।
      • घटक: डायग्नोस्टिक सिस्टम में एम्पलीफायर, फिल्टर, ADC।
      • रखरखाव: इलेक्ट्रोड सफाई, केबल जाँच, फर्मवेयर अपडेट।
    • पावर सप्लाई सिस्टम
      • प्रकार: मेडिकल उपकरणों में लीनियर, SMPS, बैटरी बैकअप (UPS)।
      • रखरखाव: वोल्टेज स्थिरता परीक्षण, कैपेसिटर, बैटरी प्रतिस्थापन।
      • मानक: महत्वपूर्ण उपकरणों के लिए कम रिपल, उच्च विश्वसनीयता।
    • समस्या निवारण मूल बातें
      • विधियाँ: दोष अलगाव, सिग्नल ट्रेसिंग, त्रुटि कोड विश्लेषण।
      • उपकरण: मरम्मत के लिए डायग्नोस्टिक सॉफ्टवेयर, रोगी सिम्युलेटर, DSO।
      • समाधान: खराब IC प्रतिस्थापन, सेंसर रीकैलिब्रेशन, रीवायरिंग।
    • स्वास्थ्य सेवा नियम
      • मानक: मेडिकल उपकरण सुरक्षा, गुणवत्ता के लिए IEC 60601, ISO 13485।
      • प्रथाएँ: स्टराइलाइजेशन, संक्रमण नियंत्रण, उपकरण लेबलिंग।
      • अनुपालन: लॉग बनाए रखना, अस्पताल प्रोटोकॉल का पालन।
  • सेमेस्टर 3
    • उन्नत डायग्नोस्टिक उपकरण
      • उपकरण: अल्ट्रासाउंड, X-ray, CT स्कैनर, MRI मूल बातें, उनके इलेक्ट्रॉनिक्स।
      • घटक: ट्रांसड्यूसर, उच्च-वोल्टेज सर्किट, इमेज प्रोसेसर।
      • रखरखाव: प्रोब कैलिब्रेशन, X-ray के लिए विकिरण सुरक्षा जाँच।
    • चिकित्सीय उपकरण
      • उपकरण: डिफिब्रिलेटर, वेंटिलेटर, डायलिसिस मशीन, लेजर थेरेपी यूनिट।
      • संचालन: नियंत्रण सर्किट, फीडबैक सिस्टम, सुरक्षा इंटरलॉक।
      • रखरखाव: आउटपुट परीक्षण, फिल्टर प्रतिस्थापन, सॉफ्टवेयर अपडेट।
    • बायोमेडिकल सिग्नल प्रोसेसिंग
      • अवधारणाएँ: एनालॉग-टू-डिजिटल रूपांतरण, फिल्टरिंग, सिग्नल एम्प्लिफिकेशन।
      • अनुप्रयोग: ECG तरंगरूप विश्लेषण, EEG स्पाइक डिटेक्शन।
      • उपकरण: सिग्नल विज़ुअलाइज़ेशन, शोर कमी के लिए सॉफ्टवेयर।
    • नेटवर्किंग और टेलीमेडिसिन
      • सिस्टम: अस्पताल सूचना सिस्टम (HIS), इमेजिंग के लिए PACS।
      • प्रोटोकॉल: मेडिकल डेटा हस्तांतरण के लिए DICOM, HL7।
      • रखरखाव: राउटर कॉन्फ़िगर करना, साइबरसुरक्षा सुनिश्चित करना।
    • निवारक रखरखाव
      • अनुसूची: ECG, अल्ट्रासाउंड, वेंटिलेटर के लिए साप्ताहिक, मासिक जाँच।
      • तकनीक: प्रोब सफाई, अलार्म परीक्षण, आउटपुट सत्यापन।
      • रिकॉर्ड: अपटाइम लॉगिंग, कैलिब्रेशन डेटा, सर्विस इतिहास।
    • ग्राहक संवाद
      • कौशल: डॉक्टरों, नर्सों, प्रशासकों को उपकरण समस्याएँ समझाना।
      • समन्वय: स्पेयर, वारंटी दावों के लिए OEM के साथ कार्य।
      • दस्तावेजीकरण: सर्विस रिपोर्ट, अनुपालन प्रमाणपत्र।
  • सेमेस्टर 4
    • इमेजिंग सिस्टम रखरखाव
      • सिस्टम: डिजिटल X-ray, अल्ट्रासाउंड, CT, MRI इलेक्ट्रॉनिक्स (उन्नत)।
      • कार्य: डिटेक्टर कैलिब्रेशन, कूलिंग सिस्टम सर्विसिंग, सॉफ्टवेयर अपडेट।
      • सुरक्षा: विकिरण परिरक्षण, उच्च-वोल्टेज सावधानियाँ।
    • क्रिटिकल केयर उपकरण
      • उपकरण: ICU मॉनिटर, एनेस्थीसिया मशीन, इन्फ्यूजन पंप।
      • रखरखाव: अलार्म परीक्षण, प्रवाह दर कैलिब्रेशन, सेंसर प्रतिस्थापन।
      • मानक: क्रिटिकल केयर में उच्च विश्वसनीयता, न्यूनतम डाउनटाइम।
    • कंडीशन मॉनिटरिंग
      • तकनीक: IoT, डेटा एनालिटिक्स का उपयोग कर भविष्यवाणी रखरखाव।
      • उपकरण: थर्मल इमेजर, वाइब्रेशन एनालाइज़र, क्लाउड डायग्नोस्टिक्स।
      • विश्लेषण: उपकरण विफलता रुझान, मरम्मत शेड्यूलिंग।
    • उद्यमिता और प्रबंधन
      • व्यवसाय: मेडिकल उपकरण सर्विस शुरू करना, स्पेयर सोर्सिंग।
      • नियोजन: मरम्मत बजट, अस्पताल अनुबंध प्रबंधन।
      • मार्केटिंग: सेवाओं का प्रचार, स्वास्थ्य सेवा नेटवर्क निर्माण।
    • उद्योग रुझान
      • नवाचार: AI डायग्नोस्टिक्स, पहनने योग्य स्वास्थ्य उपकरण, टेलीमेडिसिन।
      • मानक: जोखिम प्रबंधन के लिए ISO 14971, FDA नियम।
      • भविष्य: रोबोटिक सर्जरी सिस्टम, IoT-सक्षम अस्पताल।
    • पेशेवर नैतिकता
      • प्रथाएँ: मरम्मत में पारदर्शिता, गुणवत्ता आश्वासन।
      • जिम्मेदारियाँ: रोगी सुरक्षा, उपकरण सटीकता सुनिश्चित करना।
      • अनुपालन: चिकित्सा नैतिकता, डेटा गोपनीयता कानूनों का पालन।

2. ट्रेड प्रैक्टिकल (हाथों से कौशल)

मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स लैब और अस्पताल जैसे सेटअप में प्रायोगिक कार्यों पर केंद्रित।

  • सेमेस्टर 1
    • सुरक्षा अभ्यास
      • पीपीई उपयोग: लैब में ESD स्ट्रैप, दस्ताने, मास्क पहनना।
      • प्रक्रियाएँ: बायोहाज़र्ड हैंडलिंग, विद्युत सुरक्षा सुनिश्चित करना।
      • अभ्यास: स्टराइलाइजेशन प्रोटोकॉल, शॉक के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया।
    • इलेक्ट्रॉनिक्स सर्किट कार्य
      • निर्माण: PCB पर बुनियादी सर्किट (एम्पलीफायर, फिल्टर) असेंबलिंग।
      • परीक्षण: ऑसिलोस्कोप, मल्टीमीटर से सिग्नल मापना।
      • मरम्मत: घटकों को सोल्डरिंग, खराब डायोड, IC प्रतिस्थापन।
    • विद्युत सिस्टम अभ्यास
      • वायरिंग: मॉक सेटअप में पावर सप्लाई, ग्राउंडिंग सेट करना।
      • परीक्षण: लीकेज करंट, वोल्टेज स्थिरता जाँचना।
      • मरम्मत: वायरिंग दोष ठीक करना, सर्किट ब्रेकर प्रतिस्थापन।
    • वर्कशॉप संचालन
      • प्रदर्शन: मेडिकल उपकरणों के लिए PCB सोल्डरिंग, केबल क्रिम्पिंग।
      • असेंबलिंग: मॉक उपकरणों में सेंसर, डिस्प्ले माउंटिंग।
      • दस्तावेजीकरण: सर्किट डायग्राम, सर्विस लॉग तैयार करना।
    • बुनियादी उपकरण हैंडलिंग
      • संचालन: लैब में रोगी सिम्युलेटर, सुरक्षा विश्लेषक उपयोग।
      • परीक्षण: मॉक ECG, पल्स ऑक्सीमीटर सर्किट के आउटपुट सत्यापन।
      • रखरखाव: इलेक्ट्रोड सफाई, केबल अखंडता जाँच।
    • प्रोजेक्ट कार्य
      • सर्किट निर्माण: पल्स ऑक्सीमीटर प्रोटोटाइप असेंबलिंग, परीक्षण।
      • रिपोर्ट: डिज़ाइन, ठीक किए गए दोष, कैलिब्रेशन डेटा दस्तावेजीकरण।
  • सेमेस्टर 2
    • डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स अभ्यास
      • असेंबलिंग: लैब में माइक्रोकंट्रोलर-आधारित सर्किट निर्माण।
      • प्रोग्रामिंग: मॉक मेडिकल डिस्प्ले के लिए Arduino कोडिंग।
      • परीक्षण: लॉजिक त्रुटियाँ डिबगिंग, डिजिटल आउटपुट सत्यापन।
    • सेंसर रखरखाव
      • स्थापना: मॉक सेटअप में ECG इलेक्ट्रोड, SpO2 सेंसर वायरिंग।
      • कैलिब्रेशन: लैब में सटीक रीडिंग के लिए सेंसर ट्यूनिंग।
      • परीक्षण: रोगी सिम्युलेटर के साथ सिग्नल गुणवत्ता सत्यापन।
    • डायग्नोस्टिक उपकरण मरम्मत
      • सर्विसिंग: लैब में मॉक ECG, EEG मशीनों का निरीक्षण।
      • मरम्मत: केबल प्रतिस्थापन, एम्पलीफायर रीकैलिब्रेशन।
      • परीक्षण: तरंगरूप सटीकता, अलार्म कार्यक्षमता सुनिश्चित करना।
    • पावर सप्लाई रखरखाव
      • सर्विसिंग: मॉक मेडिकल सेटअप में SMPS, UPS परीक्षण।
      • मरम्मत: लैब में बैटरी, कैपेसिटर प्रतिस्थापन।
      • परीक्षण: वोल्टेज स्थिरता, रिपल-मुक्त आउटपुट सत्यापन।
    • समस्या निवारण अभ्यास
      • निदान: मॉक ECG, पल्स ऑक्सीमीटर सर्किट में दोष ट्रेसिंग।
      • मरम्मत: सेंसर प्रतिस्थापन, सॉफ्टवेयर गड़बड़ियाँ ठीक करना।
      • परीक्षण: मरम्मत के बाद त्रुटि-मुक्त संचालन सुनिश्चित करना।
    • प्रोजेक्ट कार्य
      • ECG मशीन सर्विसिंग: लैब में मरम्मत, कैलिब्रेशन, परीक्षण।
      • पोर्टफोलियो: लॉग, फोटो, प्रदर्शन डेटा प्रस्तुति।
  • सेमेस्टर 3
    • उन्नत डायग्नोस्टिक उपकरण अभ्यास
      • सर्विसिंग: मॉक सेटअप में अल्ट्रासाउंड प्रोब, X-ray सर्किट निरीक्षण।
      • कैलिब्रेशन: ट्रांसड्यूसर ट्यूनिंग, उच्च-वोल्टेज सिस्टम जाँच।
      • परीक्षण: छवि स्पष्टता, विकिरण सुरक्षा सत्यापन।
    • चिकित्सीय उपकरण मरम्मत
      • सर्विसिंग: लैब में डिफिब्रिलेटर, वेंटिलेटर निरीक्षण।
      • मरम्मत: फिल्टर प्रतिस्थापन, प्रवाह नियंत्रण रीकैलिब्रेशन।
      • परीक्षण: शॉक डिलीवरी, वेंटिलेशन सटीकता सुनिश्चित करना।
    • सिग्नल प्रोसेसिंग अभ्यास
      • प्रोसेसिंग: लैब सॉफ्टवेयर का उपयोग कर ECG, EEG सिग्नल विश्लेषण।
      • परीक्षण: शोर कमी, सिग्नल एम्प्लिफिकेशन सत्यापन।
      • दस्तावेजीकरण: सिग्नल गुणवत्ता रिपोर्ट तैयार करना।
    • नेटवर्किंग अभ्यास
      • सेटअप: मॉक अस्पताल नेटवर्क में DICOM, HL7 कॉन्फ़िगर करना।
      • समस्या निवारण: राउटर, PACS कनेक्टिविटी समस्याएँ निदान।
      • परीक्षण: लैब में सुरक्षित डेटा हस्तांतरण सुनिश्चित करना।
    • निवारक रखरखाव अभ्यास
      • प्रदर्शन: अल्ट्रासाउंड, X-ray मॉक सिस्टम की सफाई।
      • परीक्षण: लैब में अलार्म, आउटपुट कैलिब्रेशन।
      • लॉगिंग: रखरखाव अनुसूची, अपटाइम रिपोर्ट तैयार करना।
    • प्रोजेक्ट कार्य
      • अल्ट्रासाउंड मशीन सर्विसिंग: मरम्मत, कैलिब्रेशन, परीक्षण।
      • पोर्टफोलियो: मरम्मत लॉग, परीक्षण परिणाम, फोटो प्रस्तुति।
  • सेमेस्टर 4
    • इमेजिंग सिस्टम रखरखाव
      • सर्विसिंग: लैब में डिजिटल X-ray, CT मॉक सिस्टम निरीक्षण।
      • मरम्मत: डिटेक्टर रीकैलिब्रेशन, इमेजिंग सॉफ्टवेयर अपडेट।
      • परीक्षण: छवि गुणवत्ता, विकिरण अनुपालन सुनिश्चित करना।
    • क्रिटिकल केयर उपकरण मरम्मत
      • सर्विसिंग: लैब में ICU मॉनिटर, इन्फ्यूजन पंप निरीक्षण।
      • मरम्मत: मॉक सेटअप में सेंसर प्रतिस्थापन, अलार्म ठीक करना।
      • परीक्षण: प्रवाह दर, रोगी डेटा सटीकता सत्यापन।
    • कंडीशन मॉनिटरिंग अभ्यास
      • मॉनिटरिंग: मॉक उपकरणों पर IoT सेंसर, थर्मल इमेजर उपयोग।
      • विश्लेषण: लैब में विफलता डेटा रुझान, दोष भविष्यवाणी।
      • रिपोर्टिंग: रखरखाव पूर्वानुमान, लॉग तैयार करना।
    • उद्यमिता अभ्यास
      • अनुकरण: मॉक उपकरण सर्विस चलाना, स्पेयर सोर्सिंग।
      • नियोजन: अस्पताल अनुबंध बजट, इन्वेंट्री प्रबंधन।
      • मार्केटिंग: मॉक सर्विस विज्ञापन, ग्राहक प्रस्ताव बनाना।
    • सुरक्षा और अनुपालन
      • निरीक्षण: मॉक सेटअप में बायोहाज़र्ड, ग्राउंडिंग जाँचना।
      • ऑडिटिंग: मॉक सुरक्षा, साइबरसुरक्षा ऑडिट करना।
      • परीक्षण: IEC 60601, ISO अनुपालन सुनिश्चित करना।
    • प्रोजेक्ट कार्य
      • रोगी मॉनिटर पुनर्स्थापना: मरम्मत, एकीकरण, परीक्षण।
      • पोर्टफोलियो: लॉग, फोटो, सिस्टम सटीकता डेटा प्रस्तुति।

3. वर्कशॉप कैलकुलेशन और विज्ञान

मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए प्रासंगिक अवधारणाओं का समर्थन करता है।

  • सेमेस्टर 1: अंकगणित (सर्किट, सहनशीलता), भौतिकी (बिजली, चुम्बकत्व)।
  • सेमेस्टर 2: बीजगणित (सिग्नल समीकरण), इलेक्ट्रॉनिक्स (एम्प्लिफिकेशन)।
  • सेमेस्टर 3: ज्यामिति (इमेजिंग कोण), जीव विज्ञान (बायो-सिग्नल)।
  • सेमेस्टर 4: सांख्यिकी (विफलता दर), अनुप्रयुक्त भौतिकी (विकिरण, सेंसर)।

4. इंजीनियरिंग ड्राइंग

मेडिकल उपकरणों के लिए तकनीकी ड्राफ्टिंग पर केंद्रित।

  • सेमेस्टर 1: सर्किट डायग्राम, PCB लेआउट, ऑर्थोग्राफिक दृश्य स्केचिंग।
  • सेमेस्टर 2: ECG, EEG वायरिंग, सेंसर सर्किट ड्राइंग।
  • सेमेस्टर 3: अल्ट्रासाउंड, X-ray योजनाएँ, नेटवर्क लेआउट डिज़ाइन।
  • सेमेस्टर 4: ICU मॉनिटर, इमेजिंग सिस्टम के लिए ब्लूप्रिंट बनाना।

5. एम्प्लॉयबिलिटी स्किल्स

नौकरी की तैयारी और सॉफ्ट स्किल्स को बढ़ाता है।

  • सेमेस्टर 1: संचार (दोष रिपोर्टिंग), समय प्रबंधन, बुनियादी आईटी (डायग्नोस्टिक्स)।
  • सेमेस्टर 2: टीमवर्क (स्वास्थ्य कर्मियों के साथ), समस्या समाधान (उपकरण दोष)।
  • सेमेस्टर 3: नेतृत्व (मरम्मत निगरानी), बातचीत (OEM डील), उन्नत आईटी (PACS, DICOM)।
  • सेमेस्टर 4: उद्यमिता (सर्विस व्यवसाय), ग्राहक प्रबंधन, रुझान (AI डायग्नोस्टिक्स)।

मूल्यांकन और प्रमाणन

  • परीक्षाएँ: सेमेस्टर-वार (सिद्धांत + प्रायोगिक)।
  • प्रमाणपत्र: एनसीवीटी से नेशनल ट्रेड सर्टिफिकेट (एनटीसी), राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त।
  • मूल्यांकन: मरम्मत सटीकता, कैलिब्रेशन प्रेसिजन, सिस्टम विश्वसनीयता, और प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर।

करियर अवसर

  • रोजगार: अस्पतालों, डायग्नोस्टिक सेंटरों, या OEM में मेडिकल उपकरण तकनीशियन, बायोमेडिकल तकनीशियन, सर्विस इंजीनियर।
  • स्व-रोजगार: मेडिकल उपकरण रखरखाव या कैलिब्रेशन सर्विस शुरू करना।
  • आगे की पढ़ाई: बायोमेडिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा, इमेजिंग सिस्टम में प्रमाणन, या स्वास्थ्य सेवा IoT।

नोट

  • यह पाठ्यक्रम एनसीवीटी दिशानिर्देशों के साथ संरेखित है और संस्थागत या राज्य-विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर थोड़ा भिन्न हो सकता है।
  • नवीनतम संस्करण के लिए, डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेनिंग (डीजीटी) या स्थानीय आईटीआई से संपर्क करें।