अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण योजना: बैंकिंग फ्रंट ऑफिस एक्जीक्यूटिव और टेलीकॉलर पाठ्यक्रम

पाठ्यक्रम का विवरण

यह पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शिकाऊ उमेदवारी प्रोत्साहन योजना (NAPS) के तहत बैंकिंग फ्रंट ऑफिस एक्जीक्यूटिव और टेलीकॉलर ट्रेड के लिए तैयार किया गया है। यह ग्राहक सेवा, बैंकिंग संचालन, टेलीकॉलिंग, बिक्री, और नियामक अनुपालन में कौशल प्रदान करता है। प्रशिक्षण अवधि 1 वर्ष है, जिसमें मूल प्रशिक्षण और कार्यस्थल पर प्रशिक्षण शामिल हैं।

1. मूल प्रशिक्षण (Basic Training)

अवधि: 3-6 महीने
माध्यम: औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) या नियोक्ता का प्रशिक्षण केंद्र
उद्देश्य: बैंकिंग संचालन, ग्राहक सेवा, और टेलीकॉलिंग में आधारभूत कौशल प्रदान करना।

विषय:

  1. बैंकिंग का परिचय
    • बैंकिंग प्रणाली: वाणिज्यिक बैंक, सहकारी बैंक।
    • बैंकिंग सेवाएँ: खाता प्रबंधन, ऋण, जमा।
    • फ्रंट ऑफिस की भूमिका: ग्राहक संपर्क, क्वेरी समाधान।
  2. ग्राहक सेवा और संचार
    • प्रभावी संचार: मौखिक, लिखित, और गैर-मौखिक।
    • ग्राहक शिकायत प्रबंधन।
    • कार्यालय और टेलीफोन शिष्टाचार।
  3. टेलीकॉलिंग तकनीक
    • कॉल स्क्रिप्ट लेखन और प्रस्तुति।
    • बिक्री तकनीक: क्रॉस-सेलिंग, अप-सेलिंग।
    • आपत्ति प्रबंधन और कॉल समापन।
  4. बैंकिंग उत्पाद और सेवाएँ
    • खाता प्रकार: बचत, चालू, FD, RD।
    • ऋण उत्पाद: व्यक्तिगत, गृह, वाहन।
    • डिजिटल बैंकिंग: UPI, मोबाइल बैंकिंग, नेट बैंकिंग।
  5. सॉफ्टवेयर और डिजिटल कौशल
    • बैंकिंग सॉफ्टवेयर: कोर बैंकिंग सिस्टम (CBS), CRM।
    • एमएस ऑफिस: एक्सेल (डेटा प्रविष्टि), वर्ड (रिपोर्ट)।
    • ईमेल और कैलेंडर प्रबंधन।
  6. नियामक अनुपालन और नैतिकता
    • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) दिशानिर्देश।
    • KYC और AML (एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग) नियम।
    • डेटा गोपनीयता और ग्राहक गोपनीयता।

मूल्यांकन:

  • लिखित परीक्षा: बैंकिंग सिद्धांत, ग्राहक सेवा, नियामक।
  • प्रैक्टिकल: टेलीकॉलिंग सिमुलेशन, सॉफ्टवेयर उपयोग, KYC प्रक्रिया।

2. कार्यस्थल पर प्रशिक्षण (On-the-Job Training)

अवधि: 6-9 महीने
माध्यम: नियोक्ता का कार्यस्थल
उद्देश्य: वास्तविक बैंकिंग और टेलीकॉलिंग परिदृश्यों में ग्राहक सेवा और बिक्री कौशल लागू करना।

कार्य:

  1. ग्राहक सहायता: खाता पूछताछ, शिकायत समाधान।
  2. टेलीकॉलिंग: उत्पाद प्रचार, लीड जनरेशन, अपॉइंटमेंट शेड्यूलिंग।
  3. डेटा प्रबंधन: ग्राहक जानकारी अद्यतन, KYC दस्तावेज़।
  4. बिक्री: बचत खाते, ऋण, बीमा उत्पादों की पेशकश।
  5. डिजिटल बैंकिंग सहायता: ग्राहकों को UPI, मोबाइल बैंकिंग सेटअप में मदद।
  6. रिपोर्टिंग: दैनिक कॉल लॉग, बिक्री रिपोर्ट।
  7. अनुपालन: KYC सत्यापन, RBI दिशानिर्देशों का पालन।

मूल्यांकन:

  • कार्य प्रदर्शन: नियोक्ता द्वारा ग्राहक सेवा, बिक्री लक्ष्य।
  • प्रोजेक्ट: ग्राहक संतुष्टि सर्वेक्षण या बिक्री रणनीति।
  • उपस्थिति: 80% न्यूनतम।

3. संबंधित निर्देश (Related Instructions)

उद्देश्य: सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावसायिक कौशल को मजबूत करना।

विषय:

  1. बैंकिंग रणनीति: ग्राहक प्रतिधारण, बिक्री लक्ष्य।
  2. वित्तीय समावेशन: ग्रामीण बैंकिंग, PMJDY।
  3. कानूनी ढांचा: उपभोक्ता संरक्षण, बैंकिंग संहिता।
  4. सॉफ्ट स्किल्स: तनाव प्रबंधन, समय प्रबंधन।
  5. उद्योग प्रथाएँ: डिजिटल बैंकिंग, AI चैटबॉट।
  6. नैतिकता: पारदर्शी बिक्री, ग्राहक विश्वास।

मूल्यांकन:

  • लिखित टेस्ट: बैंकिंग रणनीति, कानून।
  • प्रस्तुति: ग्राहक सेवा सुधार योजना।

4. अखिल भारतीय ट्रेड टेस्ट (AITT)

प्रवेश: प्रशिक्षण पूरा करने के बाद।
प्रारूप:

  • लिखित: बैंकिंग संचालन, ग्राहक सेवा, नियामक।
  • प्रैक्टिकल: टेलीकॉलिंग सिमुलेशन, KYC प्रक्रिया, सॉफ्टवेयर।

परिणाम: उत्तीर्ण उम्मीदवारों को राष्ट्रीय शिकाऊ प्रमाणपत्र (NAC)।

5. प्रशिक्षण के अन्य पहलू

  • विद्यावेतन: ₹8,000-₹15,000/माह।
  • प्रशिक्षण सुविधाएँ: कंप्यूटर, टेलीफोन, बैंकिंग सॉफ्टवेयर।
  • प्रमाणन: NAC, सरकारी नौकरियों में मान्य।
  • पंजीकरण: apprenticeshipindia.gov.in

6. पाठ्यक्रम के उद्देश्य

  • ग्राहक सेवा और टेलीकॉलिंग में दक्षता।
  • बैंकिंग उत्पाद और डिजिटल उपकरणों में विशेषज्ञता।
  • नियामक अनुपालन और नैतिक बिक्री में व्यावसायिकता।

7. नोट्स

  • योग्यता: 12वीं पास (वाणिज्य या कला वांछनीय)।
  • आयु: 14 वर्ष से अधिक।
  • संसाधन: dgt.gov.in