
आईटीआई सर्वेयर ट्रेड पाठ्यक्रम
आईटीआई "सर्वेयर" ट्रेड एक दो वर्षीय व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जो नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग (एनसीवीटी) द्वारा क्राफ्ट्समैन ट्रेनिंग स्कीम (सीटीएस) के तहत संचालित होता है। यह कोर्स प्रशिक्षुओं को भूमि सर्वेक्षण, नक्शा तैयार करने, और पारंपरिक व आधुनिक सर्वेक्षण उपकरणों (जैसे टोटल स्टेशन और GPS) का उपयोग करके पृथ्वी की भौतिक विशेषताओं को मापने की कौशल प्रदान करता है। पाठ्यक्रम में सैद्धांतिक ज्ञान, प्रायोगिक सर्वेक्षण कौशल, और रोजगार योग्यता प्रशिक्षण शामिल है, जो छात्रों को निर्माण, बुनियादी ढांचा, और भूमि विकास क्षेत्रों में सर्वेयर, सर्वे तकनीशियन, या सिविल इंजीनियरों के सहायक जैसे भूमिकाओं के लिए तैयार करता है।
कोर्स का संक्षिप्त विवरण
- अवधि: 2 वर्ष (4 सेमेस्टर, प्रत्येक 6 महीने)
- एनएसक्यूएफ स्तर: स्तर 5
- योग्यता: विज्ञान और गणित के साथ न्यूनतम 10वीं कक्षा उत्तीर्ण (या समकक्ष)
- उद्देश्य: कुशल सर्वेयर तैयार करना जो सटीक भूमि माप कर सकें, सर्वे डेटा को प्लॉट कर सकें, और सिविल इंजीनियरिंग परियोजनाओं में सहायता कर सकें।
विस्तृत पाठ्यक्रम विभाजन (हिंदी)
1. ट्रेड थ्योरी (सैद्धांतिक ज्ञान)
सर्वेक्षण और मैपिंग की मूलभूत अवधारणाओं को कवर करता है।
- सेमेस्टर 1
- सर्वेक्षण का परिचय
- सिविल इंजीनियरिंग और निर्माण में सर्वेक्षण का महत्व।
- सर्वेयर की भूमिका और जिम्मेदारियाँ।
- सर्वेक्षण के प्रकार: स्थलाकृतिक, भूकर, इंजीनियरिंग, हाइड्रोग्राफिक।
- बेसिक सर्वेक्षण उपकरण
- चेन सर्वेक्षण: चेन, टेप, रेंजिंग रॉड, खूंटे के प्रकार।
- कम्पास सर्वेक्षण: प्रिज्मेटिक कम्पास, बेयरिंग, डेक्लिनेशन।
- प्लेन टेबल सर्वेक्षण: उपकरण, विधियाँ, लाभ।
- माप तकनीक
- रैखिक माप: चेनिंग, टेपिंग, ढलान और तापमान के लिए सुधार।
- कोणीय माप: कम्पास, प्रोट्रैक्टर, और कोण माप तकनीक का उपयोग।
- माप की इकाइयाँ: मीट्रिक और इंपीरियल सिस्टम।
- ड्राइंग और मैपिंग मूल बातें
- ड्राइंग उपकरण: स्केल, प्रोट्रैक्टर, कम्पास, ड्राफ्टिंग टूल।
- सर्वे नक्शों में प्रयुक्त प्रतीक और संकेत।
- साधारण सर्वे डेटा को स्केच और प्लान में प्लॉट करना।
- सर्वेक्षण का परिचय
- सेमेस्टर 2
- लेवलिंग
- लेवलिंग के सिद्धांत: डेटम, रिड्यूस्ड लेवल (RL), बेंचमार्क।
- लेवलिंग उपकरण: डम्पी लेवल, ऑटो लेवल, लेवलिंग स्टाफ।
- विधियाँ: हाइट ऑफ इंस्ट्रूमेंट (HI), राइज़ एंड फॉल विधि।
- कंटूरिंग
- कंटूर की अवधारणा: विशेषताएँ, नक्शे में उपयोग।
- कंटूरिंग की विधियाँ: प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष विधियाँ।
- कंटूर लाइनों के लिए इंटरपोलेशन तकनीक।
- थियोडोलाइट सर्वेक्षण
- थियोडोलाइट: घटक, अस्थायी और स्थायी समायोजन।
- क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर कोणों का माप।
- ट्रैवर्स सर्वेक्षण: ओपन और क्लोज्ड ट्रैवर्स, प्लॉटिंग।
- भवन लेआउट सर्वेक्षण
- भवन योजनाओं को सेट करना: नींव, दीवारें, कॉलम चिह्नित करना।
- त्रिकोणमिति और त्रिपक्षमिति की मूल बातें।
- लेवलिंग
- सेमेस्टर 3
- उन्नत सर्वेक्षण उपकरण
- टोटल स्टेशन: घटक, सेटअप, डेटा रिकॉर्डिंग।
- इलेक्ट्रॉनिक डिस्टेंस मेजरमेंट (EDM): सिद्धांत और अनुप्रयोग।
- GPS सर्वेक्षण: ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम की मूल बातें, निर्देशांक।
- स्थलाकृतिक सर्वेक्षण
- स्थलाकृतिक नक्शों की विशेषताएँ: पहाड़ियाँ, नदियाँ, जंगल, सड़कें।
- फील्ड डेटा से स्थलाकृतिक विवरण प्लॉट करना।
- सर्वे डेटा से क्षेत्रफल और आयतन गणना।
- सड़क और रेलवे सर्वेक्षण
- सड़कों और रेलवे का संरेखण: वक्र, ढाल, क्रॉस-सेक्शन।
- वक्र सेट करना: साधारण, संयुक्त, और ट्रांज़िशन वक्र।
- तटबंध और कटिंग के लिए मिट्टी का काम गणना।
- उन्नत सर्वेक्षण उपकरण
- सेमेस्टर 4
- भूकर सर्वेक्षण
- संपत्ति सीमाओं और स्वामित्व रिकॉर्ड के लिए भूमि माप।
- भूकर नक्शे और भूमि रिकॉर्ड तैयार करना।
- भारत में भूमि सर्वेक्षण के कानूनी पहलू।
- हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण
- हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण की मूल बातें: जल गहराई, तटरेखा मैपिंग।
- उपकरण: इको साउंडर, टाइड गेज।
- हाइड्रोग्राफिक सर्वे डेटा प्लॉट करना।
- आधुनिक सर्वेक्षण तकनीक
- सर्वेक्षण में GIS (भौगोलिक सूचना प्रणाली) का उपयोग।
- रिमोट सेंसिंग: सिद्धांत, मैपिंग में उपग्रह चित्र।
- ड्रोन सर्वेक्षण: अनुप्रयोग और डेटा प्रोसेसिंग।
- अनुमान और प्रोजेक्ट कार्य
- सर्वे डेटा से अनुमान की मूल बातें (जैसे, मिट्टी का काम, लेवलिंग)।
- सर्वे रिपोर्ट और दस्तावेज़ीकरण तैयार करना।
- भूकर सर्वेक्षण
2. ट्रेड प्रैक्टिकल (हाथों से कौशल)
प्रायोगिक सर्वेक्षण और मैपिंग कौशल पर केंद्रित।
- सेमेस्टर 1
- चेन और कम्पास सर्वेक्षण
- समतल और ढलान वाली जमीन पर चेन और टेप से दूरी मापना।
- रेंजिंग रॉड के साथ लंबवत और ऑफसेट सेट करना।
- कम्पास सर्वे करना और बेयरिंग रिकॉर्ड करना।
- प्लेन टेबल सर्वेक्षण
- प्लेन टेबल सेट करना और साधारण फील्ड लेआउट प्लॉट करना।
- रेडिएशन, इंटरसेक्शन, और ट्रैवर्सिंग विधियाँ।
- ड्राइंग अभ्यास
- चेन और कम्पास सर्वे डेटा को स्केच में प्लॉट करना।
- स्केल और प्रतीकों के साथ साधारण प्लान बनाना।
- चेन और कम्पास सर्वेक्षण
- सेमेस्टर 2
- लेवलिंग अभ्यास
- डम्पी लेवल/ऑटो लेवल सेट करना और रीडिंग लेना।
- डिफरेंशियल लेवलिंग करना और रिड्यूस्ड लेवल की गणना।
- अनुदैर्ध्य और क्रॉस-सेक्शनल प्रोफाइल प्लॉट करना।
- थियोडोलाइट सर्वेक्षण
- थियोडोलाइट सेट करना और अस्थायी समायोजन करना।
- फील्ड में क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर कोण मापना।
- क्लोज्ड ट्रैवर्स करना और परिणाम प्लॉट करना।
- कंटूरिंग
- फील्ड में कंटूर बिंदु ढूंढना और कंटूर नक्शे प्लॉट करना।
- लेवलिंग अभ्यास
- सेमेस्टर 3
- टोटल स्टेशन सर्वेक्षण
- टोटल स्टेशन सेट करना और निर्देशांक रिकॉर्ड करना।
- टोटल स्टेशन का उपयोग करके स्थलाकृतिक सर्वे करना।
- मैपिंग के लिए डेटा को कंप्यूटर सॉफ्टवेयर में स्थानांतरित करना।
- GPS सर्वेक्षण
- GPS डिवाइस का उपयोग करके अक्षांश, देशांतर, और ऊँचाई रिकॉर्ड करना।
- GPS डेटा को नक्शों में प्लॉट करना।
- सड़क सर्वेक्षण
- फील्ड में सड़क संरेखण और वक्र सेट करना।
- सड़क परियोजनाओं के लिए क्रॉस-सेक्शन और प्रोफाइल तैयार करना।
- टोटल स्टेशन सर्वेक्षण
- सेमेस्टर 4
- भूकर सर्वेक्षण
- भूमि पार्सल मापना और संपत्ति सीमाएँ प्लॉट करना।
- स्वामित्व विवरण के साथ भूकर नक्शे तैयार करना।
- हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण
- फील्ड में जल गहराई और तटरेखा विशेषताएँ मापना।
- हाइड्रोग्राफिक डेटा को चार्ट में प्लॉट करना।
- आधुनिक उपकरण अभ्यास
- GIS सॉफ्टवेयर का उपयोग करके सर्वे डेटा विश्लेषण और प्लॉट करना।
- ड्रोन सर्वे डेटा को मैपिंग के लिए प्रोसेस करना।
- प्रोजेक्ट कार्य
- एक पूर्ण सर्वे करना (जैसे, स्थलाकृतिक या सड़क सर्वे)।
- विस्तृत नक्शे, प्रोफाइल, और सर्वे रिपोर्ट तैयार करना।
- भूकर सर्वेक्षण
3. वर्कशॉप कैलकुलेशन और विज्ञान
सर्वेक्षण कार्यों के लिए गणितीय और वैज्ञानिक सहायता प्रदान करता है।
- सेमेस्टर 1 और 2
- बेसिक अंकगणित: माप के लिए भिन्न, दशमलव, प्रतिशत।
- त्रिकोणमिति: कोण गणना के लिए साइन, कोसाइन, टैंगेंट।
- ज्यामिति: त्रिकोण, बहुभुज, वृत्त का क्षेत्रफल और परिधि।
- सेमेस्टर 3 और 4
- क्षेत्रमिति: मिट्टी के काम के लिए आयतन और क्षेत्रफल गणना।
- निर्देशांक ज्यामिति: बिंदु प्लॉट करना, दूरी और बेयरिंग की गणना।
- प्रकाशिकी और भौतिकी: सर्वेक्षण उपकरणों में लेंस के सिद्धांत।
4. इंजीनियरिंग ड्राइंग
सर्वेक्षण के लिए विशिष्ट ड्राइंग कौशल पर फोकस।
- सेमेस्टर 1: चेन और कम्पास सर्वे डेटा प्लॉटिंग, साधारण प्लान।
- सेमेस्टर 2: लेवलिंग प्रोफाइल, कंटूर नक्शे, थियोडोलाइट ट्रैवर्स प्लॉट।
- सेमेस्टर 3: स्थलाकृतिक नक्शे, सड़क/रेलवे संरेखण, टोटल स्टेशन डेटा प्लॉट।
- सेमेस्टर 4: भूकर नक्शे, हाइड्रोग्राफिक चार्ट, GIS-आधारित चित्र।
5. एम्प्लॉयबिलिटी स्किल्स
नौकरी की तैयारी और सॉफ्ट स्किल्स को बढ़ाता है।
- सेमेस्टर 1 और 2
- संचार कौशल: सर्वे निष्कर्षों की रिपोर्टिंग, टीमवर्क।
- समय प्रबंधन: फील्ड सर्वे और ड्राफ्टिंग कार्यों की योजना।
- बेसिक आईटी स्किल्स: दस्तावेज़ीकरण के लिए एमएस ऑफिस।
- सेमेस्टर 3 और 4
- उद्यमिता: सर्वेक्षण परामर्श या सेवा शुरू करना।
- रिज्यूमे लेखन और साक्षात्कार की तैयारी।
- एडवांस्ड आईटी स्किल्स: GIS सॉफ्टवेयर, डेटा प्रोसेसिंग टूल।
मूल्यांकन और प्रमाणन
- परीक्षाएँ: सेमेस्टर-वार आयोजित, जिसमें सैद्धांतिक और प्रायोगिक घटक शामिल हैं।
- प्रमाणपत्र: सफल उम्मीदवारों को एनसीवीटी से नेशनल ट्रेड सर्टिफिकेट (एनटीसी) प्रदान किया जाता है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है।
- मूल्यांकन: फील्ड सर्वे सटीकता, नक्शा तैयारी, लिखित परीक्षा, और प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर।
करियर अवसर
- रोजगार: सर्वेयर, सर्वे तकनीशियन, सिविल इंजीनियरों के सहायक, भूमि रिकॉर्ड अधिकारी।
- स्व-रोजगार: फ्रीलांस सर्वेक्षण सेवाएँ, निर्माण परियोजनाओं के लिए परामर्श।
- आगे की पढ़ाई: सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा (लेटरल एंट्री), उन्नत GIS/सर्वेक्षण कोर्स।
नोट
- यह पाठ्यक्रम नवीनतम एनसीवीटी दिशानिर्देशों के साथ संरेखित है और संस्थागत या राज्य-विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर थोड़ा भिन्न हो सकता है।
- सबसे नवीनतम संस्करण के लिए, डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेनिंग (डीजीटी) की वेबसाइट (dgt.gov.in) देखें या अपने स्थानीय आईटीआई से संपर्क करें।
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