आईटीआई डेयरिंग ट्रेड पाठ्यक्रम

आईटीआई "डेयरिंग" ट्रेड एक वर्षीय व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जो नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग (एनसीवीटी) द्वारा क्राफ्ट्समैन ट्रेनिंग स्कीम (सीटीएस) के तहत संचालित होता है। यह कोर्स प्रशिक्षुओं को डेयरी फार्म प्रबंधन, दूध संग्रहण, प्रसंस्करण, और मक्खन, पनीर, और दही जैसे डेयरी उत्पादों के उत्पादन में कौशल प्रदान करता है। पाठ्यक्रम में सैद्धांतिक ज्ञान, प्रायोगिक डेयरी हैंडलिंग कौशल, और रोजगार योग्यता प्रशिक्षण शामिल है, जो छात्रों को डेयरी सहकारी समितियों, प्रसंस्करण संयंत्रों, या स्व-रोजगार उद्यमों में डेयरी टेक्नीशियन, दूध प्रोसेसर, या डेयरी फार्म सुपरवाइज़र जैसे भूमिकाओं के लिए तैयार करता है।

कोर्स का संक्षिप्त विवरण

  • अवधि: 1 वर्ष (2 सेमेस्टर, प्रत्येक 6 महीने)
  • एनएसक्यूएफ स्तर: स्तर 4
  • योग्यता: विज्ञान के साथ न्यूनतम 10वीं कक्षा उत्तीर्ण (या समकक्ष)
  • उद्देश्य: डेयरी संचालन प्रबंधन, दूध की गुणवत्ता सुनिश्चित करना, और स्वच्छता व सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए डेयरी उत्पाद बनाना।

विस्तृत पाठ्यक्रम विभाजन 

1. ट्रेड थ्योरी (सैद्धांतिक ज्ञान)

डेयरिंग और दूध प्रसंस्करण की मूलभूत अवधारणाओं को कवर करता है।

  • सेमेस्टर 1
    • डेयरिंग का परिचय
      • कृषि और अर्थव्यवस्था में डेयरिंग का महत्व।
      • डेयरी उद्योग का अवलोकन: संरचना, दायरा, और अवसर।
      • डेयरी नस्लें: मवेशी और भैंस की पहचान और विशेषताएँ।
    • डेयरी फार्म प्रबंधन
      • डेयरी जानवरों के लिए आवास और आश्रय आवश्यकताएँ।
      • ख喂न प्रथाएँ: चारा, सांद्र, और संतुलित आहार।
      • प्रजनन और संतानोत्पत्ति: कृत्रिम गर्भाधान की मूल बातें, गर्भावस्था अवधि।
    • दूध उत्पादन और संग्रहण
      • थन की संरचना और दूध स्राव की शारीरिक प्रक्रिया।
      • दूध निकालने के तरीके: हाथ से दूध निकालना, मशीन से दूध निकालना।
      • दूध स्वच्छता: स्वच्छ दूध निकालने की प्रथाएँ, दूध भंडारण मूल बातें।
    • दूध संरचना और गुणवत्ता
      • दूध की रासायनिक संरचना: वसा, प्रोटीन, लैक्टोज, खनिज।
      • दूध की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले कारक: नस्ल, चारा, जानवरों का स्वास्थ्य।
      • दूध परीक्षण: मिलावट का पता लगाना, विशिष्ट गुरुत्व, pH।
    • सुरक्षा और स्वच्छता
      • डेयरी श्रमिकों के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता।
      • डेयरी उपकरणों और शेड की सफाई और स्वच्छता।
      • सुरक्षा उपाय: जानवरों को संभालना, जूनोटिक रोगों से बचाव।
  • सेमेस्टर 2
    • दूध प्रसंस्करण
      • पाश्चुरीकरण: सिद्धांत, तरीके (HTST, LTLT), और उपकरण।
      • दूध का समरूपीकरण और मानकीकरण।
      • दूध पैकेजिंग: प्रकार (बोतलें, पाउच), लेबलिंग मानक।
    • डेयरी उत्पाद निर्माण
      • मक्खन, घी, क्रीम, और पनीर का उत्पादन।
      • पनीर बनाना: प्रकार (नरम, सख्त), किण्वन प्रक्रिया।
      • किण्वित उत्पाद: दही, छाछ, लस्सी की तैयारी।
    • डेयरी उपकरण और रखरखाव
      • डेयरी मशीनरी: क्रीम सेपरेटर, पाश्चुराइज़र, मथनी।
      • डेयरी उपकरणों की सफाई, रखरखाव, और समस्या निवारण।
      • ऊर्जा स्रोत: डेयरी संयंत्रों में भाप, बिजली।
    • गुणवत्ता नियंत्रण और मानक
      • डेयरी उत्पादों का परीक्षण: वसा सामग्री, अम्लता, सूक्ष्मजीवी भार।
      • FSSAI (खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण भारत) के डेयरी नियम।
      • अपशिष्ट प्रबंधन: मट्ठा संभालना, अपशिष्ट जल उपचार।
    • डेयरिंग में उद्यमिता
      • छोटे पैमाने की डेयरी इकाई या प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करना।
      • डेयरी उत्पादों का विपणन: ब्रांडिंग, आपूर्ति श्रृंखला मूल बातें।
      • डेयरी संचालन में लागत और लाभप्रदता विश्लेषण।

2. ट्रेड प्रैक्टिकल (हाथों से कौशल)

प्रायोगिक डेयरी फार्मिंग और प्रसंस्करण कौशल पर केंद्रित।

  • सेमेस्टर 1
    • डेयरी फार्म प्रथाएँ
      • डेयरी नस्लों की पहचान और जानवरों को टैग करना।
      • डेयरी शेड और ख喂न गर्त की सफाई और रखरखाव।
      • डेयरी जानवरों के लिए संतुलित चारा तैयार करना।
    • दूध निकालने के कौशल
      • हाथ से और मशीन से दूध निकालने की तकनीकों का अभ्यास।
      • दूध निकालने के दौरान थन की सफाई और स्वच्छता बनाए रखना।
      • स्वच्छ कंटेनरों में दूध संग्रह और भंडारण।
    • दूध परीक्षण
      • दूध में वसा सामग्री, विशिष्ट गुरुत्व, और मिलावट का परीक्षण।
      • लैक्टोमीटर, pH मीटर, और अन्य परीक्षण उपकरणों का उपयोग।
      • दूध उत्पादन और गुणवत्ता डेटा रिकॉर्ड करना।
    • बुनियादी प्रसंस्करण
      • संग्रह के बाद दूध को छानना और ठंडा करना।
      • क्रीम और घी के छोटे बैच तैयार करना।
  • सेमेस्टर 2
    • दूध प्रसंस्करण
      • पाश्चुराइज़र संचालित करना और पाश्चुरीकरण करना।
      • दूध नमूनों का मानकीकरण और समरूपीकरण।
      • प्रसंस्कृत दूध को पाउच या बोतलों में पैक करना।
    • डेयरी उत्पाद तैयारी
      • मक्खन, पनीर, और दही बनाना।
      • किण्वन तकनीकों से पनीर और दही तैयार करना।
      • तैयार उत्पादों की बनावट और स्वाद का परीक्षण।
    • उपकरण संचालन
      • क्रीम सेपरेटर और मथनी संचालित करना।
      • डेयरी मशीनरी की सफाई और रखरखाव।
      • छोटी उपकरण समस्याओं का निवारण।
    • प्रोजेक्ट कार्य
      • छोटे डेयरी प्रसंस्करण इकाई का सिमुलेशन स्थापित करना।
      • विभिन्न डेयरी उत्पाद तैयार करना और प्रक्रिया का दस्तावेजीकरण।

3. वर्कशॉप कैलकुलेशन और विज्ञान

डेयरिंग कार्यों के लिए गणितीय और वैज्ञानिक सहायता प्रदान करता है।

  • सेमेस्टर 1
    • बेसिक अंकगणित: दूध उत्पादन, चारा अनुपात की गणना।
    • माप: दूध और चारे का आयतन, वजन।
    • रसायन विज्ञान: दूध संरचना, pH, और अम्लता मूल बातें।
  • सेमेस्टर 2
    • गणना: वसा प्रतिशत, पाश्चुरीकरण समय-तापमान।
    • भौतिकी: पाश्चुरीकरण में ऊष्मा हस्तांतरण, ठंडक प्रक्रियाएँ।
    • जीव विज्ञान: सूक्ष्मजीवी विकास, किण्वन सिद्धांत।

4. इंजीनियरिंग ड्राइंग

डेयरी सेटअप के लिए बुनियादी तकनीकी ड्राइंग पर फोकस।

  • सेमेस्टर 1: डेयरी शेड और दूध निकालने के पार्लर के लेआउट बनाना।
  • सेमेस्टर 2: डेयरी प्रसंस्करण उपकरण और संयंत्र लेआउट की रेखाचित्र।

5. एम्प्लॉयबिलिटी स्किल्स

नौकरी की तैयारी और सॉफ्ट स्किल्स को बढ़ाता है।

  • सेमेस्टर 1
    • संचार कौशल: किसानों और डेयरी कर्मचारियों से बातचीत।
    • समय प्रबंधन: दूध निकालने और ख喂न की दिनचर्या शेड्यूलिंग।
    • बेसिक आईटी स्किल्स: स्प्रेडशीट का उपयोग करके डेटा रिकॉर्डिंग।
  • सेमेस्टर 2
    • उद्यमिता: डेयरी व्यवसाय उद्यम की योजना।
    • डेयरी नौकरियों के लिए रिज्यूमे लेखन और साक्षात्कार तैयारी।
    • टीमवर्क: डेयरी प्रसंस्करण टीमों के साथ समन्वय।

मूल्यांकन और प्रमाणन

  • परीक्षाएँ: सेमेस्टर-वार आयोजित, जिसमें सैद्धांतिक और प्रायोगिक घटक शामिल हैं।
  • प्रमाणपत्र: सफल उम्मीदवारों को एनसीवीटी से नेशनल ट्रेड सर्टिफिकेट (एनटीसी) प्रदान किया जाता है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है।
  • मूल्यांकन: डेयरी हैंडलिंग कौशल, उत्पाद गुणवत्ता, सैद्धांतिक ज्ञान, और प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर।

करियर अवसर

  • रोजगार: डेयरी टेक्नीशियन, दूध प्रोसेसर, डेयरी सहकारी समितियों, दूध संयंत्रों, या निजी डेयरियों में फार्म सुपरवाइज़र।
  • स्व-रोजगार: डेयरी फार्म या छोटे पैमाने का डेयरी उत्पाद व्यवसाय शुरू करना।
  • आगे की पढ़ाई: डेयरी टेक्नोलॉजी, पशुपालन, या खाद्य प्रसंस्करण में डिप्लोमा।

नोट

  • यह पाठ्यक्रम नवीनतम एनसीवीटी दिशानिर्देशों के साथ संरेखित है और संस्थागत या राज्य-विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर थोड़ा भिन्न हो सकता है।
  • सबसे नवीनतम संस्करण के लिए, डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेनिंग (डीजीटी) की वेबसाइट (dgt.gov.in) देखें या अपने स्थानीय आईटीआई से संपर्क करें।