Mechanic Machine Tools Maintenance

आईटीआई मैकेनिक मशीन टूल्स मेंटेनेंस ट्रेड पाठ्यक्रम 

आईटीआई मैकेनिक मशीन टूल्स मेंटेनेंस ट्रेड एक दो वर्षीय व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जो नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग (एनसीवीटी) द्वारा क्राफ्ट्समैन ट्रेनिंग स्कीम (सीटीएस) के तहत संचालित होता है। यह कोर्स प्रशिक्षुओं को विनिर्माण और औद्योगिक सेटिंग्स में उपयोग होने वाले मशीन टूल्स जैसे लेथ, मिलिंग मशीन, ड्रिलिंग मशीन, ग्राइंडर, और सीएनसी मशीनों के रखरखाव, समस्या निवारण, मरम्मत, और ओवरहॉलिंग में कौशल प्रदान करता है। पाठ्यक्रम में सैद्धांतिक ज्ञान, प्रायोगिक यांत्रिक कौशल, और रोजगार योग्यता कौशल शामिल हैं, जो छात्रों को ऑटोमोटिव, एयरोस्पेस, या टूल विनिर्माण जैसे उद्योगों में मेंटेनेंस तकनीशियन, मशीन टूल मैकेनिक, या सर्विस इंजीनियर, या स्व-रोजगार सेवा प्रदाताओं के रूप में भूमिकाओं के लिए तैयार करता है।

कोर्स का संक्षिप्त विवरण

  • अवधि: 2 वर्ष (4 सेमेस्टर, प्रत्येक 6 महीने)
  • एनएसक्यूएफ स्तर: स्तर 5
  • योग्यता: न्यूनतम 10वीं कक्षा उत्तीर्ण विज्ञान और गणित के साथ (या समकक्ष)
  • उद्देश्य: मशीन टूल्स की परिचालन दक्षता, सटीकता, और दीर्घायु को रखरखाव और मरम्मत के माध्यम से सुनिश्चित करना।

विस्तृत पाठ्यक्रम विभाजन

1. ट्रेड थ्योरी (सैद्धांतिक ज्ञान)

मशीन टूल्स, रखरखाव तकनीकों, और औद्योगिक सिस्टम के सिद्धांतों को कवर करता है।

  • सेमेस्टर 1
    • मशीन टूल्स मेंटेनेंस का परिचय
      • अवलोकन: मशीन टूल्स के प्रकार (लेथ, मिल, ग्राइंडर), औद्योगिक अनुप्रयोग।
      • उद्योग दायरा: मेंटेनेंस भूमिकाएँ, सुरक्षा नियम, डाउनटाइम कमी।
      • सुरक्षा: पीपीई (दस्ताने, चश्मा, हेलमेट), भारी उपकरण हैंडलिंग, लॉकआउट-टैगआउट प्रक्रियाएँ।
    • यांत्रिकी की मूल बातें
      • अवधारणाएँ: मशीन घटकों में बल, टॉर्क, घर्षण, तनाव, तनाव।
      • सिस्टम: लीवर, गियर, पुली, बेयरिंग, मशीन टूल्स में कपलिंग।
      • सामग्री: मशीन पुर्जों के लिए स्टील, मिश्र धातु, स्नेहक के गुण।
    • मशीन टूल घटक
      • पुर्जे: स्पिंडल, चक, टूल पोस्ट, बेड, स्लाइड, टेलस्टॉक।
      • कार्य: पावर ट्रांसमिशन, मोशन कंट्रोल, प्रेसिजन मशीनिंग।
      • घिसाव: घिसाव के कारण (घर्षण, थकान), निवारक उपाय।
    • उपकरण और माप उपकरण
      • हाथ उपकरण: रखरखाव के लिए रिंच, स्क्रूड्राइवर, हथौड़ा, प्लायर।
      • प्रेसिजन उपकरण: वर्नियर कैलिपर, माइक्रोमीटर, डायल गेज, स्पिरिट लेवल।
      • डायग्नोस्टिक उपकरण: वाइब्रेशन एनालाइज़र, थर्मल इमेजर, संरेखण किट।
    • स्नेहन सिस्टम
      • प्रकार: मशीन टूल्स में मैनुअल, केंद्रीकृत, ऑयल मिस्ट स्नेहन।
      • स्नेहक: तेल, ग्रीस, सिंथेटिक फ्लूइड, चिपचिपाहट ग्रेड।
      • रखरखाव: तेल स्तर जाँचना, संप सफाई, फिल्टर प्रतिस्थापन।
    • वर्कशॉप प्रथाएँ
      • संचालन: मरम्मत कार्यों के लिए फाइलिंग, ड्रिलिंग, टैपिंग, रीमिंग।
      • असेंबली: बेयरिंग फिटिंग, शाफ्ट संरेखण, क्लीयरेंस समायोजन।
      • दस्तावेजीकरण: रखरखाव लॉग, स्पेयर पार्ट्स सूची, अनुसूची।
  • सेमेस्टर 2
    • मशीन टूल संचालन
      • मशीनें: लेथ, मिलिंग, ड्रिलिंग, ग्राइंडिंग, शेपर, उनके कार्य सिद्धांत।
      • नियंत्रण: मशीन टूल्स में मैनुअल, हाइड्रोलिक, न्यूमेटिक सिस्टम।
      • दोष: मिसलिग्नमेंट, चैटर, टूल घिसाव, स्पिंडल रनआउट।
    • हाइड्रोलिक और न्यूमेटिक सिस्टम
      • घटक: पंप, वाल्व, एक्ट्यूएटर, कंप्रेसर, होज़।
      • संचालन: मशीनों में दबाव विनियमन, द्रव प्रवाह, वायु आपूर्ति।
      • रखरखाव: रिसाव जाँचना, सील प्रतिस्थापन, द्रव टॉपिंग।
    • मशीन टूल्स में विद्युत सिस्टम
      • मूल बातें: मशीन टूल्स में मोटर, रिले, स्विच, वायरिंग।
      • नियंत्रण: स्टार्टर, लिमिट स्विच, ओवरलोड प्रोटेक्शन।
      • दोष: शॉर्ट सर्किट, मोटर ओवरहीटिंग, कंट्रोल पैनल समस्याएँ।
    • निवारक रखरखाव
      • अनुसूची: मशीन टूल्स के लिए दैनिक, साप्ताहिक, मासिक जाँच।
      • तकनीक: सफाई, स्नेहन, कसना, घिसाव निरीक्षण।
      • रिकॉर्ड: डाउनटाइम लॉगिंग, मरम्मत इतिहास, भविष्यवाणी रखरखाव डेटा।
    • समस्या निवारण मूल बातें
      • विधियाँ: मूल कारण विश्लेषण, लक्षण अवलोकन, दोष अलगाव।
      • उपकरण: डायग्नोस्टिक्स के लिए मल्टीमीटर, टैकोमीटर, संरेखण लेजर।
      • समाधान: बेल्ट समायोजन, घिसे पुर्जे प्रतिस्थापन, रीकैलिब्रेशन।
    • औद्योगिक सुरक्षा मानक
      • नियम: मशीन रखरखाव, शॉप फ्लोर सुरक्षा के लिए OSHA, ISO।
      • प्रथाएँ: गार्डिंग, आपातकालीन स्टॉप, खतरा पहचान।
      • ऑडिट: सुरक्षा जाँच करना, अनुपालन सुनिश्चित करना।
  • सेमेस्टर 3
    • सीएनसी मशीन रखरखाव
      • मूल बातें: सीएनसी लेथ, मिलिंग मशीन, कंट्रोल यूनिट (फैनुक, सीमेंस)।
      • घटक: सर्वो मोटर, बॉल स्क्रू, लीनियर गाइड, एनकोडर।
      • दोष: बैकलैश, अक्ष त्रुटियाँ, सॉफ्टवेयर गड़बड़ियाँ, स्पिंडल समस्याएँ।
    • मशीन ओवरहॉलिंग
      • प्रक्रियाएँ: मशीनों को डिस्मेंटलिंग, निरीक्षण, रीकंडीशनिंग, पुनःअसेंबलिंग।
      • जाँच: बेड संरेखण, स्पिंडल सांद्रता, गियर घिसाव।
      • उपकरण: टॉर्क रिंच, होनिंग मशीन, स्क्रैपिंग टूल।
    • कंपन और शोर विश्लेषण
      • कारण: मशीनों में असंतुलन, मिसलिग्नमेंट, बेयरिंग विफलता।
      • उपकरण: वाइब्रेशन मीटर, साउंड लेवल मीटर, स्पेक्ट्रम एनालाइज़र।
      • समाधान: रोटर संतुलन, शाफ्ट रीअलाइनमेंट, बेयरिंग प्रतिस्थापन।
    • गियरबॉक्स और ट्रांसमिशन सिस्टम
      • प्रकार: मशीन टूल्स में स्पर, हेलिकल, वर्म गियर, बेल्ट ड्राइव।
      • रखरखाव: दांत निरीक्षण, बैकलैश समायोजन, स्नेहन।
      • दोष: गियर घिसाव, बेल्ट फिसलन, क्लच विफलता।
    • रखरखाव में क्वालिटी कंट्रोल
      • मानक: मरम्मत के बाद सहनशीलता, सतह फिनिश, मशीन सटीकता।
      • परीक्षण: संरेखण जाँच, रनआउट माप, प्रदर्शन परीक्षण।
      • दस्तावेजीकरण: मरम्मत रिपोर्ट, कैलिब्रेशन प्रमाणपत्र।
    • ग्राहक और वेंडर संवाद
      • कौशल: मशीन ऑपरेटरों, स्पेयर आपूर्तिकर्ताओं के साथ समन्वय।
      • संचार: डाउनटाइम, मरम्मत लागत, समयसीमा समझाना।
      • अनुबंध: सर्विस समझौते, वारंटी समझना।
  • सेमेस्टर 4
    • उन्नत सीएनसी रखरखाव
      • सिस्टम: मल्टी-एक्सिस सीएनसी, रोबोटिक एकीकरण, IoT-सक्षम मशीनें।
      • डायग्नोस्टिक्स: त्रुटि कोड पढ़ना, PLC सॉफ्टवेयर उपयोग, नेटवर्क समस्याएँ।
      • मरम्मत: सर्वो ड्राइव प्रतिस्थापन, फर्मवेयर अपडेट, रीकैलिब्रेशन।
    • स्वचालन और रोबोटिक्स रखरखाव
      • घटक: स्वचालित सिस्टम में सेंसर, एक्ट्यूएटर, कंट्रोलर।
      • रखरखाव: रोबोट कैलिब्रेशन, वायरिंग जाँच, प्रोग्रामिंग मूल बातें।
      • दोष: सेंसर ड्रिफ्ट, मोटर विफलता, संचार त्रुटियाँ।
    • कंडीशन मॉनिटरिंग
      • तकनीक: थर्मल इमेजिंग, तेल विश्लेषण, कंपन रुझान।
      • उपकरण: इन्फ्रारेड कैमरा, तेल मलबा सेंसर, डेटा लॉगर।
      • विश्लेषण: विफलता भविष्यवाणी, मरम्मत शेड्यूलिंग।
    • उद्यमिता और प्रबंधन
      • व्यवसाय: रखरखाव सेवा शुरू करना, स्पेयर पार्ट्स सोर्सिंग।
      • नियोजन: बजट, इन्वेंट्री प्रबंधन, सर्विस अनुबंध।
      • मार्केटिंग: रखरखाव सेवाओं का प्रचार, ग्राहक प्रतिधारण।
    • उद्योग रुझान
      • नवाचार: इंडस्ट्री 4.0, भविष्यवाणी रखरखाव, स्मार्ट कारखाने।
      • मानक: ISO 9001, लीन मेंटेनेंस, ऊर्जा-कुशल मशीनें।
      • भविष्य: AI डायग्नोस्टिक्स, मरम्मत में एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग।
    • पेशेवर नैतिकता
      • प्रथाएँ: मरम्मत में पारदर्शिता, गुणवत्ता आश्वासन।
      • जिम्मेदारियाँ: डाउनटाइम कम करना, मशीन सुरक्षा सुनिश्चित करना।
      • अनुपालन: पर्यावरण, श्रम नियमों का पालन।

2. ट्रेड प्रैक्टिकल (हाथों से कौशल)

वर्कशॉप और मशीन टूल सेटअप में प्रायोगिक कार्यों पर केंद्रित।

  • सेमेस्टर 1
    • सुरक्षा अभ्यास
      • पीपीई उपयोग: वर्कशॉप में हेलमेट, दस्ताने, सुरक्षा जूते पहनना।
      • प्रक्रियाएँ: लॉकआउट-टैगआउट लागू करना, भारी घटकों को हैंडल करना।
      • अभ्यास: अग्नि सुरक्षा, आपातकालीन निकासी, चोटों के लिए प्राथमिक चिकित्सा।
    • उपकरण संचालन
      • उपकरण उपयोग: रिंच, प्लायर से बोल्ट कसना, स्लाइड समायोजन।
      • माप: लैब में डायल गेज, माइक्रोमीटर से संरेखण जाँचना।
      • रखरखाव: उपकरण सफाई, कैलिब्रेशन, टूलकिट संगठन।
    • मशीन डिस्मेंटलिंग
      • डिस्मेंटलिंग: मॉक लेथ, मिल से स्पिंडल, चक हटाना।
      • निरीक्षण: पुर्जों में घिसाव, दरारें, संरेखण जाँचना।
      • सफाई: घटकों को डीग्रीजिंग, पुनःअसेंबलिंग के लिए तैयार करना।
    • स्नेहन सिस्टम रखरखाव
      • सर्विसिंग: मॉक मशीनों में तेल टॉपिंग, फिल्टर प्रतिस्थापन।
      • निरीक्षण: पंप, संप, स्नेहन लाइन जाँचना।
      • परीक्षण: लैब में तेल प्रवाह, दबाव सत्यापन।
    • वर्कशॉप संचालन
      • प्रदर्शन: लैब में मरम्मत फिक्सचर के लिए फाइलिंग, ड्रिलिंग, टैपिंग।
      • असेंबलिंग: मॉक सेटअप में बेयरिंग फिटिंग, गियर संरेखण।
      • दस्तावेजीकरण: रखरखाव चेकलिस्ट, पार्ट्स इन्वेंट्री तैयार करना।
    • प्रोजेक्ट कार्य
      • लेथ सर्विसिंग: स्नेहन, स्लाइड समायोजन, परीक्षण।
      • रिपोर्ट: ठीक किए गए दोष, उपयोग किए गए उपकरण, परिणाम दस्तावेजीकरण।
  • सेमेस्टर 2
    • मशीन टूल मरम्मत
      • सर्विसिंग: मॉक सेटअप में मिलिंग मशीन, ग्राइंडर डिस्मेंटलिंग।
      • मरम्मत: बेल्ट प्रतिस्थापन, टूल पोस्ट समायोजन, रनआउट ठीक करना।
      • परीक्षण: मरम्मत के बाद सटीकता, स्पिंडल गति सत्यापन।
    • हाइड्रोलिक/न्यूमेटिक रखरखाव
      • सर्विसिंग: मॉक हाइड्रोलिक सिस्टम में पंप, वाल्व निरीक्षण।
      • मरम्मत: लैब में सील प्रतिस्थापन, द्रव टॉपिंग।
      • परीक्षण: न्यूमेटिक सर्किट में दबाव, प्रवाह जाँचना।
    • विद्युत सिस्टम मरम्मत
      • सर्विसिंग: मॉक मशीन पैनल में मोटर, रिले जाँचना।
      • मरम्मत: स्विच प्रतिस्थापन, वायरिंग दोष ठीक करना।
      • परीक्षण: मोटर कार्य, कंट्रोल संचालन सत्यापन।
    • निवारक रखरखाव अभ्यास
      • प्रदर्शन: मॉक ड्रिलिंग मशीनों की सफाई, स्नेहन।
      • निरीक्षण: लैब में बेल्ट, गियर घिसाव जाँचना।
      • लॉगिंग: रखरखाव अनुसूची, डाउनटाइम रिपोर्ट तैयार करना।
    • समस्या निवारण अभ्यास
      • निदान: मॉक मशीनों में दोष (कंपन, शोर) ट्रेसिंग।
      • मरम्मत: लैब में संरेखण समायोजन, पुर्जे प्रतिस्थापन।
      • परीक्षण: मरम्मत के बाद दोष-मुक्त संचालन सुनिश्चित करना।
    • प्रोजेक्ट कार्य
      • मिलिंग मशीन पुनर्स्थापना: सर्विसिंग, सभी सिस्टम परीक्षण।
      • पोर्टफोलियो: मरम्मत लॉग, फोटो, प्रदर्शन डेटा प्रस्तुति।
  • सेमेस्टर 3
    • सीएनसी मशीन रखरखाव
      • सर्विसिंग: मॉक सीएनसी सेटअप में सर्वो मोटर, बॉल स्क्रू निरीक्षण।
      • मरम्मत: लैब में एनकोडर प्रतिस्थापन, बैकलैश समायोजन।
      • परीक्षण: अक्ष गति, स्पिंडल सटीकता सत्यापन।
    • मशीन ओवरहॉलिंग
      • ओवरहॉलिंग: मॉक ग्राइंडर, लेथ डिस्मेंटलिंग, रीकंडीशनिंग।
      • निरीक्षण: बेड घिसाव, स्पिंडल संरेखण जाँचना।
      • परीक्षण: लैब में ओवरहॉल के बाद सटीकता सुनिश्चित करना।
    • कंपन विश्लेषण
      • माप: मॉक मशीनों पर वाइब्रेशन मीटर उपयोग।
      • विश्लेषण: असंतुलन, मिसलिग्नमेंट समस्याएँ पहचानना।
      • मरम्मत: लैब में रोटर संतुलन, शाफ्ट रीअलाइनमेंट।
    • गियरबॉक्स रखरखाव
      • सर्विसिंग: मॉक ट्रांसमिशन में गियर, क्लच निरीक्षण।
      • मरम्मत: घिसे दांत प्रतिस्थापन, बैकलैश समायोजन।
      • परीक्षण: सुचारू संचालन, टॉर्क हस्तांतरण सत्यापन।
    • क्वालिटी कंट्रोल अभ्यास
      • परीक्षण: लैब में मरम्मत के बाद मशीन सटीकता जाँचना।
      • माप: संरेखण, रनआउट के लिए लेजर, गेज उपयोग।
      • दस्तावेजीकरण: कैलिब्रेशन रिपोर्ट, परीक्षण लॉग तैयार करना।
    • प्रोजेक्ट कार्य
      • सीएनसी लेथ ओवरहॉलिंग: पूर्ण मरम्मत, सटीकता परीक्षण।
      • पोर्टफोलियो: मरम्मत प्रक्रिया, परीक्षण परिणाम, फोटो प्रस्तुति।
  • सेमेस्टर 4
    • उन्नत सीएनसी मरम्मत
      • सर्विसिंग: मॉक सीएनसी सिस्टम में PLC, सर्वो ड्राइव समस्या निवारण।
      • मरम्मत: फर्मवेयर अपडेट, कंट्रोल बोर्ड प्रतिस्थापन।
      • परीक्षण: मल्टी-एक्सिस गति, प्रोग्राम निष्पादन सत्यापन।
    • रोबोटिक्स रखरखाव
      • सर्विसिंग: मॉक रोबोट में सेंसर, एक्ट्यूएटर निरीक्षण।
      • मरम्मत: लैब में आर्म रीकैलिब्रेशन, वायरिंग ठीक करना।
      • परीक्षण: रोबोट सटीकता, कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना।
    • कंडीशन मॉनिटरिंग अभ्यास
      • मॉनिटरिंग: मॉक मशीनों पर थर्मल कैमरा, कंपन सेंसर उपयोग।
      • विश्लेषण: लैब में डेटा रुझान, विफलता भविष्यवाणी।
      • रिपोर्टिंग: रखरखाव पूर्वानुमान, विफलता लॉग तैयार करना।
    • उद्यमिता अभ्यास
      • अनुकरण: मॉक रखरखाव सेवा चलाना, स्पेयर सोर्सिंग।
      • नियोजन: मरम्मत बजट, मॉक इन्वेंट्री प्रबंधन।
      • मार्केटिंग: मॉक सर्विस विज्ञापन, ग्राहक प्रस्ताव बनाना।
    • सुरक्षा और अनुपालन
      • निरीक्षण: मॉक सेटअप में गार्ड, आपातकालीन स्टॉप जाँचना।
      • ऑडिटिंग: मॉक सुरक्षा ऑडिट करना, कमियाँ दस्तावेजीकरण।
      • परीक्षण: मशीनों का ISO, OSHA मानकों के साथ अनुपालन सुनिश्चित करना।
    • प्रोजेक्ट कार्य
      • सीएनसी मिलिंग मशीन पुनर्स्थापना: मरम्मत, स्वचालन सेटअप, परीक्षण।
      • पोर्टफोलियो: मरम्मत लॉग, कंडीशन रिपोर्ट, फोटो प्रस्तुति।

3. वर्कशॉप कैलकुलेशन और विज्ञान

मशीन टूल रखरखाव के लिए प्रासंगिक अवधारणाओं का समर्थन करता है।

  • सेमेस्टर 1: अंकगणित (टॉर्क, सहनशीलता), भौतिकी (यांत्रिकी, घर्षण)।
  • सेमेस्टर 2: बीजगणित (गियर अनुपात, शक्ति), रसायन विज्ञान (स्नेहक, जंग)।
  • सेमेस्टर 3: ज्यामिति (संरेखण, स्पिंडल कोण), थर्मोडायनामिक्स (मशीनों में ऊष्मा)।
  • सेमेस्टर 4: सांख्यिकी (विफलता दर), अनुप्रयुक्त भौतिकी (कंपन, द्रव गतिशीलता)।

4. इंजीनियरिंग ड्राइंग

मशीन टूल्स के लिए तकनीकी ड्राफ्टिंग पर केंद्रित।

  • सेमेस्टर 1: मशीन घटक, ऑर्थोग्राफिक दृश्य, गियर डायग्राम स्केचिंग।
  • सेमेस्टर 2: लेथ असेंबली, हाइड्रोलिक सर्किट, वायरिंग लेआउट ड्राइंग।
  • सेमेस्टर 3: सीएनसी मशीन पुर्जे, गियरबॉक्स लेआउट, संरेखण चार्ट डिज़ाइन।
  • सेमेस्टर 4: स्वचालन सिस्टम, रखरखाव योजनाओं के लिए ब्लूप्रिंट बनाना।

5. एम्प्लॉयबिलिटी स्किल्स

नौकरी की तैयारी और सॉफ्ट स्किल्स को बढ़ाता है।

  • सेमेस्टर 1: संचार (दोष रिपोर्टिंग), समय प्रबंधन, बुनियादी आईटी (रखरखाव ऐप्स)।
  • सेमेस्टर 2: टीमवर्क (ऑपरेटरों के साथ), समस्या समाधान (दोष निदान)।
  • सेमेस्टर 3: नेतृत्व (मरम्मत निगरानी), बातचीत (वेंडर डील), उन्नत आईटी (PLC सॉफ्टवेयर)।
  • सेमेस्टर 4: उद्यमिता (सर्विस व्यवसाय), ग्राहक प्रबंधन, उद्योग रुझान (इंडस्ट्री 4.0)।

मूल्यांकन और प्रमाणन

  • परीक्षाएँ: सेमेस्टर-वार (सिद्धांत + प्रायोगिक)।
  • प्रमाणपत्र: एनसीवीटी से नेशनल ट्रेड सर्टिफिकेट (एनटीसी), राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त।
  • मूल्यांकन: मरम्मत सटीकता, डायग्नोस्टिक दक्षता, मशीन प्रदर्शन, और प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर।

करियर अवसर

  • रोजगार: विनिर्माण, ऑटोमोटिव, या एयरोस्पेस उद्योगों में मेंटेनेंस तकनीशियन, मशीन टूल मैकेनिक, सर्विस इंजीनियर।
  • स्व-रोजगार: मशीन टूल रखरखाव या मरम्मत सेवा शुरू करना।
  • आगे की पढ़ाई: मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा, सीएनसी रखरखाव में प्रमाणन, या औद्योगिक स्वचालन।

नोट

  • यह पाठ्यक्रम एनसीवीटी दिशानिर्देशों के साथ संरेखित है और संस्थागत या राज्य-विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर थोड़ा भिन्न हो सकता है।
  • नवीनतम संस्करण के लिए, डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेनिंग (डीजीटी) या स्थानीय आईटीआई से संपर्क करें।

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