Fashion Design Technology

आईटीआई फैशन डिज़ाइन और टेक्नोलॉजी ट्रेड पाठ्यक्रम

आईटीआई "फैशन डिज़ाइन और टेक्नोलॉजी" ट्रेड एक वर्षीय व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जो नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग (एनसीवीटी) द्वारा क्राफ्ट्समैन ट्रेनिंग स्कीम (सीटीएस) के तहत संचालित होता है। यह कोर्स प्रशिक्षुओं को फैशन स्केचिंग, पैटर्न ड्राफ्टिंग, गारमेंट निर्माण, कपड़ा चयन, और सतह अलंकरण में कौशल प्रदान करता है ताकि फैशन और परिधान उद्योग की मांगों को पूरा किया जा सके। पाठ्यक्रम में सैद्धांतिक ज्ञान, प्रायोगिक डिज़ाइन तकनीकें, और रोजगार योग्यता कौशल शामिल हैं, जो छात्रों को फैशन हाउस, गारमेंट निर्माण इकाइयों, बुटीक में फैशन डिज़ाइनर, पैटर्न मेकर, गारमेंट तकनीशियन, या मर्चेंडाइज़र, या फैशन डिज़ाइन और टेलरिंग सेवाओं में स्व-रोजगार पेशेवरों के रूप में भूमिकाओं के लिए तैयार करता है।

कोर्स का संक्षिप्त विवरण

  • अवधि: 1 वर्ष (2 सेमेस्टर, प्रत्येक 6 महीने)
  • एनएसक्यूएफ स्तर: स्तर 4
  • योग्यता: न्यूनतम 10वीं कक्षा उत्तीर्ण (या समकक्ष)
  • उद्देश्य: फैशन डिज़ाइन सिद्धांतों, गारमेंट उत्पादन तकनीकों, और कपड़ा प्रौद्योगिकी में प्रशिक्षण देना ताकि सौंदर्यपूर्ण, कार्यात्मक, और विपणन योग्य परिधान बनाए जा सकें।

विस्तृत पाठ्यक्रम विभाजन 

1. ट्रेड थ्योरी (सैद्धांतिक ज्ञान)

फैशन डिज़ाइन, कपड़ा, और गारमेंट उत्पादन की मूलभूत अवधारणाओं को कवर करता है।

  • सेमेस्टर 1
    • फैशन डिज़ाइन का परिचय
      • फैशन उद्योग का अवलोकन: इतिहास, रुझान, करियर अवसर।
      • फैशन डिज़ाइनर की भूमिका: स्केचिंग, डिज़ाइनिंग, उत्पादन समन्वय।
      • फैशन शब्दावली: सिल्हूट, ड्रेपिंग, हाउट कॉउचर, प्रेट-ए-पोर्टर।
    • कपड़ा और फैब्रिक
      • फैब्रिक प्रकार: प्राकृतिक (कपास, रेशम, ऊन), सिंथेटिक (पॉलिएस्टर, नायलॉन)।
      • फैब्रिक गुण: बुनाई, बनावट, वजन, खिंचाव, सिकुड़न।
      • कपड़ा सोर्सिंग: फैब्रिक बाजारों को समझना, गुणवत्ता आकलन।
    • डिज़ाइन तत्व और सिद्धांत
      • तत्व: रेखा, आकार, रंग, बनावट, पैटर्न।
      • सिद्धांत: संतुलन, अनुपात, जोर, सामंजस्य, लय।
      • रंग सिद्धांत: रंग चक्र, रंग संयोजन, मनोवैज्ञानिक प्रभाव।
    • उपकरण और औज़ार
      • डिज़ाइनिंग उपकरण: स्केच पैड, पेंसिल, CAD सॉफ्टवेयर मूल बातें।
      • सिलाई उपकरण: सुई, धागे, मापने का टेप, कैंची, सीम रिपर।
      • मशीनरी: घरेलू/औद्योगिक सिलाई मशीनें, ओवरलॉक, कढ़ाई मशीनें।
    • सुरक्षा और रखरखाव
      • कार्यस्थल सुरक्षा: सुई, मशीन, रसायन (रंग) संभालना।
      • व्यक्तिगत स्वच्छता: स्वच्छ कार्यस्थान, फैब्रिक भंडारण बनाए रखना।
      • मशीन रखरखाव: तेल डालना, सफाई, छोटी समस्याओं का निवारण।
    • बुनियादी पैटर्न मेकिंग
      • शरीर माप: सटीक माप लेना, साइज़ चार्ट।
      • पैटर्न ड्राफ्टिंग: बेसिक ब्लॉक (बॉडिस, स्लीव, स्कर्ट, ट्राउज़र)।
      • पैटर्न ग्रेडिंग: विभिन्न आकारों के लिए पैटर्न स्केलिंग।
  • सेमेस्टर 2
    • उन्नत डिज़ाइन तकनीकें
      • फैशन इलस्ट्रेशन: आकृतियाँ स्केच करना, फैब्रिक रेंडरिंग, गारमेंट डिटेलिंग।
      • ड्रेपिंग: ड्रेस फॉर्म पर सीधे डिज़ाइन बनाना।
      • ट्रेंड विश्लेषण: शैलियों की भविष्यवाणी, बाजार मांगों का अध्ययन।
    • गारमेंट निर्माण
      • सिलाई तकनीकें: सीम (सादा, फ्रेंच), हेम, डार्ट्स, प्लीट्स, ज़िपर।
      • गारमेंट प्रकार: कैज़ुअल, फॉर्मल, एथनिक, बच्चों के कपड़े, स्पोर्ट्सवेयर।
      • फिनिशिंग: प्रेसिंग, किनारा फिनिशिंग, बटनहोल, लाइनिंग।
    • सतह अलंकरण
      • कढ़ाई: हाथ (चेन, साटन, क्रॉस), मशीन कढ़ाई मूल बातें।
      • एप्लिक और पैचवर्क: तकनीकें, फैशन में अनुप्रयोग।
      • प्रिंटिंग और डाइंग: ब्लॉक, स्क्रीन, टाई-डाई विधियाँ।
    • कपड़ा प्रसंस्करण
      • डाइंग: प्राकृतिक बनाम सिंथेटिक रंग, रंग स्थिरता।
      • प्रिंटिंग: डिजिटल, सब्लिमेशन, रेसिस्ट प्रिंटिंग तकनीकें।
      • फैब्रिक परीक्षण: तन्य शक्ति, रंग रिसाव, सिकुड़न जाँचना।
    • फैशन मर्चेंडाइज़िंग
      • बाजार अनुसंधान: उपभोक्ता प्राथमिकताएँ, रिटेल रुझान समझना।
      • लागत: फैब्रिक, श्रम, ओवरहेड्स की गणना।
      • ब्रांडिंग: लेबल बनाना, पैकेजिंग, मार्केटिंग रणनीतियाँ।
    • पेशेवर कौशल
      • उद्यमिता: बुटीक या डिज़ाइन लेबल शुरू करना।
      • पोर्टफोलियो विकास: स्केच, डिज़ाइन, तैयार गारमेंट संकलन।
      • उद्योग रुझान: टिकाऊ फैशन, स्मार्ट टेक्सटाइल, स्वचालन।

2. ट्रेड प्रैक्टिकल (हाथों से कौशल)

प्रायोगिक फैशन डिज़ाइन, पैटर्न मेकिंग, और गारमेंट निर्माण पर केंद्रित।

  • सेमेस्टर 1
    • फैशन स्केचिंग
      • मानव आकृतियाँ स्केच करना: अनुपात, पोज़, क्रोकी निर्माण।
      • फैब्रिक रेंडरिंग: बनावट (रेशम, डेनिम, लेस) चित्रण।
      • परिधान डिज़ाइन करना: कैज़ुअल, फॉर्मल वेयर के लिए स्केच।
    • कपड़ा संचालन
      • फैब्रिक पहचान: कपास, रेशम, पॉलिएस्टर, मिश्रण छाँटना।
      • फैब्रिक परीक्षण: सिकुड़न, खिंचाव, बुनाई पैटर्न जाँचना।
      • फैब्रिक काटना: पैटर्न बिछाना, अपव्यय कम करना।
    • सिलाई मूल बातें
      • सिलाई मशीन संचालन: धागा डालना, तनाव समायोजित करना।
      • टाँके अभ्यास: सीधा, ज़िगज़ैग, ओवरलॉक, सजावटी।
      • सिलाई नमूने: सीम, हेम, डार्ट्स, पॉकेट।
    • पैटर्न ड्राफ्टिंग
      • माप लेना: बस्ट, कमर, हिप, कंधा, आर्महोल।
      • बेसिक ब्लॉक ड्राफ्टिंग: बॉडिस, स्लीव, स्कर्ट, ट्राउज़र।
      • पैटर्न संशोधन: डार्ट्स, फ्लेयर्स, गैदर जोड़ना।
    • सुरक्षा प्रथाएँ
      • उपकरण संचालन: कैंची, सुई सुरक्षित उपयोग।
      • मशीन सुरक्षा: दुर्घटनाएँ रोकना, मशीन रखरखाव।
      • कार्यक्षेत्र संगठन: फैब्रिक, उपकरण व्यवस्थित भंडारण।
    • प्रोजेक्ट कार्य
      • बुनियादी गारमेंट डिज़ाइन: स्केचिंग, पैटर्न ड्राफ्टिंग, नमूना सिलाई (जैसे, स्कर्ट)।
      • डिज़ाइन प्रक्रिया दस्तावेजीकरण: माप, उपयोग किया फैब्रिक, सिलाई विवरण।
  • सेमेस्टर 2
    • उन्नत गारमेंट निर्माण
      • जटिल गारमेंट सिलाई: ड्रेस, ब्लेज़र, एथनिक वेयर (कुर्ता, साड़ी ब्लाउज़)।
      • फिटिंग जोड़ना: ज़िपर, बटन, हुक, इलास्टिक बैंड।
      • गारमेंट फिनिशिंग: लाइनिंग, इंटरफेसिंग, पेशेवर लुक के लिए प्रेसिंग।
    • सतह अलंकरण अभ्यास
      • हाथ कढ़ाई: चेन, रनिंग, साटन टाँके अभ्यास।
      • मशीन कढ़ाई: फैब्रिक नमूनों पर डिज़ाइन बनाना।
      • एप्लिक और डाइंग: पैच लागू करना, टाई-डाई प्रयोग।
    • ड्रेपिंग तकनीकें
      • ड्रेस फॉर्म पर ड्रेपिंग: स्कर्ट, टॉप, गाउन बनाना।
      • ड्रेप को पैटर्न में बदलना: मार्किंग, फैब्रिक काटना।
      • फैब्रिक प्रयोग: मलमल, शिफॉन, कपास के साथ ड्रेपिंग।
    • फैशन इलस्ट्रेशन
      • संग्रह चित्रण: थीम आधारित परिधान डिज़ाइन (जैसे, उत्सव, दुल्हन)।
      • विवरण रेंडरिंग: बटन, प्लीट्स, अलंकरण स्केच में।
      • CAD उपयोग: सॉफ्टवेयर के साथ बुनियादी डिजिटल स्केचिंग (वैकल्पिक)।
    • मर्चेंडाइज़िंग अभ्यास
      • लागत पत्रक बनाना: गारमेंट के लिए सामग्री, श्रम गणना।
      • लेबल डिज़ाइन: मॉक ब्रांड टैग, केयर लेबल बनाना।
      • डिस्प्ले तैयार करना: मॉक रिटेल सेटअप के लिए गारमेंट व्यवस्थित करना।
    • प्रोजेक्ट कार्य
      • मिनी-संग्रह डिज़ाइन: 3-5 गारमेंट स्केच, पैटर्न, तैयार टुकड़ों के साथ।
      • पोर्टफोलियो प्रस्तुति: डिज़ाइन, फैब्रिक स्वैच, गारमेंट फोटो सहित।

3. वर्कशॉप कैलकुलेशन और विज्ञान

फैशन डिज़ाइन कार्यों के लिए गणितीय और वैज्ञानिक सहायता प्रदान करता है।

  • सेमेस्टर 1
    • अंकगणित: फैब्रिक यार्डेज, सीम भत्ते, लागत गणना।
    • माप: इंच को सेंटीमीटर में बदलना, पैटर्न स्केलिंग।
    • विज्ञान: कपड़ा रसायन, रंग अवशोषण, फैब्रिक मजबूती की मूल बातें।
  • सेमेस्टर 2
    • गणना: उत्पादन लागत, पैटर्न ग्रेडिंग अनुपात अनुमान।
    • ज्यामिति: कॉलर, कफ, नेकलाइन के लिए वक्र, कोण ड्राफ्टिंग।
    • विज्ञान: फैब्रिक व्यवहार (खिंचाव, सिकुड़न), रंग स्थिरता सिद्धांत।

4. इंजीनियरिंग ड्राइंग

फैशन पैटर्न और डिज़ाइन के लिए तकनीकी ड्राइंग पर केंद्रित।

  • सेमेस्टर 1: फ्लैट पैटर्न, बुनियादी गारमेंट आउटलाइन (बॉडिस, स्कर्ट) स्केचिंग।
  • सेमेस्टर 2: नॉच, सीम भत्ते, अलंकरण स्थान के साथ विस्तृत पैटर्न ड्राइंग।

5. एम्प्लॉयबिलिटी स्किल्स

नौकरी की तैयारी और सॉफ्ट स्किल्स को बढ़ाता है।

  • सेमेस्टर 1
    • संचार कौशल: ग्राहकों को डिज़ाइन प्रस्तुत करना, टीम समन्वय।
    • समय प्रबंधन: स्केचिंग, सिलाई कार्यों को प्राथमिकता देना।
    • बुनियादी आईटी कौशल: डिज़ाइन सॉफ्टवेयर, इन्वेंट्री ट्रैकिंग उपयोग।
  • सेमेस्टर 2
    • उद्यमिता: फैशन स्टार्टअप या बुटीक योजना।
    • टीमवर्क: टेलर, मर्चेंडाइज़र, आपूर्तिकर्ताओं के साथ सहयोग।
    • समस्या समाधान: फिटिंग समस्याएँ, फैब्रिक दोष संबोधित करना।

मूल्यांकन और प्रमाणन

  • परीक्षाएँ: सेमेस्टर-वार आयोजित, जिसमें सैद्धांतिक और प्रायोगिक घटक शामिल हैं।
  • प्रमाणपत्र: सफल उम्मीदवारों को एनसीवीटी से नेशनल ट्रेड सर्टिफिकेट (एनटीसी) प्रदान किया जाता है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है।
  • मूल्यांकन: डिज़ाइन रचनात्मकता, सिलाई सटीकता, पैटर्न मेकिंग कौशल, और प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर।

करियर अवसर

  • रोजगार: फैशन हाउस, गारमेंट इकाइयों, बुटीक, या निर्यात फर्मों में फैशन डिज़ाइनर, पैटर्न मेकर, गारमेंट तकनीशियन, मर्चेंडाइज़र।
  • स्व-रोजगार: बुटीक, टेलरिंग शॉप, या फ्रीलांस डिज़ाइन सेवा शुरू करना।
  • आगे की पढ़ाई: फैशन डिज़ाइन, टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा, या बी.एससी. फैशन डिज़ाइन।

नोट

  • यह पाठ्यक्रम नवीनतम एनसीवीटी दिशानिर्देशों के साथ संरेखित है और संस्थागत या राज्य-विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर थोड़ा भिन्न हो सकता है।
  • सबसे नवीनतम संस्करण के लिए, डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेनिंग (डीजीटी) या अपने स्थानीय आईटीआई से संपर्क करें।