क्लिनिकल मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नीशियन (पैथोलॉजी) के लिए अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण योजना (ATS) पाठ्यक्रम

उद्देश्य

क्लिनिकल मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नीशियन (पैथोलॉजी) प्रशिक्षण का उद्देश्य उम्मीदवारों को रक्त, मूत्र, ऊतक, और अन्य शारीरिक नमूनों के विश्लेषण में कुशल बनाना है, ताकि वे रोग निदान, उपचार, और रोकथाम में सहायता कर सकें। यह पाठ्यक्रम पैथोलॉजी पर केंद्रित है और स्वास्थ्य सेवा उद्योग की मांगों को पूरा करने के लिए सैद्धांतिक ज्ञान, प्रायोगिक कौशल, और सुरक्षा प्रोटोकॉल प्रदान करता है।

पाठ्यक्रम की अवधि

  • कुल अवधि: 24 महीने
  • मूल प्रशिक्षण: 6 महीने (संस्थागत प्रशिक्षण)
  • प्रायोगिक प्रशिक्षण: 18 महीने (अस्पताल, डायग्नोस्टिक लैब, या पैथोलॉजी सेंटर में कार्यस्थल प्रशिक्षण)

पाठ्यक्रम की संरचना

1. रोजगार योग्यता कौशल (Employability Skills)

  • उद्देश्य: पेशेवर और व्यक्तिगत विकास के लिए आवश्यक कौशल विकसित करना।
  • विषय:
    • संचार कौशल: डॉक्टरों, मरीजों, और सहकर्मियों के साथ प्रभावी संचार।
    • समय प्रबंधन: टेस्ट और रिपोर्टिंग के लिए समयसीमा का पालन।
    • टीमवर्क: लैब और चिकित्सा टीमों के साथ सहयोग।
    • आईटी कौशल: लैब सूचना प्रबंधन सिस्टम (LIMS) और डिजिटल प्रलेखन।
    • पेशेवर नैतिकता: गोपनीयता, मरीज डेटा सुरक्षा, और नैतिक व्यवहार।
    • रोगी देखभाल: नमूना संग्रह के दौरान मरीजों के साथ सहानुभूति।
  • प्रशिक्षण विधि: कक्षा सत्र, कार्यशालाएँ, रोल-प्ले, और समूह चर्चाएँ।
  • अवधि: 60 घंटे (मूल प्रशिक्षण के दौरान)।

2. वर्कशॉप गणना और विज्ञान (Workshop Calculation and Science)

  • उद्देश्य: लैब टेस्ट और विश्लेषण के लिए गणनाओं और वैज्ञानिक सिद्धांतों की समझ प्रदान करना।
  • विषय:
    • गणना:
      • नमूना मात्रा और सांद्रता गणना: पिपेटिंग और कमजोर पड़ने की गणना।
      • प्रयोगशाला डेटा विश्लेषण: औसत, विचलन, और प्रतिशत त्रुटि।
      • रिएजेंट और स्टोरेज आवश्यकताओं की गणना।
    • विज्ञान:
      • रसायन विज्ञान: रासायनिक प्रतिक्रियाएँ, पीएच, और बफर घोल।
      • जीव विज्ञान: कोशिका संरचना, ऊतक, और शारीरिक तरल पदार्थ।
      • भौतिकी: माइक्रोस्कोप और सेंट्रीफ्यूज जैसे उपकरणों के सिद्धांत।
  • प्रशिक्षण विधि: कक्षा व्याख्यान, गणना अभ्यास, और वैज्ञानिक सिमुलेशन।
  • अवधि: 80 घंटे (मूल प्रशिक्षण के दौरान)।

3. ट्रेड सिद्धांत (Trade Theory)

  • उद्देश्य: पैथोलॉजी और प्रयोगशाला प्रक्रियाओं की सैद्धांतिक समझ प्रदान करना।
  • विषय:
    • क्लिनिकल पैथोलॉजी का परिचय:
      • पैथोलॉजी की परिभाषा और रोग निदान में इसकी भूमिका।
      • प्रयोगशाला टेक्नीशियन की जिम्मेदारियाँ।
      • शारीरिक तरल पदार्थ: रक्त, मूत्र, और ऊतक नमूने।
    • रक्त विज्ञान (Hematology):
      • रक्त कोशिकाएँ: RBC, WBC, और प्लेटलेट्स।
      • रक्त गणना, हीमोग्लोबिन विश्लेषण, और रक्त समूह निर्धारण।
      • रक्त रोग: एनीमिया, ल्यूकेमिया, और थ्रोम्बोसाइटोपेनिया।
    • क्लिनिकल बायोकेमिस्ट्री:
      • जैव रासायनिक परीक्षण: ग्लूकोज, लिवर फंक्शन, और किडनी फंक्शन टेस्ट।
      • एंजाइम, लिपिड, और इलेक्ट्रोलाइट विश्लेषण।
    • माइक्रोबायोलॉजी:
      • रोगजनक सूक्ष्मजीव: बैक्टीरिया, वायरस, और कवक।
      • नमूना संवर्धन और दाग लगाने की तकनीक।
      • एंटीबायोटिक संवेदनशीलता परीक्षण।
    • पैथोलॉजी तकनीक:
      • ऊतक प्रसंस्करण: फिक्सेशन, एम्बेडिंग, और सेक्शनिंग।
      • हिस्टोलॉजी और साइटोलॉजी: स्लाइड तैयारी और माइक्रोस्कोपिक विश्लेषण।
      • रोग निदान: कैंसर, संक्रमण, और सूजन संबंधी रोग।
    • प्रयोगशाला प्रबंधन:
      • लैब सूचना प्रबंधन सिस्टम (LIMS) और डेटा रिकॉर्डिंग।
      • गुणवत्ता नियंत्रण: NABL और ISO मानक।
      • रिएजेंट और उपकरण प्रबंधन।
    • कानूनी और नैतिक पहलू:
      • मरीज डेटा गोपनीयता और डेटा संरक्षण नियम।
      • प्रयोगशाला संचालन के लिए सरकारी दिशानिर्देश।
  • प्रशिक्षण विधि: व्याख्यान, प्रस्तुतियाँ, वीडियो ट्यूटोरियल, और केस स्टडी।
  • अवधि: 200 घंटे (मूल प्रशिक्षण के दौरान)।

4. ट्रेड प्रायोगिक (Trade Practical)

  • उद्देश्य: नमूना संग्रह, विश्लेषण, और प्रयोगशाला प्रबंधन में व्यावहारिक कौशल विकसित करना।
  • विषय:
    • नमूना संग्रह और हैंडलिंग:
      • रक्त संग्रह: वेनिपंक्चर और केशिका नमूना।
      • मूत्र और अन्य तरल पदार्थों का संग्रह और भंडारण।
      • नमूना लेबलिंग और परिवहन।
    • रक्त विज्ञान परीक्षण:
      • रक्त स्मीयर तैयारी और दाग लगाना।
      • हीमोग्लोबिन, RBC/WBC गणना, और ESR परीक्षण।
      • रक्त समूह और Rh टाइपिंग।
    • जैव रासायनिक परीक्षण:
      • ग्लूकोज, यूरिया, क्रिएटिनिन, और लिवर फंक्शन टेस्ट।
      • स्वचालित विश्लेषक और स्पेक्ट्रोफोटोमीटर का उपयोग।
    • माइक्रोबायोलॉजी तकनीक:
      • नमूना संवर्धन: एगर प्लेट और ब्रोथ।
      • ग्राम स्टेनिंग और माइक्रोस्कोपिक विश्लेषण।
      • रोगजनक पहचान और संवेदनशीलता परीक्षण।
    • पैथोलॉजी और हिस्टोलॉजी:
      • ऊतक स्लाइड तैयारी: कटिंग और स्टेनिंग।
      • माइक्रोस्कोप के तहत असामान्यताओं की पहचान।
      • साइटोलॉजी: PAP स्मीयर और FNAC विश्लेषण।
    • प्रयोगशाला रखरखाव:
      • उपकरण अंशांकन: माइक्रोस्कोप, सेंट्रीफ्यूज, और विश्लेषक।
      • जैव चिकित्सा कचरा प्रबंधन और नसबंदी।
      • गुणवत्ता नियंत्रण: सटीकता और प्रजनन क्षमता परीक्षण।
    • प्रोजेक्ट कार्य:
      • पूर्ण पैथोलॉजी टेस्ट: नमूना संग्रह से रिपोर्टिंग तक।
      • केस स्टडी: रोग निदान के लिए प्रयोगशाला डेटा विश्लेषण।
  • प्रशिक्षण विधि: कार्यशालाएँ, हैंड्स-ऑन अभ्यास, अस्पताल/लैब सिमुलेशन, और इंटर्नशिप।
  • अवधि: 400 घंटे (मूल प्रशिक्षण) + 18 महीने (कार्यस्थल प्रशिक्षण)।

5. कार्यस्थल सुरक्षा और रखरखाव

  • उद्देश्य: सुरक्षित कार्य प्रथाओं और प्रयोगशाला उपकरण रखरखाव सुनिश्चित करना।
  • विषय:
    • सुरक्षा उपकरण: व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) जैसे दस्ताने, लैब कोट, और चश्मा।
    • प्रयोगशाला सुरक्षा: रासायनिक, जैविक, और विद्युत खतरों से बचाव।
    • संक्रमण नियंत्रण: नसबंदी, कीटाणुशोधन, और जैव सुरक्षा प्रोटोकॉल।
    • उपकरण रखरखाव: उपकरणों की सफाई, अंशांकन, और नियमित जाँच।
    • आपातकालीन प्रक्रियाएँ: प्राथमिक चिकित्सा, रासायनिक रिसाव प्रबंधन, और निकासी।
  • प्रशिक्षण विधि: सुरक्षा ड्रिल, उपकरण रखरखाव सत्र, और लैब-आधारित प्रशिक्षण।
  • अवधि: 50 घंटे (मूल प्रशिक्षण के दौरान)।

मूल्यांकन

  • ऑल इंडिया ट्रेड टेस्ट (AITT):
    • सैद्धांतिक परीक्षा: ट्रेड सिद्धांत, गणना, और प्रयोगशाला नियम (100 अंक)।
    • प्रायोगिक परीक्षा: नमूना विश्लेषण, टेस्ट निष्पादन, और प्रलेखन (200 अंक)।
    • आयोजन: अप्रैल और अक्टूबर में प्रतिवर्ष।
  • प्रमाणपत्र:
    • सफल उम्मीदवारों को राष्ट्रीय शिकाऊ प्रमाणपत्र (NAC) प्रदान किया जाता है, जो अस्पतालों, डायग्नोस्टिक लैब, और अनुसंधान केंद्रों में मान्यता प्राप्त है।
  • मूल्यांकन मानदंड:
    • टेस्ट सटीकता और प्रलेखन की गुणवत्ता।
    • सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक कौशल का प्रदर्शन।
    • सुरक्षा और गुणवत्ता नियंत्रण प्रोटोकॉल का पालन।

रोजगार के अवसर

  • करियर पथ:
    • लैब टेक्नीशियन: अस्पताल, पैथोलॉजी लैब, और ब्लड बैंक।
    • स्वरोजगार: स्वतंत्र डायग्नोस्टिक सेंटर या सलाहकार।
    • उन्नत भूमिकाएँ: लैब मैनेजर, गुणवत्ता नियंत्रक, या अनुसंधान सहायक।
  • उद्योग:
    • अस्पताल और क्लिनिक।
    • डायग्नोस्टिक और पैथोलॉजी लैब।
    • अनुसंधान संस्थान और फार्मास्युटिकल कंपनियाँ।
  • वेतन: औसत शुरुआती वेतन INR 2.2-4.5 लाख प्रति वर्ष, अनुभव के साथ INR 7-10 लाख तक।

नोट

  • यह पाठ्यक्रम काल्पनिक है, क्योंकि "क्लिनिकल मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नीशियन (पैथोलॉजी)" ATS के तहत नामित ट्रेड नहीं है। यह ATS ढांचे और DMLT/मेडिकल लैब टेक्नीशियन पाठ्यक्रमों की सामग्री पर आधारित है।
  • वास्तविक पाठ्यक्रम या संबंधित ट्रेड (जैसे मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नीशियन) के लिए, निम्नलिखित संसाधनों से संपर्क करें: