आईटीआई डेंटल लैबोरेटरी टेक्नीशियन ट्रेड पाठ्यक्रम 

आईटीआई "डेंटल लैबोरेटरी टेक्नीशियन" ट्रेड एक वर्षीय व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जो नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग (एनसीवीटी) द्वारा क्राफ्ट्समैन ट्रेनिंग स्कीम (सीटीएस) के तहत संचालित होता है। यह कोर्स प्रशिक्षुओं को डेंटल रेस्टोरेशन्स जैसे क्राउन, ब्रिज, डेन्चर, और ऑर्थोडॉन्टिक उपकरण बनाने में कौशल प्रदान करता है, विशेष उपकरणों और सामग्रियों का उपयोग करके, दंत चिकित्सकों के मार्गदर्शन में। पाठ्यक्रम में सैद्धांतिक ज्ञान, प्रायोगिक प्रयोगशाला कौशल, और रोजगार योग्यता प्रशिक्षण शामिल है, जो छात्रों को डेंटल क्लीनिक, अस्पतालों, या निजी प्रयोगशालाओं में डेंटल लैब टेक्नीशियन के रूप में भूमिकाओं के लिए तैयार करता है।

कोर्स का संक्षिप्त विवरण

  • अवधि: 1 वर्ष (2 सेमेस्टर, प्रत्येक 6 महीने)
  • एनएसक्यूएफ स्तर: स्तर 4
  • योग्यता: विज्ञान के साथ न्यूनतम 10वीं कक्षा उत्तीर्ण (या समकक्ष)
  • उद्देश्य: डेंटल प्रोस्थेटिक्स और उपकरणों के डिज़ाइन, निर्माण, और मरम्मत में प्रशिक्षण देना, सटीकता, स्वच्छता, और डेंटल मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करना।

विस्तृत पाठ्यक्रम विभाजन

1. ट्रेड थ्योरी (सैद्धांतिक ज्ञान)

डेंटल टेक्नोलॉजी और प्रयोगशाला प्रथाओं की मूलभूत अवधारणाओं को कवर करता है।

  • सेमेस्टर 1
    • डेंटल लैबोरेटरी टेक्नोलॉजी का परिचय
      • डेंटल लैबोरेटरी टेक्नीशियन की भूमिका और जिम्मेदारियाँ।
      • डेंटल एनाटॉमी का अवलोकन: दांतों की संरचना, प्रकार, और कार्य।
      • मौखिक स्वास्थ्य में डेंटल प्रोस्थेटिक्स का महत्व।
    • डेंटल सामग्री
      • सामग्रियों के प्रकार: जिप्सम, वैक्स, ऐक्रिलिक, सिरेमिक, धातु (सोना, मिश्र धातु)।
      • गुण और उपयोग: इंप्रेशन सामग्री, कास्टिंग मिश्र धातु, रेजिन।
      • डेंटल सामग्रियों का सुरक्षित भंडारण और प्रबंधन।
    • उपकरण और औज़ार
      • हाथ के उपकरण: स्पैचुला, नक्काशी चाकू, वैक्स मूर्तिकला उपकरण।
      • प्रयोगशाला उपकरण: आर्टिकुलेटर, कास्टिंग मशीन, भट्टियाँ, पॉलिशिंग यूनिट।
      • मशीनरी संचालन और रसायनों को संभालने के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल।
    • बेसिक डेंटल प्रोस्थेटिक्स
      • क्राउन, ब्रिज, और आंशिक डेन्चर का परिचय।
      • इंप्रेशन लेना और मॉडल तैयारी: डालना, ट्रिम करना।
      • ओक्लूज़न और बाइट पंजीकरण की मूल बातें।
    • स्वच्छता और स्टेरिलाइज़ेशन
      • डेंटल लैब में संक्रमण नियंत्रण के सिद्धांत।
      • स्टेरिलाइज़ेशन तकनीकें: ऑटोक्लेविंग, रासायनिक कीटाणुशोधन।
      • व्यक्तिगत स्वच्छता और लैब सफाई मानक।
  • सेमेस्टर 2
    • उन्नत प्रोस्थेटिक तकनीकें
      • पूर्ण डेन्चर का निर्माण: डिज़ाइन, व्यवस्था, प्रसंस्करण।
      • सिरेमिक रेस्टोरेशन्स: परत लगाना, फायरिंग, ग्लेज़िंग।
      • ऑर्थोडॉन्टिक उपकरण: रिटेनर, स्पेस मेंटेनर, एलाइनर।
    • कास्टिंग और धातु कार्य
      • धातु कास्टिंग: लॉस्ट-वैक्स तकनीक, निवेश कास्टिंग।
      • डेंटल फ्रेमवर्क का सोल्डरिंग और वेल्डिंग।
      • धातु रेस्टोरेशन्स की पॉलिशिंग और फिनिशिंग।
    • मरम्मत और रखरखाव
      • टूटे डेन्चर और प्रोस्थेटिक्स की मरम्मत।
      • फिट समायोजन के लिए डेन्चर की रिलाइनिंग और रीबेसिंग।
      • सामान्य निर्माण त्रुटियों का निवारण।
    • डिजिटल डेंटिस्ट्री
      • डेंटल टेक्नोलॉजी में CAD/CAM का परिचय।
      • डेंटल मॉडल और उपकरणों के लिए 3D प्रिंटिंग की मूल बातें।
      • डिजिटल वर्कफ्लो: स्कैनिंग, डिज़ाइनिंग, मिलिंग।
    • मानक और नैतिकता
      • डेंटल प्रयोगशाला मानक और गुणवत्ता नियंत्रण।
      • नैतिक प्रथाएँ: रोगी गोपनीयता, दंत चिकित्सकों के साथ सहयोग।
      • भारत में डेंटल लैब के लिए नियामक दिशानिर्देश।

2. ट्रेड प्रैक्टिकल (हाथों से कौशल)

प्रायोगिक निर्माण और प्रयोगशाला कौशल पर केंद्रित।

  • सेमेस्टर 1
    • मॉडल तैयारी
      • इंप्रेशन लेना और जिप्सम मॉडल डालना।
      • डेंटल कास्ट को ट्रिम करना और आर्टिकुलेट करना।
      • बेस प्लेट और वैक्स रिम तैयार करना।
    • बेसिक निर्माण
      • क्राउन और ब्रिज के लिए वैक्स पैटर्न नक्काशी।
      • ऐक्रिलिक का उपयोग करके अस्थायी क्राउन बनाना।
      • साधारण रेस्टोरेशन्स की पॉलिशिंग और फिनिशिंग।
    • उपकरण संचालन
      • आर्टिकुलेटर और कास्टिंग मशीन संचालित करना।
      • वैक्स बर्नआउट और सामग्री क्योरिंग के लिए भट्टियों का उपयोग।
      • लैब उपकरण और औज़ारों की सफाई और रखरखाव।
    • स्टेरिलाइज़ेशन अभ्यास
      • उपकरण और वर्कस्टेशन को स्टेरिलाइज़ करना।
      • लैब में संक्रमण नियंत्रण प्रोटोकॉल का अभ्यास।
  • सेमेस्टर 2
    • उन्नत निर्माण
      • पूर्ण डेन्चर बनाना: दांत सेट करना, फ्लास्किंग, क्योरिंग।
      • सिरेमिक क्राउन पर परत लगाना और भट्टी में फायरिंग।
      • ऑर्थोडॉन्टिक रिटेनर और साधारण उपकरण बनाना।
    • कास्टिंग और फिनिशिंग
      • लॉस्ट-वैक्स तकनीक का उपयोग करके धातु फ्रेमवर्क कास्टिंग।
      • धातु घटकों का सोल्डरिंग और रेस्टोरेशन्स की पॉलिशिंग।
      • तैयार प्रोस्थेटिक्स पर ओक्लूज़न समायोजन।
    • मरम्मत कार्य
      • ऐक्रिलिक या रेजिन से टूटे डेन्चर की मरम्मत।
      • बेहतर फिट के लिए डेन्चर की रिलाइनिंग।
      • रेस्टोरेशन्स में छोटी खामियों को ठीक करना।
    • प्रोजेक्ट कार्य
      • एक पूर्ण डेंटल प्रोस्थेटिक डिज़ाइन और निर्माण (जैसे, डेन्चर या क्राउन)।
      • निर्मित उपकरणों का पोर्टफोलियो दस्तावेज़ीकरण के साथ तैयार करना।

3. वर्कशॉप कैलकुलेशन और विज्ञान

डेंटल लैब कार्यों के लिए गणितीय और वैज्ञानिक सहायता प्रदान करता है।

  • सेमेस्टर 1
    • बेसिक अंकगणित: सामग्री मिश्रण के लिए माप, अनुपात।
      • ज्यामिति: ओक्लूज़न और दांत संरेखण के लिए कोण गणना।
      • रसायन विज्ञान: डेंटल सामग्रियों के गुण (जैसे, सेटिंग समय, कठोरता)।
  • सेमेस्टर 2
    • सटीक गणना: प्रोस्थेटिक फिटिंग में सहनशीलता।
    • भौतिकी: कास्टिंग और फायरिंग प्रक्रियाओं में ऊष्मा हस्तांतरण।
    • सामग्री विज्ञान: डेंटल मिश्र धातु और सिरेमिक की मजबूती और टिकाऊपन।

4. इंजीनियरिंग ड्राइंग

डेंटल डिज़ाइनों के लिए तकनीकी ड्राइंग कौशल पर फोकस।

  • सेमेस्टर 1: दांत एनाटॉमी और साधारण प्रोस्थेटिक लेआउट बनाना।
  • सेमेस्टर 2: डेन्चर, क्राउन, और ऑर्थोडॉन्टिक उपकरणों के लिए विस्तृत स्केच तैयार करना।

5. एम्प्लॉयबिलिटी स्किल्स

नौकरी की तैयारी और सॉफ्ट स्किल्स को बढ़ाता है।

  • सेमेस्टर 1
    • संचार कौशल: दंत चिकित्सकों और टीम सदस्यों के साथ बातचीत।
    • समय प्रबंधन: निर्माण कार्यों का शेड्यूलिंग।
    • बेसिक आईटी स्किल्स: दस्तावेज़ीकरण के लिए एमएस ऑफिस।
  • सेमेस्टर 2
    • उद्यमिता: डेंटल लैब सेवा शुरू करना।
    • रिज्यूमे लेखन और साक्षात्कार की तैयारी।
    • ग्राहक सेवा: डेंटल पेशेवरों के साथ प्रभावी समन्वय।

मूल्यांकन और प्रमाणन

  • परीक्षाएँ: सेमेस्टर-वार आयोजित, जिसमें सैद्धांतिक और प्रायोगिक घटक शामिल हैं।
  • प्रमाणपत्र: सफल उम्मीदवारों को एनसीवीटी से नेशनल ट्रेड सर्टिफिकेट (एनटीसी) प्रदान किया जाता है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है।
  • मूल्यांकन: निर्माण सटीकता, सामग्री प्रबंधन, स्वच्छता मानक, लिखित परीक्षा, और प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर।

करियर अवसर

  • रोजगार: डेंटल लैबोरेटरी टेक्नीशियन, प्रोस्थेटिक टेक्नीशियन, डेंटल क्लीनिक, अस्पतालों, या लैब में ऑर्थोडॉन्टिक उपकरण निर्माता।
  • स्व-रोजगार: फ्रीलांस डेंटल लैब सेवाएँ, छोटे पैमाने का डेंटल प्रोस्थेटिक व्यवसाय।
  • आगे की पढ़ाई: डेंटल टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा, CAD/CAM डेंटिस्ट्री में उन्नत कोर्स।

नोट

  • यह पाठ्यक्रम नवीनतम एनसीवीटी दिशानिर्देशों के साथ संरेखित है और संस्थागत या राज्य-विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर थोड़ा भिन्न हो सकता है।
  • सबसे नवीनतम संस्करण के लिए, डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेनिंग (डीजीटी) की वेबसाइट (dgt.gov.in) देखें या अपने स्थानीय आईटीआई से संपर्क करें।