
आईटीआई इंस्ट्रूमेंट मैकेनिक ट्रेड पाठ्यक्रम
आईटीआई "इंस्ट्रूमेंट मैकेनिक" ट्रेड एक दो वर्षीय व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जो नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग (एनसीवीटी) द्वारा क्राफ्ट्समैन ट्रेनिंग स्कीम (सीटीएस) के तहत संचालित होता है। यह कोर्स प्रशिक्षुओं को प्रेशर गेज, तापमान सेंसर, फ्लो मीटर, और नियंत्रण प्रणालियों जैसे उपकरणों को स्थापित करने, कैलिब्रेट करने, रखरखाव करने, और मरम्मत करने में कौशल प्रदान करता है, जो विनिर्माण, तेल और गैस, पावर प्लांट, और स्वचालन जैसे उद्योगों में उपयोग होते हैं। पाठ्यक्रम में सैद्धांतिक ज्ञान, प्रायोगिक इंस्ट्रूमेंटेशन कौशल, और रोजगार योग्यता कौशल शामिल हैं, जो छात्रों को औद्योगिक सेटअप में इंस्ट्रूमेंट तकनीशियन, कैलिब्रेशन इंजीनियर, या रखरखाव सुपरवाइज़र, या इंस्ट्रूमेंटेशन रखरखाव के लिए स्व-रोजगार सेवा प्रदाताओं के रूप में भूमिकाओं के लिए तैयार करता है।
कोर्स का संक्षिप्त विवरण
- अवधि: 2 वर्ष (4 सेमेस्टर, प्रत्येक 6 महीने)
- एनएसक्यूएफ स्तर: स्तर 5
- योग्यता: न्यूनतम 10वीं कक्षा उत्तीर्ण विज्ञान और गणित के साथ (या समकक्ष)
- उद्देश्य: औद्योगिक प्रक्रियाओं में सटीकता, सुरक्षा, और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए औद्योगिक इंस्ट्रूमेंटेशन सिस्टम के संचालन, रखरखाव, और समस्या निवारण में प्रशिक्षण देना।
विस्तृत पाठ्यक्रम विभाजन
1. ट्रेड थ्योरी (सैद्धांतिक ज्ञान)
इंस्ट्रूमेंटेशन, इलेक्ट्रॉनिक्स, और औद्योगिक प्रक्रियाओं के सिद्धांतों को कवर करता है।
- सेमेस्टर 1
- इंस्ट्रूमेंटेशन का परिचय
- अवलोकन: उद्योगों में इंस्ट्रूमेंटेशन की भूमिका, करियर दायरा।
- उपकरणों के प्रकार: एनालॉग, डिजिटल, स्मार्ट उपकरण।
- मूल अवधारणाएँ: माप, नियंत्रण, स्वचालन।
- भौतिकी और यांत्रिकी की मूल बातें
- इकाइयाँ और माप: SI इकाइयाँ, रूपांतरण, सटीकता, परिशुद्धता।
- यांत्रिकी: बल, दबाव, प्रवाह, तापमान, स्तर।
- थर्मोडायनामिक्स: ऊष्मा हस्तांतरण, तापमान स्केल, कैलिब्रेशन।
- विद्युत मूल बातें
- ओम का नियम, किरचॉफ के नियम, AC/DC सर्किट।
- घटक: प्रतिरोधक, संधारित्र, प्रेरक, डायोड।
- सुरक्षा: विद्युत जोखिम, ग्राउंडिंग, पीपीई उपयोग।
- हाथ उपकरण और वर्कशॉप प्रथाएँ
- उपकरण: स्क्रूड्राइवर, प्लायर्स, मल्टीमीटर, सोल्डरिंग आयरन।
- वर्कशॉप सुरक्षा: उपकरण संचालन, स्वच्छता बनाए रखना।
- मूल फैब्रिकेशन: उपकरण माउंट के लिए कटिंग, ड्रिलिंग, फाइलिंग।
- माप तकनीकें
- दबाव माप: मैनोमीटर, बोरडन ट्यूब, डायफ्राम।
- तापमान माप: थर्मोकपल, RTD, थर्मिस्टर।
- प्रवाह माप: ओरिफिस प्लेट, वेंचुरी ट्यूब, रोटामीटर।
- कैलिब्रेशन सिद्धांत
- कैलिब्रेशन: परिभाषा, मानक, ट्रेसेबिलिटी।
- त्रुटियाँ: व्यवस्थित, यादृच्छिक, शून्य, स्पैन त्रुटियाँ।
- उपकरण: डेडवेट टेस्टर, कैलिब्रेटर, संदर्भ मानक।
- इंस्ट्रूमेंटेशन का परिचय
- सेमेस्टर 2
- इलेक्ट्रॉनिक्स मूल बातें
- सेमीकंडक्टर: डायोड, ट्रांजिस्टर, IC, ऑपरेशनल एम्पलीफायर।
- सर्किट: एम्पलीफायर, ऑसिलेटर, फिल्टर, पावर सप्लाई।
- डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स: लॉजिक गेट, फ्लिप-फ्लॉप, काउंटर।
- उपकरण स्थापना
- पाइपिंग और ट्यूबिंग: मानक, फिटिंग, रिसाव परीक्षण।
- माउंटिंग: सेंसर, ट्रांसमीटर, नियंत्रण पैनल।
- वायरिंग: सिग्नल केबल, शील्डिंग, ग्राउंडिंग तकनीक।
- स्तर और प्रवाह माप
- स्तर उपकरण: फ्लोट, अल्ट्रासोनिक, रडार, कैपेसिटेंस प्रकार।
- प्रवाह उपकरण: इलेक्ट्रोमैग्नेटिक, टरबाइन, अल्ट्रासोनिक मीटर।
- अनुप्रयोग: टैंक, पाइपलाइन, प्रक्रिया उद्योग।
- नियंत्रण प्रणाली मूल बातें
- ओपन-लूप बनाम क्लोज्ड-लूप सिस्टम, फीडबैक तंत्र।
- नियंत्रक: ऑन-ऑफ, आनुपातिक, PID नियंत्रण।
- सिग्नल: 4-20 mA, 0-10 V, न्यूमेटिक सिग्नल।
- रखरखाव प्रथाएँ
- निवारक रखरखाव: शेड्यूल, चेकलिस्ट, निरीक्षण।
- समस्या निवारण: दोष निदान, सिग्नल हानि, ड्रिफ्ट।
- दस्तावेजीकरण: रखरखाव लॉग, कैलिब्रेशन रिपोर्ट।
- सुरक्षा मानक
- औद्योगिक सुरक्षा: खतरनाक क्षेत्र, विस्फोट-प्रूफ उपकरण।
- मानक: ISA, IEC, BIS इंस्ट्रूमेंटेशन के लिए।
- आपातकालीन प्रक्रियाएँ: रिसाव, विद्युत दोष संभालना।
- इलेक्ट्रॉनिक्स मूल बातें
- सेमेस्टर 3
- उन्नत इंस्ट्रूमेंटेशन
- ट्रांसमीटर: दबाव, तापमान, प्रवाह, स्तर ट्रांसमीटर।
- स्मार्ट उपकरण: HART, Foundation Fieldbus, Profibus।
- SCADA सिस्टम: अवलोकन, डेटा अधिग्रहण, रिमोट मॉनिटरिंग।
- प्रक्रिया नियंत्रण
- नियंत्रण वाल्व: प्रकार (ग्लोब, बटरफ्लाई), एक्ट्यूएटर, पोजिशनर।
- ट्यूनिंग: PID नियंत्रक ट्यूनिंग, Ziegler-Nichols विधि।
- कैस्केड नियंत्रण: मास्टर-स्लेव लूप, अनुपात नियंत्रण।
- विश्लेषणात्मक उपकरण
- pH मीटर, चालकता मीटर, गैस विश्लेषक।
- स्पेक्ट्रोस्कोपी: UV, IR, मास स्पेक्ट्रोमेट्री मूल बातें।
- कैलिब्रेशन: मानक समाधान, इलेक्ट्रोड रखरखाव।
- PLC मूल बातें
- प्रोग्रामेबल लॉजिक कंट्रोलर: वास्तुकला, I/O मॉड्यूल।
- प्रोग्रामिंग: लैडर लॉजिक, मूल निर्देश।
- एकीकरण: PLC को फील्ड उपकरणों के साथ जोड़ना।
- न्यूमेटिक सिस्टम
- न्यूमेटिक उपकरण: फ्लैपर-नोजल, I/P कनवर्टर।
- वायु आपूर्ति: कंप्रेसर, रेगुलेटर, ड्रायर।
- रखरखाव: रिसाव का पता लगाना, एक्ट्यूएटर सर्विसिंग।
- औद्योगिक संचार
- प्रोटोकॉल: Modbus, OPC, ईथरनेट-आधारित सिस्टम।
- नेटवर्किंग: RS-232, RS-485, वायरलेस संचार।
- डेटा लॉगिंग: हिस्टोरियन, रुझान विश्लेषण।
- उन्नत इंस्ट्रूमेंटेशन
- सेमेस्टर 4
- स्वचालन प्रणाली
- DCS (वितरित नियंत्रण प्रणाली): वास्तुकला, अनुप्रयोग।
- औद्योगिक IoT: सेंसर, क्लाउड एकीकरण, भविष्यवाणी रखरखाव।
- रोबोटिक्स: स्वचालित प्रक्रिया नियंत्रण की मूल बातें।
- समस्या निवारण और मरम्मत
- दोष निदान: लूप टेस्टिंग, सिग्नल ट्रेसिंग, मूल कारण विश्लेषण।
- मरम्मत तकनीक: सेंसर, PCB बदलना, पुनर्कैलिब्रेशन।
- केस स्टडी: दबाव, प्रवाह सिस्टम में सामान्य विफलताएँ।
- परियोजना प्रबंधन
- नियोजन: नए सेटअप, रेट्रोफिटिंग के लिए इंस्ट्रूमेंटेशन।
- लागत: उपकरणों, रखरखाव अनुबंधों के लिए बजट।
- दस्तावेजीकरण: P&ID आरेख, लूप ड्राइंग, SOP।
- ऊर्जा प्रबंधन
- ऊर्जा-कुशल उपकरण: कम-शक्ति सेंसर, नियंत्रक।
- निगरानी: ऊर्जा ऑडिट के लिए प्रवाह, तापमान।
- अनुकूलन: प्रक्रिया संयंत्रों में हानि कम करना।
- पेशेवर कौशल
- उद्यमिता: इंस्ट्रूमेंटेशन सेवा व्यवसाय शुरू करना।
- उद्योग रुझान: स्वचालन में AI, स्मार्ट कारखाने, इंडस्ट्री 4.0।
- ग्राहक संवाद: बोलियाँ, तकनीकी प्रस्ताव तैयार करना।
- पर्यावरण और सुरक्षा अनुपालन
- प्रदूषण नियंत्रण: उत्सर्जन निगरानी, स्टैक विश्लेषक।
- सुरक्षा ऑडिट: SIL रेटिंग, आंतरिक सुरक्षा मानक।
- नियम: पर्यावरण कानून, कार्यस्थल सुरक्षा मानदंड।
- स्वचालन प्रणाली
2. ट्रेड प्रैक्टिकल (हाथों से कौशल)
वर्कशॉप और नकली औद्योगिक सेटअप में प्रायोगिक इंस्ट्रूमेंटेशन कार्यों पर केंद्रित।
- सेमेस्टर 1
- वर्कशॉप प्रथाएँ
- उपकरण उपयोग: कटिंग, ड्रिलिंग, सोल्डरिंग, वायर क्रिम्पिंग।
- माप: वर्नियर कैलिपर, माइक्रोमीटर, मल्टीमीटर उपयोग।
- माउंट फैब्रिकेशन: उपकरणों के लिए ब्रैकेट, स्टैंड तैयार करना।
- मूल माप
- दबाव: डेडवेट टेस्टर से गेज कैलिब्रेट करना।
- तापमान: स्नान के साथ थर्मोकपल, RTD परीक्षण।
- प्रवाह: रोटामीटर सेटअप, रीडिंग जाँचना।
- विद्युत सर्किट
- सर्किट बनाना: श्रृंखला, समानांतर, ब्रेडबोर्ड उपयोग।
- घटक परीक्षण: मल्टीमीटर से प्रतिरोधक, संधारित्र।
- वायरिंग: मॉक पैनल में स्विच, रिले जोड़ना।
- कैलिब्रेशन अभ्यास
- गेज कैलिब्रेट करना: लैब में शून्य, स्पैन समायोजन।
- मानक उपयोग: संदर्भ थर्मामीटर, दबाव पंप।
- डेटा रिकॉर्डिंग: कैलिब्रेशन प्रमाणपत्र तैयार करना।
- सुरक्षा अभ्यास
- पीपीई संचालन: दस्ताने, चश्मा, ईयरप्लग पहनना।
- अग्नि सुरक्षा: अग्निशामक उपयोग, निकासी अभ्यास।
- प्राथमिक चिकित्सा: प्रशिक्षण में छोटे झटके, जलन उपचार।
- प्रोजेक्ट कार्य
- साधारण उपकरण असेंबलिंग: प्रेशर गेज सेटअप।
- कार्य दस्तावेजीकरण: कैलिब्रेशन, रखरखाव रिपोर्ट तैयार करना।
- वर्कशॉप प्रथाएँ
- सेमेस्टर 2
- उपकरण स्थापना
- सेंसर स्थापना: मॉक पाइपलाइन में दबाव, तापमान।
- लूप वायरिंग: 4-20 mA ट्रांसमीटर को पैनल से जोड़ना।
- रिसाव परीक्षण: लैब में ट्यूबिंग, फिटिंग जाँचना।
- स्तर और प्रवाह अभ्यास
- स्तर सेंसर सेटअप: मॉक टैंक में अल्ट्रासोनिक, फ्लोट।
- फ्लो मीटर कैलिब्रेशन: फ्लो रिग में ओरिफिस, टरबाइन।
- समस्या निवारण: रुकावट, सिग्नल त्रुटि निदान।
- इलेक्ट्रॉनिक्स अभ्यास
- सर्किट बनाना: PCB पर एम्पलीफायर, ऑसिलेटर।
- IC परीक्षण: लॉजिक प्रोब, ऑसिलोस्कोप उपयोग।
- सोल्डरिंग: लैब में छोटे नियंत्रण सर्किट असेंबलिंग।
- नियंत्रण प्रणाली
- नियंत्रक सेटअप: मॉक सेटअप में ऑन-ऑफ, PID।
- लूप सिमुलेशन: सेंसर को नियंत्रकों से जोड़ना।
- ट्यूनिंग: स्थिरता के लिए PID पैरामीटर समायोजित करना।
- रखरखाव अभ्यास
- उपकरण निरीक्षण: लैब में घिसाव, संक्षारण जाँचना।
- सेंसर सफाई: प्रोब से गंदगी, स्केलिंग हटाना।
- लॉगिंग: रखरखाव रिकॉर्ड, दोष रिपोर्ट अपडेट करना।
- प्रोजेक्ट कार्य
- नियंत्रण लूप स्थापना: सेंसर, ट्रांसमीटर, नियंत्रक।
- परिणाम प्रस्तुति: कैलिब्रेशन डेटा, लूप प्रदर्शन।
- उपकरण स्थापना
- सेमेस्टर 3
- उन्नत कैलिब्रेशन
- ट्रांसमीटर कैलिब्रेशन: स्मार्ट प्रेशर, फ्लो डिवाइस।
- HART कम्युनिकेटर उपयोग: फील्ड उपकरण कॉन्फिगर करना।
- सटीकता परीक्षण: मास्टर मानकों के साथ तुलना।
- नियंत्रण वाल्व अभ्यास
- वाल्व असेंबलिंग: एक्ट्यूएटर, पोजिशनर स्थापित करना।
- पोजिशनर कैलिब्रेशन: स्ट्रोक टेस्टिंग, फीडबैक जाँच।
- समस्या निवारण: वाल्व अटकना, रिसाव निदान।
- PLC प्रोग्रामिंग
- लैडर लॉजिक लेखन: स्टार्ट-स्टॉप, टाइमर प्रोग्राम।
- PLC कनेक्शन: सेंसर, रिले के साथ इंटरफेसिंग।
- प्रक्रिया सिमुलेशन: मॉक पंप, मोटर नियंत्रण।
- विश्लेषणात्मक उपकरण
- pH मीटर कैलिब्रेशन: लैब में बफर समाधान उपयोग।
- गैस विश्लेषक परीक्षण: CO, O2 सेंसर जाँचना।
- इलेक्ट्रोड रखरखाव: प्रोब सफाई, प्रतिस्थापन।
- न्यूमेटिक सिस्टम
- I/P कनवर्टर सेटअप: लैब में सिग्नल रूपांतरण।
- एक्ट्यूएटर सर्विसिंग: डायफ्राम, सील जाँचना।
- वायु आपूर्ति परीक्षण: रेगुलेटर, फिल्टर समायोजित करना।
- प्रोजेक्ट कार्य
- नियंत्रण प्रणाली डिज़ाइन: PLC, सेंसर एकीकरण।
- सेटअप दस्तावेजीकरण: लूप आरेख, परीक्षण रिपोर्ट तैयार करना।
- उन्नत कैलिब्रेशन
- सेमेस्टर 4
- स्वचालन अभ्यास
- SCADA कॉन्फिगरेशन: लैब में टैग, अलार्म सेटअप।
- DCS परीक्षण: प्रक्रिया नियंत्रण लूप सिमुलेशन।
- IoT उपयोग: सेंसर को क्लाउड प्लेटफॉर्म से जोड़ना।
- समस्या निवारण
- दोष निदान: लूप विफलता, संचार त्रुटियाँ।
- उपकरण मरम्मत: दोषपूर्ण PCB, सेंसर बदलना।
- मरम्मत परीक्षण: मरम्मत के बाद प्रदर्शन सत्यापन।
- औद्योगिक संचार
- Modbus सेटअप: मॉक नेटवर्क में डिवाइस जोड़ना।
- RS-485 परीक्षण: सिग्नल अखंडता, टर्मिनेशन जाँचना।
- डेटा लॉगिंग: रुझानों के लिए हिस्टोरियन कॉन्फिगर करना।
- ऊर्जा प्रबंधन
- प्रवाह निगरानी: ऊर्जा ऑडिट के लिए मीटर उपयोग।
- सिस्टम अनुकूलन: दक्षता के लिए नियंत्रण समायोजित करना।
- रिपोर्टिंग: ऊर्जा खपत रिपोर्ट तैयार करना।
- सुरक्षा और अनुपालन
- उपकरण ऑडिट: SIL, आंतरिक सुरक्षा जाँचना।
- विश्लेषक परीक्षण: उत्सर्जन मॉनिटर कैलिब्रेट करना।
- अनुपालन दस्तावेजीकरण: सुरक्षा प्रमाणपत्र तैयार करना।
- प्रोजेक्ट कार्य
- इंस्ट्रूमेंटेशन सिस्टम विकास: मॉक प्रक्रिया संयंत्र के लिए।
- पोर्टफोलियो प्रस्तुति: P&ID, कैलिब्रेशन लॉग, परियोजना रिपोर्ट सहित।
- स्वचालन अभ्यास
3. वर्कशॉप कैलकुलेशन और विज्ञान
इंस्ट्रूमेंटेशन कार्यों के लिए गणितीय और वैज्ञानिक सहायता प्रदान करता है।
- सेमेस्टर 1
- अंकगणित: त्रुटियाँ, सिग्नल रेंज, कैलिब्रेशन बिंदु गणना।
- बीजगणित: प्रवाह, दबाव गणना के लिए समीकरण हल करना।
- विज्ञान: गैसों, तरलों के गुण, थर्मल विस्तार।
- सेमेस्टर 2
- त्रिकोणमिति: पाइपिंग, सेंसर संरेखण में कोण।
- सांख्यिकी: कैलिब्रेशन डेटा, त्रुटि वितरण विश्लेषण।
- विज्ञान: द्रव गतिशीलता, विद्युत चालकता, ऊष्मा हस्तांतरण।
- सेमेस्टर 3
- कैलकुलस: PID ट्यूनिंग, सिग्नल परिवर्तन दर के लिए मूल बातें।
- लघुगणक: pH, डेसिबल गणनाओं में उपयोग।
- विज्ञान: इलेक्ट्रोकैमिस्ट्री, विश्लेषणात्मक उपकरणों के लिए ऑप्टिक्स।
- सेमेस्टर 4
- गणना: परियोजना बजट, ऊर्जा खपत विश्लेषण।
- संभावना: उपकरण विश्वसनीयता, विफलता दर।
- विज्ञान: पर्यावरण रसायन, ऊर्जा संरक्षण सिद्धांत।
4. इंजीनियरिंग ड्राइंग
इंस्ट्रूमेंटेशन सिस्टम के लिए तकनीकी ड्राफ्टिंग पर केंद्रित।
- सेमेस्टर 1: मूल घटकों, ऑर्थोग्राफिक प्रोजेक्शन स्केचिंग।
- सेमेस्टर 2: P&ID, लूप आरेख, वायरिंग लेआउट ड्राइंग।
- सेमेस्टर 3: नियंत्रण पैनल, उपकरण माउंटिंग योजना डिज़ाइन।
- सेमेस्टर 4: विस्तृत प्रक्रिया प्रवाह आरेख, सिस्टम लेआउट बनाना।
5. एम्प्लॉयबिलिटी स्किल्स
नौकरी की तैयारी और सॉफ्ट स्किल्स को बढ़ाता है।
- सेमेस्टर 1
- संचार कौशल: दोष रिपोर्टिंग, लॉग लेखन।
- समय प्रबंधन: रखरखाव, कैलिब्रेशन कार्यों को प्राथमिकता देना।
- बुनियादी आईटी कौशल: Excel, कैलिब्रेशन सॉफ्टवेयर उपयोग।
- सेमेस्टर 2
- टीमवर्क: इंजीनियरों, इलेक्ट्रीशियनों के साथ सहयोग।
- समस्या समाधान: उपकरण विफलताओं का निदान।
- आईटी कौशल: HART, SCADA इंटरफेस कॉन्फिगर करना।
- सेमेस्टर 3
- नेतृत्व: लैब में जूनियर तकनीशियनों की निगरानी।
- बातचीत: विक्रेता कोट्स, सेवा अनुबंधों पर चर्चा।
- उन्नत आईटी: PLC प्रोग्रामिंग, नेटवर्किंग मूल बातें।
- सेमेस्टर 4
- उद्यमिता: इंस्ट्रूमेंटेशन सेवा फर्म की योजना।
- ग्राहक प्रबंधन: प्रस्ताव, तकनीकी बोलियाँ तैयार करना।
- उद्योग जागरूकता: स्वचालन रुझान, सुरक्षा मानदंड समझना।
मूल्यांकन और प्रमाणन
- परीक्षाएँ: सेमेस्टर-वार आयोजित, जिसमें सैद्धांतिक और प्रायोगिक घटक शामिल हैं।
- प्रमाणपत्र: सफल उम्मीदवारों को एनसीवीटी से नेशनल ट्रेड सर्टिफिकेट (एनटीसी) प्रदान किया जाता है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है।
- मूल्यांकन: कैलिब्रेशन सटीकता, समस्या निवारण कौशल, सिस्टम स्थापना दक्षता, और प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर।
करियर अवसर
- रोजगार: तेल और गैस, विनिर्माण, या पावर प्लांट जैसे उद्योगों में इंस्ट्रूमेंट तकनीशियन, कैलिब्रेशन इंजीनियर, रखरखाव सुपरवाइज़र।
- स्व-रोजगार: इंस्ट्रूमेंटेशन कैलिब्रेशन या रखरखाव सेवा शुरू करना।
- आगे की पढ़ाई: इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा, इलेक्ट्रॉनिक्स/इंस्ट्रूमेंटेशन में बी.टेक, या ISA-CCST जैसे प्रमाणन।
नोट
- यह पाठ्यक्रम नवीनतम एनसीवीटी दिशानिर्देशों के साथ संरेखित है और संस्थागत या राज्य-विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर थोड़ा भिन्न हो सकता है।
- सबसे नवीनतम संस्करण के लिए, डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेनिंग (डीजीटी) या अपने स्थानीय आईटीआई से संपर्क करें।
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