आईटीआई स्वास्थ्य सुरक्षा और पर्यावरण ट्रेड पाठ्यक्रम

आईटीआई "स्वास्थ्य सुरक्षा और पर्यावरण" ट्रेड एक वर्षीय व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जो नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग (एनसीवीटी) द्वारा क्राफ्ट्समैन ट्रेनिंग स्कीम (सीटीएस) के तहत संचालित होता है। यह कोर्स प्रशिक्षुओं को कार्यस्थल खतरों की पहचान, सुरक्षा उपायों को लागू करने, व्यावसायिक स्वास्थ्य सुनिश्चित करने, और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने में कौशल प्रदान करता है। पाठ्यक्रम में सैद्धांतिक ज्ञान, प्रायोगिक सुरक्षा तकनीकें, और रोजगार योग्यता कौशल शामिल हैं, जो छात्रों को विनिर्माण, निर्माण, और सेवा जैसे उद्योगों में सुरक्षा सुपरवाइज़र, स्वास्थ्य निरीक्षक, या पर्यावरण समन्वयक, या सुरक्षा प्रबंधन में सलाहकार के रूप में भूमिकाओं के लिए तैयार करता है।

कोर्स का संक्षिप्त विवरण

  • अवधि: 1 वर्ष (2 सेमेस्टर, प्रत्येक 6 महीने)
  • एनएसक्यूएफ स्तर: स्तर 4
  • योग्यता: न्यूनतम 10वीं कक्षा उत्तीर्ण (या समकक्ष)
  • उद्देश्य: स्वास्थ्य, सुरक्षा, और पर्यावरणीय प्रथाओं में प्रशिक्षण देना ताकि सुरक्षित कार्यस्थल बनें, श्रमिक कल्याण सुरक्षित हो, और नियामक मानकों का अनुपालन हो।

विस्तृत पाठ्यक्रम विभाजन 

1. ट्रेड थ्योरी (सैद्धांतिक ज्ञान)

स्वास्थ्य, सुरक्षा, और पर्यावरण प्रबंधन की मूलभूत अवधारणाओं को कवर करता है।

  • सेमेस्टर 1
    • स्वास्थ्य, सुरक्षा, और पर्यावरण (एचएसई) का परिचय
      • एचएसई का अवलोकन: महत्व, दायरा, और उद्योग अनुप्रयोग।
      • एचएसई पेशेवर की भूमिका: खतरा पहचान, सुरक्षा लागू करना, पर्यावरण संरक्षण।
      • कार्यस्थलों के प्रकार: औद्योगिक, निर्माण, कार्यालय, और संबंधित जोखिम।
    • व्यावसायिक स्वास्थ्य
      • सामान्य कार्यस्थल बीमारियाँ: श्वसन समस्याएँ, एर्गोनोमिक चोटें, सुनाई नुकसान।
      • व्यक्तिगत स्वच्छता: स्वच्छता, सुरक्षात्मक कपड़े, स्वास्थ्य जाँच।
      • प्राथमिक चिकित्सा: सीपीआर, घाव देखभाल, जलन, और आपातकालीन प्रतिक्रिया की मूल बातें।
    • कार्यस्थल सुरक्षा
      • खतरा पहचान: भौतिक, रासायनिक, जैविक, एर्गोनोमिक खतरे।
      • सुरक्षा उपकरण: अग्निशामक, सुरक्षा चिह्न, अलार्म, पीपीई (हेलमेट, दस्ताने, मास्क)।
      • सुरक्षित प्रथाएँ: मशीनरी, विद्युत प्रणालियाँ, सीमित स्थान संभालना।
    • पर्यावरण प्रबंधन
      • प्रदूषण प्रकार: वायु, जल, मिट्टी, शोर – कारण और रोकथाम।
      • कचरा प्रबंधन: पृथक्करण, पुनर्चक्रण, खतरनाक कचरे का निपटान।
      • स्थिरता: ऊर्जा संरक्षण, जल प्रबंधन, हरित प्रथाएँ।
    • नियम और अनुपालन
      • सुरक्षा कानून: फैक्ट्री अधिनियम, व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य (ओएसएच) मानक, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम।
      • जोखिम आकलन: कार्यस्थल जोखिमों की पहचान, विश्लेषण, और न्यूनीकरण।
      • सुरक्षा ऑडिट: निरीक्षण करना, गैर-अनुपालन रिपोर्टिंग।
    • आपातकालीन तैयारी
      • आपातकालीन योजना: निकासी योजनाएँ, अग्नि अभ्यास, रिसाव प्रतिक्रिया।
      • आपदा प्रबंधन: बाढ़, भूकंप, रासायनिक रिसाव संभालना।
      • संचार: आपातकाल के दौरान टीमों, अधिकारियों के साथ समन्वय।
  • सेमेस्टर 2
    • उन्नत सुरक्षा प्रबंधन
      • व्यवहार-आधारित सुरक्षा: सुरक्षित कार्य संस्कृति को बढ़ावा देना, कर्मचारी जागरूकता।
      • घटना जाँच: मूल कारण विश्लेषण, दुर्घटना रिपोर्टिंग, पुनरावृत्ति रोकना।
      • सुरक्षा प्रशिक्षण: श्रमिकों, सुपरवाइज़रों के लिए कार्यक्रम डिज़ाइन करना।
    • व्यावसायिक स्वास्थ्य निगरानी
      • स्वास्थ्य निगरानी: शोर, रसायन, धूल के संपर्क की निगरानी।
      • एर्गोनॉमिक्स: कार्यस्थानों का डिज़ाइन, दोहरावदार तनाव चोटें रोकना।
      • मानसिक स्वास्थ्य: तनाव प्रबंधन, कार्यस्थल कल्याण कार्यक्रम।
    • पर्यावरण संरक्षण
      • पर्यावरणीय प्रभाव आकलन: परियोजनाओं के पारिस्थितिक प्रभावों का मूल्यांकन।
      • खतरनाक सामग्री संचालन: रसायनों का भंडारण, परिवहन, निपटान।
      • नवीकरणीय ऊर्जा: सौर, पवन, और ऊर्जा-कुशल प्रणालियों की मूल बातें।
    • औद्योगिक सुरक्षा प्रणालियाँ
      • अग्नि सुरक्षा: आग के प्रकार, दमन प्रणालियाँ, अग्नि रोकथाम योजनाएँ।
      • विद्युत सुरक्षा: अर्थिंग, सर्किट संरक्षण, लॉकआउट-टैगआउट प्रक्रियाएँ।
      • मशीन गार्डिंग: उपकरण, मशीनरी का सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करना।
    • पेशेवर कौशल
      • उद्यमिता: सुरक्षा परामर्श या प्रशिक्षण सेवा शुरू करना।
      • दस्तावेज़ीकरण: सुरक्षा रिकॉर्ड, अनुपालन रिपोर्ट बनाए रखना।
      • उद्योग रुझान: सुरक्षा निगरानी में IoT, AI अपनाना, हरित प्रमाणन।

2. ट्रेड प्रैक्टिकल (हाथों से कौशल)

प्रायोगिक स्वास्थ्य, सुरक्षा, और पर्यावरण तकनीकों पर केंद्रित।

  • सेमेस्टर 1
    • खतरा पहचान
      • कार्यस्थल निरीक्षण करना: मॉक सेटअप (जैसे, कारखाने, कार्यालय) में जोखिम पहचान।
      • खतरों का वर्गीकरण: रासायनिक रिसाव, विद्युत दोष, असुरक्षित संरचनाएँ।
      • जोखिम रिपोर्ट तैयार करना: निष्कर्ष दस्तावेजीकरण, नियंत्रण सुझाना।
    • सुरक्षा उपकरण संचालन
      • पीपीई उपयोग: हेलमेट, दस्ताने, सुरक्षा जूते, रेस्पिरेटर सही पहनना।
      • सुरक्षा उपकरण संचालित करना: अग्निशामक, अलार्म, आपातकालीन शावर।
      • उपकरण रखरखाव: पीपीई और सुरक्षा उपकरणों की सफाई, निरीक्षण।
    • प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण
      • प्राथमिक चिकित्सा अभ्यास: मॉक परिदृश्यों में सीपीआर, बैंडेजिंग, जलन उपचार।
      • प्राथमिक चिकित्सा किट सेटअप: आवश्यक आपूर्ति की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
      • आपातकाल अनुकरण: चोट, बेहोशी, या शॉक मामलों में प्रतिक्रिया।
    • पर्यावरण प्रथाएँ
      • कचरा पृथक्करण: पुनर्चक्रण योग्य, खतरनाक, और गैर-खतरनाक कचरे को छाँटना।
      • प्रदूषण मापना: मॉक सेटअप में शोर, वायु गुणवत्ता जाँचने के लिए बुनियादी उपकरण।
      • खाद बनाना: स्थिरता के लिए जैविक कचरे से खाद बनाना।
    • सुरक्षा अभ्यास
      • अग्नि अभ्यास करना: निकासी, बचाव मार्गों का उपयोग अभ्यास।
      • रिसाव अनुकरण: अवशोषक सामग्री के साथ रासायनिक रिसाव संभालना।
      • सीमित स्थान सुरक्षा अभ्यास: मॉक वातावरण में प्रवेश-निकास प्रक्रियाएँ।
    • प्रोजेक्ट कार्य
      • मॉक कार्यस्थल (जैसे, वर्कशॉप, कार्यालय) का सुरक्षा ऑडिट करना।
      • खतरे, सुरक्षा उपाय, और अनुपालन स्थिति का दस्तावेजीकरण।
  • सेमेस्टर 2
    • उन्नत सुरक्षा प्रथाएँ
      • सुरक्षा साइनेज डिज़ाइन करना: मॉक कार्यस्थलों के लिए चेतावनियाँ, निर्देश बनाना।
      • लॉकआउट-टैगआउट लागू करना: रखरखाव के दौरान मशीनों को अलग करना।
      • टूलबॉक्स टॉक करना: मॉक श्रमिकों को दैनिक सुरक्षा कार्यों पर ब्रीफिंग।
    • स्वास्थ्य निगरानी
      • शोर स्तर मापना: मॉक औद्योगिक सेटअप में साउंड मीटर उपयोग।
      • एर्गोनॉमिक्स आकलन: कार्यस्थानों का विश्लेषण, सुधार सुझाना।
      • स्वास्थ्य जाँच अनुकरण: श्रमिकों के धूल, रसायन संपर्क की निगरानी।
    • पर्यावरण संरक्षण
      • खतरनाक सामग्री संचालन: रसायनों का लेबलिंग, सुरक्षित भंडारण।
      • रिसाव सफाई अनुकरण: नियंत्रित सेटअप में एसिड, तेल बेअसर करना।
      • वृक्षारोपण: पर्यावरण जागरूकता के लिए वृक्षारोपण अभियान आयोजित करना।
    • घटना प्रबंधन
      • मॉक दुर्घटनाओं की जाँच: कारणों की पहचान, रिपोर्ट तैयार करना।
      • आपातकालीन प्रतिक्रिया अनुकरण: निकासी, बचाव समन्वय।
      • घटनाओं की समीक्षा: मॉक मामलों के लिए निवारक उपाय सुझाना।
    • अनुपालन और प्रशिक्षण
      • सुरक्षा मैनुअल तैयार करना: मॉक कार्यस्थलों के लिए प्रक्रियाएँ दस्तावेजीकरण।
      • प्रशिक्षण सत्र आयोजित करना: सहपाठियों को सुरक्षा प्रथाएँ सिखाना।
      • अनुपालन जाँचना: मॉक सेटअप में पीपीई उपयोग, अग्नि निकास ऑडिट।
    • प्रोजेक्ट कार्य
      • मॉक उद्योग (जैसे, कारखाना, निर्माण स्थल) के लिए पूर्ण एचएसई योजना विकसित करना।
      • जोखिम आकलन, सुरक्षा अभ्यास, और पर्यावरण पहलों के साथ पोर्टफोलियो प्रस्तुत करना।

3. वर्कशॉप कैलकुलेशन और विज्ञान

एचएसई कार्यों के लिए गणितीय और वैज्ञानिक सहायता प्रदान करता है।

  • सेमेस्टर 1
    • अंकगणित: संपर्क सीमा, पीपीई मात्रा, निकासी समय गणना।
    • माप: अग्नि निकास, वेंटिलेशन आवश्यकताओं के लिए क्षेत्र अनुमान।
    • विज्ञान: विषविज्ञान, दहन, प्रदूषण रसायन की मूल बातें।
  • सेमेस्टर 2
    • गणना: जोखिम स्कोर, कचरा आयतन, ऊर्जा बचत निर्धारण।
    • सांख्यिकी: दुर्घटना दर, सुरक्षा प्रदर्शन मेट्रिक्स विश्लेषण।
    • विज्ञान: एर्गोनॉमिक्स सिद्धांत, पर्यावरणीय सूक्ष्म जीवविज्ञान, नवीकरणीय ऊर्जा मूल बातें।

4. इंजीनियरिंग ड्राइंग

सुरक्षा लेआउट के लिए तकनीकी ड्राइंग पर केंद्रित।

  • सेमेस्टर 1: कार्यस्थल लेआउट, अग्नि निकास मार्ग, खतरा क्षेत्र रेखाचित्र।
  • सेमेस्टर 2: सुरक्षा प्रणालियों (जैसे, वेंटिलेशन, अग्नि दमन) के लिए विस्तृत डायग्राम।

5. एम्प्लॉयबिलिटी स्किल्स

नौकरी की तैयारी और सॉफ्ट स्किल्स को बढ़ाता है।

  • सेमेस्टर 1
    • संचार कौशल: खतरे रिपोर्टिंग, श्रमिकों को सुरक्षा पर ब्रीफिंग।
      • समय प्रबंधन: सुरक्षा निरीक्षण, आपातकालीन प्रतिक्रियाओं को प्राथमिकता देना।
      • बुनियादी आईटी कौशल: सुरक्षा रिकॉर्ड, जोखिम आकलन के लिए सॉफ्टवेयर उपयोग।
  • सेमेस्टर 2
    • उद्यमिता: सुरक्षा प्रशिक्षण या परामर्श व्यवसाय योजना।
    • टीमवर्क: श्रमिकों, प्रबंधकों, और नियामकों के साथ सहयोग।
    • नेतृत्व: टीमों को सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए प्रेरित करना।

मूल्यांकन और प्रमाणन

  • परीक्षाएँ: सेमेस्टर-वार आयोजित, जिसमें सैद्धांतिक और प्रायोगिक घटक शामिल हैं।
  • प्रमाणपत्र: सफल उम्मीदवारों को एनसीवीटी से नेशनल ट्रेड सर्टिफिकेट (एनटीसी) प्रदान किया जाता है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है।
  • मूल्यांकन: सुरक्षा कौशल, स्वास्थ्य निगरानी, पर्यावरण प्रथाओं, सैद्धांतिक ज्ञान, और प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर।

करियर अवसर

  • रोजगार: विनिर्माण, निर्माण, या सेवा उद्योगों में सुरक्षा सुपरवाइज़र, स्वास्थ्य निरीक्षक, पर्यावरण समन्वयक।
  • स्व-रोजगार: सुरक्षा परामर्श, प्रशिक्षण सेवा, या पर्यावरण ऑडिटिंग फर्म शुरू करना।
  • आगे की पढ़ाई: औद्योगिक सुरक्षा, पर्यावरण विज्ञान, या व्यावसायिक स्वास्थ्य में डिप्लोमा।

नोट

  • यह पाठ्यक्रम नवीनतम एनसीवीटी दिशानिर्देशों के साथ संरेखित है और संस्थागत या राज्य-विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर थोड़ा भिन्न हो सकता है।
  • सबसे नवीनतम संस्करण के लिए, डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेनिंग (डीजीटी) या अपने स्थानीय आईटीआई से संपर्क करें।