अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण योजना: उन्नत राजमिस्त्री पाठ्यक्रम

पाठ्यक्रम का विवरण

यह पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शिकाऊ उमेदवारी प्रोत्साहन योजना (NAPS) के तहत उन्नत राजमिस्त्री ट्रेड के लिए तैयार किया गया है। यह जटिल ईंट की चिनाई, पत्थर की चिनाई, प्लास्टरिंग, टाइलिंग, और निर्माण सुरक्षा में कौशल प्रदान करता है। प्रशिक्षण अवधि 1 वर्ष है, जिसमें मूल प्रशिक्षण और कार्यस्थल पर प्रशिक्षण शामिल हैं।

1. मूल प्रशिक्षण (Basic Training)

अवधि: 3-6 महीने
माध्यम: औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) या नियोक्ता का प्रशिक्षण केंद्र
उद्देश्य: उन्नत राजमिस्त्री तकनीकों, उपकरणों, और सुरक्षा मानकों में आधारभूत कौशल प्रदान करना।

विषय:

  1. राजमिस्त्री का परिचय
    • राजमिस्त्री का महत्व और निर्माण उद्योग में भूमिका।
    • उन्नत राजमिस्त्री बनाम मूल राजमिस्त्री: अंतर।
    • प्रकार: ईंट, पत्थर, और कंक्रीट ब्लॉक चिनाई।
  2. उपकरण और सामग्री
    • उन्नत उपकरण: ट्रॉवेल, लेवल, चिनाई हथौड़ा, लेजर लेवल।
    • सामग्री: ईंट, पत्थर, सीमेंट, मोर्टार, टाइल्स।
    • सामग्री गुणवत्ता और चयन मानदंड।
  3. उन्नत चिनाई तकनीक
    • जटिल ईंट चिनाई: मेहराब, कोने, और सजावटी पैटर्न।
    • पत्थर की चिनाई: सूखी और गीली चिनाई, ड्रेसिंग।
    • कंक्रीट ब्लॉक और प्रबलित चिनाई।
  4. प्लास्टरिंग और टाइलिंग
    • प्लास्टर मिश्रण तैयार करना और लगाना।
    • सिरेमिक, पोर्सिलेन, और प्राकृतिक पत्थर की टाइलिंग।
    • ग्राउटिंग और फिनिशिंग तकनीक।
  5. निर्माण योजनाएँ और माप
    • ब्लूप्रिंट और निर्माण चित्र पढ़ना।
    • माप और गणना: क्षेत्रफल, आयतन, सामग्री अनुमान।
    • लेजर और डिजिटल माप उपकरणों का उपयोग।
  6. सुरक्षा और पर्यावरण
    • निर्माण स्थल पर सुरक्षा: PPE (हेलमेट, दस्ताने, जूते)।
    • मचान और सीढ़ी सुरक्षा।
    • पर्यावरणीय प्रथाएँ: अपशिष्ट प्रबंधन, धूल नियंत्रण।

मूल्यांकन:

  • लिखित परीक्षा: चिनाई तकनीक, उपकरण, सुरक्षा।
  • प्रैक्टिकल: ईंट मेहराब, पत्थर चिनाई, टाइलिंग।

2. कार्यस्थल पर प्रशिक्षण (On-the-Job Training)

अवधि: 6-9 महीने
माध्यम: नियोक्ता का कार्यस्थल
उद्देश्य: वास्तविक निर्माण परियोजनाओं में उन्नत राजमिस्त्री कौशल लागू करना।

कार्य:

  1. जटिल चिनाई कार्य: मेहराब, सजावटी दीवारें, कोने।
  2. पत्थर की चिनाई: दीवारें, फर्श, और स्मारक।
  3. प्लास्टरिंग: दीवार और छत की फिनिशिंग।
  4. टाइलिंग: बाथरूम, रसोई, और बाहरी क्षेत्र।
  5. मरम्मत और पुनर्स्थापना: पुरानी चिनाई की मरम्मत।
  6. सामग्री प्रबंधन: स्टॉक गणना, गुणवत्ता जाँच।
  7. सुरक्षा अनुपालन: PPE उपयोग, खतरा पहचान।

मूल्यांकन:

  • कार्य प्रदर्शन: नियोक्ता द्वारा चिनाई गुणवत्ता।
  • प्रोजेक्ट: छोटी चिनाई परियोजना (उदाहरण: मेहराब)।
  • उपस्थिति: 80% न्यूनतम।

3. संबंधित निर्देश (Related Instructions)

उद्देश्य: सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावसायिक कौशल को मजबूत करना।

विषय:

  1. निर्माण मानक: भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) दिशानिर्देश।
  2. उन्नत सामग्री: पर्यावरण-अनुकूल ईंट, मोर्टार।
  3. निर्माण कानून: भवन संहिता, श्रम कानून।
  4. सॉफ्ट स्किल्स: टीम समन्वय, ग्राहक संचार।
  5. उद्योग प्रथाएँ: आधुनिक निर्माण तकनीक (उदाहरण: प्री-कास्ट)।
  6. नैतिकता: कार्यस्थल सुरक्षा, अपशिष्ट न्यूनीकरण।

मूल्यांकन:

  • लिखित टेस्ट: निर्माण मानक, कानून।
  • प्रस्तुति: चिनाई तकनीक या सुरक्षा प्रथाएँ।

4. अखिल भारतीय ट्रेड टेस्ट (AITT)

प्रवेश: प्रशिक्षण पूरा करने के बाद।
प्रारूप:

  • लिखित: चिनाई तकनीक, उपकरण, सुरक्षा।
  • प्रैक्टिकल: मेहराब चिनाई, टाइलिंग, प्लास्टरिंग।

परिणाम: उत्तीर्ण उम्मीदवारों को राष्ट्रीय शिकाऊ प्रमाणपत्र (NAC)।

5. प्रशिक्षण के अन्य पहलू

  • विद्यावेतन: ₹6,000-₹10,000/माह।
  • प्रशिक्षण सुविधाएँ: उपकरण, सामग्री, सुरक्षा गियर।
  • प्रमाणन: NAC, सरकारी नौकरियों में मान्य।
  • पंजीकरण: apprenticeshipindia.gov.in

6. पाठ्यक्रम के उद्देश्य

  • उन्नत चिनाई तकनीकों में दक्षता।
  • निर्माण उपकरण और सामग्री में विशेषज्ञता।
  • सुरक्षा और पर्यावरणीय प्रथाओं का अनुपालन।

7. नोट्स

  • योग्यता: 8वीं पास (10वीं वांछनीय)।
  • आयु: 14 वर्ष से अधिक।
  • संसाधन: dgt.gov.in